बुरहानपुर: जिले की रेणुका देवी कृषि उपज मंडी में किसान बड़ी संख्या में अपना अनाज बेचने आते हैं. इसके अलावा कई मजदूर हम्माली भी करने आते हैं. इसी को ध्यान में रखकर यहां सस्ते दामों में भोजन उपलब्ध कराने के लिए कृषक भोजनालय की शुरुआत की गई थी, लेकिन विगत 4-5 सालों से यह भोजनालय बंद पड़ा है. हालांकि जिला प्रशासन की पहल पर दीनदयाल रसोई योजना के तहत भोजन की व्यवस्था कराई गई है, लेकिन यह खाना किसानों के खाने के लिए अपर्याप्त होता है. इससे उनका पेट नहीं भरता है.
कई सालों से बंद पड़ा है कृषक भोजनालय
रेणुका कृषि उपज मंडी में फसल बेचने के सीजन में किसानों और हम्मालों की भारी भीड़ होती है. जब कृषक भोजनालय चलता था तो वो सभी 5 रुपये में भरपेट भोजन करते थे. जिसमें 6 पूड़ी के साथ सब्जी, दाल और अचार मिलता था. विगत कई सालों से भोजनालय बंद पड़ा है. विकल्प के तौर पर प्रशासन ने दीनदयाल रसोई की व्यवस्था कर दी है, लेकिन किसानों का कहना है कि दीनदयाल रसोई में सिर्फ 25 लोगों को ही खाना मिलता है.
जबकि यहां सैकड़ों की संख्या में किसान और हम्माल आते हैं. ऐसे में बाकियों को या तो भूखे रहना पड़ता है या तो बाहर जाकर होटल या ढाबे पर खाना पड़ता है, जो काफी महंगा पड़ता है. किसानों और हम्मालों ने प्रशासन से दोबारा कृषक भोजनालय शुरू करने की मांग की है. ताकि उन्हें फिर से सस्ता और भरपेट भोजन मिल सके.
- मिट्टी के मकान से निकला बुरहानपुर का संगीत सम्राट, गीत नेशनल हिट तो आया मुंबई से बुलावा
- ठंड में बुरहानपुर के मरीजों को बड़ी राहत, पलंगों से खुलवाए गए कंबल, ईटीवी भारत की खबर का असर
चल रही है टेंडर की प्रक्रिया
कृषि उपज मंडी प्रभारी सचिव हरेन्द्र सिंह सिकरवार से जब मामले की जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया "हमने टेंडर के लिए कई बार विज्ञप्ति निकाली है, अभी बीते 19 दिसंबर को ही विज्ञप्ति जारी की गई है. दरअसल, यह सीजनली मंडी है. यहां फसलों को बेचने के दौरान ही भीड़ होती है. इसलिए कोई टेंडर नहीं लेना चाह रहा है. हम दीनदयाल रसोई सहित कई संस्थाओं से संपर्क कर रहे हैं. हमारा पूरा प्रयास है कि जल्द से जल्द भोजनालय दोबारा शुरू हो सके."