इटावाः जिले में इस समय मिट्टी का खनन जोरों पर खुलेआम चल रहा है. खनन माफिया मिट्टी समतलीकरण या सरकारी कार्य में मिट्टी का उपयोग करने के नाम पर खनिज कार्यालय से परमिशन लेकर बड़े पैमाने पर खनन करने में जुटे हुए हैं. जिले में अब खनन माफियाओं के हौसले इतने बुलंदियों पर हैं कि उनके मन से पुलिस का खौफ भी खत्म हो गया है. अवैध मिट्टी खनन के ट्रैक्टर से वसूली करने के दौरान खनन माफिया ने सिपाही को पीट दिया. जबकि दूसरा सिपाही वहां से भाग खड़ा हुआ.
जानकारी के मुताबिक, थाना ऊसराहार के सिपाही अमित सिंह और हनीफ ने तीन दिन पहले किशनी बिधूना मार्ग पर स्थित उदयपुर कलां के पास अवैध मिट्टी खनन से भरे एक ट्रैक्टर को पकड़ लिया. पुलिस और खनन माफिया के बीच किसी बात को लेकर कहासुनी हो गई. इतने में ट्रैक्टर चालक भागने लगा तो सिपाही हनीफ ट्रैक्टर पर चढ़ गया. चालक ने ट्रैक्टर दौड़ा लिया और मैनपुरी जिले की सीमा पर पहुंच गया. यहां सिपाही हनीफ के साथ मारपीट कर दी और दो घंटे बाद जाने दिया. वहीं, दूसरा सिपाही अमित सिंह भागकर अपनी जान बचाई.
ट्रैक्टर पर चढ़े सिपाही को दूसरे जिले में ले जाकर खनन माफिया ने पीटा, एसएसपी ने 2 कांस्टेबल को किया सस्पेंड - Etawah - ETAWAH
इटावा में एसएसपी ने दो सिपाहियों को निलंबित कर दिया है. कुछ दिन पहले इसमें से एक सिपाही को खनन माफिया ने मारपीट की थी. सिपाही पर वसूली करने का आरोप है.
By ETV Bharat Uttar Pradesh Team
Published : Jun 15, 2024, 8:57 PM IST
इस मामले को पहले पुलिस दबाने में जुटी रही. लेकिन मीडिया में खबरें चलने के बाद इटावा एसएसपी को हुई, जिस पर उन्होंने पुलिस की फजीहत से नाराज होने के चलते दोनों ही सिपाहियों को निलंबित कर दिया. हालांकि अभी तक सिपाही के साथ मारपीट करने वाले खनन माफिया पर पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर पाई है. इस पूरे प्रकरण की जांच रिपोर्ट एसएसपी ने अपने अधिकारियों से तलब की है. जिसमें क्षेत्राधिकारी भरथना अतुल प्रधान और एएसपी ग्रामीण सत्यपाल सिंह की रिपोर्ट में दोनों सिपाहियों की रिपोर्ट खराब पाई गई. इसके आधार पर एसएसपी संजय कुमार वर्मा ने दोनों सिपाहियों को सस्पेंड कर दिया. एसएसपी संजय कुमार ने कहा कि किसी भी सूरत में गलत काम करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा. फिर चाहे वह पुलिसकर्मी ही क्यों न हो. एसएसपी की इस कार्रवाई से पूरे जिले में पुलिस विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. बता दें कि एक सप्ताह के अंदर जिले में कुल सात पुलिसकर्मियों पर अलग-अलग मामलों में गाज गिर चुकी है.