पटना:पटना की इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में शुक्रवार को इमरजेंसी वार्ड में 30 नए बेड को बढ़ाया गया है. साथ ही बाइप्लेन वैस्कुलर कैथ लैब की भी शुरुआत की गई है. बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने इस कैथ लैब का शुभारंभ किया.
IGIMS में बिहार का पहला बाइप्लेन कैथ लैब: नए वैस्कुलर कैथ लैब का शुभारंभ करते हुए मंत्री मंगल पांडे ने कहा कि आईजीआईएमएस के कार्डियोलॉजी विभाग में ये मशीन लगाए गए हैं. उसकी लागत लगभग 14 करोड़ है और यह मशीन खासकर ब्रेन हेमरेज के मरीज के लिए हृदय के मरीजों के लिए वरदान साबित होगा.
"बिहार झारखंड का यह पहला मशीन है, जो आईजीआईएमएस के कैथ लेब में लगाया गया है. हमारी कोशिश है कि इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में मरीजों के लिए ज्यादा से ज्यादा सुविधा हो जिससे कि बिहार से बाहर मरीजों को नहीं जाना पड़े. यही सोचकर आईजीआईएमएस में 30 नए बेड इमरजेंसी का भी शुभारंभ हमने किया है."- मंगल पांडे, स्वास्थ्य मंत्री, बिहार सरकार
एक मशीन से दिल और दिमाग का इलाज:आईजीआईएस के कार्डियोलॉजी विभाग में बाइप्लेनकार्डियोवस्कुलर कैथ लैब में डिजिटल सबट्रैक्शन एंजियोग्राफी मशीन से जांच शुरू हो गई है. इसके साथ ही यह बिहार का पहला अस्पताल बन गया है, जहां एक साथ दिल और दिमाग का इलाज की सुविधा उपलब्ध हो गई है.
लगाए गए 30 नए बेड:साथ ही इमरजेंसी वार्ड के विस्तारित भाग जिसमें 30 नए बेड लगाए गए हैं, उसका भी शुभारंभ मंत्री मंगल पांडे ने किया. इस दौरान मंत्री ने दावा किया कि बहुत जल्द ही आईजीआईएमएस में 500 बेड के नए भवन का भी उद्घाटन करेंगे.
सभी बेड में ऑक्सीजन और अन्य सुविधा:मंगल पांडे ने बताया कि सभी बेड पर ऑक्सीजन के साथ-साथ सभी सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी. ज्यादा से ज्यादा मरीज को हम लोग इमरजेंसी वार्ड में लाकर इलाज करवा सके, इसकी व्यवस्था सरकार ने की है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार बिहार में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा हो इसको लेकर कोशिश करते रहते हैं और हम लोग इस आधार पर काम कर रहे हैं.