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बनारस के 61 चौराहों की बदलेगी सूरत; हरियाली और खास आकृतियों से होगी शहर की पहचान - CHANGING 61 INTERSECTIONS BANARAS

8.5 करोड़ की लागत से हर चौराहे पर लगाए जा रहे स्कल्पचर, 25 फरवरी तक चलेगा काम.

बनारस के चौराहों पर बनी सुंदर आकृतियां
बनारस के चौराहों पर बनी सुंदर आकृतियां (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 24, 2025, 12:36 PM IST

वाराणसी : विकास की नई परियोजनाएं बनारस की तस्वीर बदल रही है. घाट से लेकर सड़क सब कुछ नए अंदाज में नजर आ रहे. जहां शहर में बनने वाले मल्टी स्टोरेज बिल्डिंग नई सुविधाओं को विस्तार दे रहे हैं. वहीं अब यहां के चौराहे भी अपनी नई कहानी को बताएंगे. जी हां बनारस के चौराहों की तस्वीर अब बदलने जा रही है. यहां के चौराहे हरियाली के साथ नए आकृति के जरिए अपनी पहचान बताएंगे.

ETV Bharat (Video Credit; ETV Bharat)

बता दें कि, वाराणसी में नई विकास योजना के तहत चौराहों की आभा को बदलने का काम किया जा रहा है. जिसके अंतर्गत शहर के 18 चौराहों पर न सिर्फ हरियाली विकसित की जा रही है, बल्कि वहां पर अलग-अलग तरीके की आकृतियां लगाई जा रही हैं. जो उस क्षेत्र और बनारस की पहचान से जुड़ी हुईं हैं. इन आकृतियों को लगाने का काम वाराणसी विकास प्राधिकरण कर रहा है. लगभग साढ़े आठ करोड़ की लागत से हर चौराहे पर नए स्कल्पचर को इंस्टॉल किया जाएगा. इस बारे में वीडियो के अपर सचिव डॉक्टर गुणाकेश शर्मा ने बताया कि, बनारस में चौराहों की सुंदरता को बढ़ाने के लिए प्राधिकरण के जरिए हर चौराहे पर स्कल्पचर लगाने की शुरुआत की गई है.

शहर की सजावट में दिखेगी परंपरा की झलक : उन्होंने बताया कि बनारस घनी आबादी वाला शहर है, शहर की बनावट ऐसी है कि यहां के चौराहे भी संकरे थे. चौराहों के बदलने की योजना के तहत सभी चौराहों का चौड़ीकरण किया जा रहा है. वहां पर हरियाली विकसित की जा रही है, इसके साथ ही इन्हें सजाने का काम किया जा रहा है. जिसके तहत अलग-अलग स्थान पर स्कल्पचर लगाया जा रहा है. यह एक थीम बेस सौंदर्यीकरण है. जिसे हम अपने पुराने संस्कृति से जोड़ने का भी काम कर रहे हैं. इस थीम में बनारस से जुड़ी हुई नई पहचान होगी, जैसे यहां के घाट, बुनकर, भगवान बुद्ध की प्रतिमा, नंदी की आकृति इत्यादि. इसमें इस बात का मुख्य रूप से ध्यान रखा जा रहा है, यह आकृति जहां सुंदरता को बढ़ाए तो वही यहां के ट्रैफिक व्यवस्था को भी बेहतर करें.

इन स्कल्पचर से सज रहा बनारस : उन्होंने बताया कि, 8.5 करोड़ रुपए की लागत से शहर के 10 चौराहे पर यह स्कल्पचर लगाए जाएंगे, जिनमें से हमारा प्लान है कि अभी 25 तारीख तक हम 40 स्थान पर इन आकृतियों को लगा दे. उसके बाद 25 फरवरी तक शहर के अन्य सभी स्थानों पर स्कल्पचर को लगाकर के शहर को सुंदर बना सके. इन स्कल्पचर की बात करें तो इनमें बनारस के घाट, शेर की आकृति, पेड़, हिरण, योग आकृति, भगवान शिव, मोर, नंदी की आकृति, हॉकी की आकृति, स्टील बॉल, क्रिकेटर, संगीत से जुड़ी आकृति, फ्लावर, बनारस का ग्लोब इत्यादि शामिल है.

यह भी पढ़ें : यूनाइटेड प्रोविंस से उत्तर प्रदेश बनने की क्या है कहानी? 75 साल में कैसे बदली तस्वीर

वाराणसी : विकास की नई परियोजनाएं बनारस की तस्वीर बदल रही है. घाट से लेकर सड़क सब कुछ नए अंदाज में नजर आ रहे. जहां शहर में बनने वाले मल्टी स्टोरेज बिल्डिंग नई सुविधाओं को विस्तार दे रहे हैं. वहीं अब यहां के चौराहे भी अपनी नई कहानी को बताएंगे. जी हां बनारस के चौराहों की तस्वीर अब बदलने जा रही है. यहां के चौराहे हरियाली के साथ नए आकृति के जरिए अपनी पहचान बताएंगे.

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बता दें कि, वाराणसी में नई विकास योजना के तहत चौराहों की आभा को बदलने का काम किया जा रहा है. जिसके अंतर्गत शहर के 18 चौराहों पर न सिर्फ हरियाली विकसित की जा रही है, बल्कि वहां पर अलग-अलग तरीके की आकृतियां लगाई जा रही हैं. जो उस क्षेत्र और बनारस की पहचान से जुड़ी हुईं हैं. इन आकृतियों को लगाने का काम वाराणसी विकास प्राधिकरण कर रहा है. लगभग साढ़े आठ करोड़ की लागत से हर चौराहे पर नए स्कल्पचर को इंस्टॉल किया जाएगा. इस बारे में वीडियो के अपर सचिव डॉक्टर गुणाकेश शर्मा ने बताया कि, बनारस में चौराहों की सुंदरता को बढ़ाने के लिए प्राधिकरण के जरिए हर चौराहे पर स्कल्पचर लगाने की शुरुआत की गई है.

शहर की सजावट में दिखेगी परंपरा की झलक : उन्होंने बताया कि बनारस घनी आबादी वाला शहर है, शहर की बनावट ऐसी है कि यहां के चौराहे भी संकरे थे. चौराहों के बदलने की योजना के तहत सभी चौराहों का चौड़ीकरण किया जा रहा है. वहां पर हरियाली विकसित की जा रही है, इसके साथ ही इन्हें सजाने का काम किया जा रहा है. जिसके तहत अलग-अलग स्थान पर स्कल्पचर लगाया जा रहा है. यह एक थीम बेस सौंदर्यीकरण है. जिसे हम अपने पुराने संस्कृति से जोड़ने का भी काम कर रहे हैं. इस थीम में बनारस से जुड़ी हुई नई पहचान होगी, जैसे यहां के घाट, बुनकर, भगवान बुद्ध की प्रतिमा, नंदी की आकृति इत्यादि. इसमें इस बात का मुख्य रूप से ध्यान रखा जा रहा है, यह आकृति जहां सुंदरता को बढ़ाए तो वही यहां के ट्रैफिक व्यवस्था को भी बेहतर करें.

इन स्कल्पचर से सज रहा बनारस : उन्होंने बताया कि, 8.5 करोड़ रुपए की लागत से शहर के 10 चौराहे पर यह स्कल्पचर लगाए जाएंगे, जिनमें से हमारा प्लान है कि अभी 25 तारीख तक हम 40 स्थान पर इन आकृतियों को लगा दे. उसके बाद 25 फरवरी तक शहर के अन्य सभी स्थानों पर स्कल्पचर को लगाकर के शहर को सुंदर बना सके. इन स्कल्पचर की बात करें तो इनमें बनारस के घाट, शेर की आकृति, पेड़, हिरण, योग आकृति, भगवान शिव, मोर, नंदी की आकृति, हॉकी की आकृति, स्टील बॉल, क्रिकेटर, संगीत से जुड़ी आकृति, फ्लावर, बनारस का ग्लोब इत्यादि शामिल है.

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