मिर्जापुर : मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के लाभार्थियों के साथ गुरुवार को मजाक देखने को मिला. अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने वैवाहिक कार्यक्रम को बीच में रोककर पहले सर्टिफिकेट दिया और फिर मंच छोड़कर चले गए. हालांकि अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के जाने के बाद वैवाहिक रस्में विधि विधान से संपन्न कराई गईं.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गरीब बेटियों की मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत शादी करा रहे हैं. इसमें बड़ा बजट खर्च किया जा रहा है, लेकिन मिर्जापुर के अधिकारी और जनप्रतिनिधि मुख्यमंत्री की इस महत्वाकांक्षी योजना में पलीता लगा रहे हैं. अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने गुरुवार को लाभार्थियों के साथ कुछ ऐसा किया जिसकी सभी निंदा कर रहे हैं.
दरअसल वैवाहिक कार्यक्रम शुरू होते ही पंडित को बीच में ही रोककर जनप्रतिनिधियों ने भाषण शुरू कर दिया. इसके बाद कुछ लाभार्थियों को मंच पर बुलाकर सर्टिफिकेट देकर बिना आशीर्वाद दिए ही मंच छोड़कर निकल गए. जनप्रतिनिधियों के जाने के बाद अधिकारियों ने भी अपनी अपनी राह पकड़ी. बहरहाल किसी तरह सामूहिक विवाह संपन्न कराया गया.
बता दें, गुरुवार को मिर्जापुर जिले के राजकीय इंटरमीडिएट कॉलेज में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत समाज कल्याण विभाग द्वारा 272 जोड़ों की शादी कराई गई. शादी समारोह में जिले के 12 ब्लॉकों, तीन नगर पालिका और एक नगर पंचायत के लाभार्थी शामिल थे. शादी समारोह में जनप्रतिनिधि पूर्व राज्यसभा सांसद राम सकल, छानबे विधायक रिंकी कोल, जिला पंचायत अध्यक्ष राजू कनौजिया, पहाड़ी ब्लाक के प्रमुख इंद्रमणि पांडेय, अपना दल एस के जिला अध्यक्ष राम लोटन बिंद, अपना दल एस के आईटी मंच के प्रदेश उपाध्यक्ष दुर्गेश पटेल और अधिकारियों में मुख्य विकास अधिकारी विशाल कुमार के साथ अन्य अधिकारी मंच पर मौजूद थे.