भोपाल: मध्यप्रदेश के सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि, ''काम को कराने के लिए शासन की अनुकूलता जरुरी है.'' उन्होंने छतरी का उदाहरण देते हुए कहा कि, ''ये जो शासन की छतरी है इसकी अनुकूलता चाहिए. हम छतरी को उल्टा कर देते हैं और समझते है कि पानी हम पर नहीं आए.'' उन्होंने कहा कि जाने अनजाने में सरकार की नजर उद्योपतियों पर टेढी रहती है, मैं उस परिस्थितियों को सीधा करना चाहता हूं. मोहन यादव ने कहा कि पहले मध्यप्रदेश में एक ही शहर में इन्वेस्टर्स समिट होती थी लेकिन इस तरह से पूरे प्रदेश का विकास नहीं हो सकता.
सीएम बोले, शासन की छतरी उल्टी नहीं होना चाहिए
कोलकाता में इन्वेस्टर्स समिट को संबोधित करते हुए डॉ. मोहन यादव ने कहा कि, ''मैं महाकाल की नगरी से आता हूं और अब महाकाली की नगरी में हैं. महाकाल और महाकाली ही सृष्टि का सृजन करते हैं.'' उन्होंने कहा कि, ''उद्योगपतियों के साथ कड़े रहकर अगर विकास के कारवा में सरकार नहीं खड़ी होगी तो कहां खड़ी होगी. सरकार को तो इसमें बराबरी से साथ देना पड़ेगा. सरकार को तो उद्योगों को आमंत्रित करना पड़ेगा.'' उन्होंने छतरी का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए कहा कि ''इसके लिए शासन की छतरी की अनुकूलता चाहिए. हम छतरी को उल्टा कर देते हैं और समझते हैं कि पानी हम पर नहीं आए. एमपी में सरकार बनने के बाद योजना बनाई कि जिस तरह से अभी तक एक ही शहर में इन्वेस्टर्स समिट होती थी, प्रदेश बहुत बड़ा है प्रदेश में संभावना बहुत बड़ी है, तो हर शहर में समिट होना चाहिए.''
उद्योगपतियों पर सरकार की नजर सीधी करना चाहता हूं
डॉ मोहन यादव ने कहा कि, ''जाने अनजाने उद्योगपतियों के प्रति सरकार की नजर टेढी रहती है. मैं उसे सीधा करना चाहता हूं. उद्योगपतियों के साथ खड़े रहकर अगर विकास के कारवा में सरकार नहीं खड़ी होगी तो कहां खड़ी होगी. सरकार को तो इसमें बराबरी से साथ देना पड़ेगा. सरकार को तो उद्योगों को आमंत्रित करना पड़ेगा.'' उन्होंने निवेशकों को आमंत्रित करते हुए कहा कि आप मध्यप्रदेश में इंडस्ट्री लगाइए, आइए जो कोयम्बटूर आपको सुविधा दे रहा है वो हम देंगे.''