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कुंभ संभालने वाले अफसरों के जिम्मे अब महाकुंभ, भगदड़ रोकने को योगी सरकार को क्या प्लान दिया जानिए? - UP IAS NEWS

योगी सरकार ने महाकुंभ में अब अनुभवी अफसरों को लगाया. कई और अफसर भी लगाए जा रहे.

kumbh 2019 up ias officers deployed maha kumbh mela 2025 transfer.
योगी सरकार ने की तैनाती. (photo credit: etv bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 30, 2025, 12:39 PM IST

प्रयागराजः महाकुंभ 2025 में मौनी अमावस्या के दिन हुई भगदड़ से सीख लेते हुए और व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए योगी सरकार ने 2019 में कुंभ आयोजित कर चुके अफसरों को लगाया है. कुंभ 2019 के समय प्रयागराज में बतौर मंडलायुक्त सेवा दे चुके आशीष गोयल, तत्कालीन एडीए के वीसी भानु चंद गोस्वामी की तैनाती की गई है. इसके अतिरिक्त विशेष सचिव स्तर के 5 अधिकारियों को भी भेजा गया है. इसके अलावा अतिरिक्त, पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारियों को भी तैनाती गई है.

मुख्य सचिव मनोज सिंह और डीजीपी प्रशांत कुमार इसी सिलसिले में गुरुवार को प्रयागराज पहुंचे हैं. वे इन अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करेंगे. आईएएस आशीष गोयल और प्रयागराज के डीएम रह चुके भानु चंद गोस्वामी तेज तर्रार अधिकारी माने जाते हैं. कड़े फैसले लेना और उन फैसलों पर अडिग रहना इनकी पहचान हैं.


2013 महाकुंभ में डीआईजी रहे केपी सिंह ने दिए ये सुझाव

  • बड़े स्नान पर संगम को पूरी तरह से खाली रखने की कोशिश की जाए, जो लोग स्नान करने आए वे स्नान के बाद कपड़े बदलें और उन्हें वहां से तुरंत जाने के लिए कहा जाए. श्रद्धालु संगम पर बैठे या सोए नहीं.
  • पांटून पुलों का बेहतर मैनेजमेंट किया जाए. अमृत स्नान के पहले या अखाड़े के आने के 1 घंटे पहले ही उन्हें बंद किया जाए. लंबे समय तक पुल बंद करने से श्रद्धालुओं को दिक्कत होती है. भीड़ जमा होती है, ऐसे में लोगों को निकालने में दिक्कत आती है.
  • कुंभ क्षेत्र में सड़क के किनारे गाड़ियां ना खड़ी हों. आगमन और निकासी के मार्गों पर कोई भी गाड़ी ना खड़ी हो. उसे पूरी तरह से खाली कराया जाए. अखाड़े के पास भी सीमित संख्या में जारी किए जाएं. पुलिस और दूसरी गाड़ियां भी व्यवस्थित तरीके से ऐसी जगह खड़ी करे जहां से लोगों को दिक्कत ना हो.
  • श्रद्धालुओं को बताया जाए की संगम क्षेत्र का महत्व 5 कोस के क्षेत्र में होता है. ऐसे में सभी घाटों पर संगम के स्नान जैसा ही महत्व प्राप्त होता है. इसके शास्त्रीय प्रमाण आदि दिए जाएं और जनता को समझाया जाए.
  • अखाड़ा मार्ग पर बैरीकेडिंग करते समय उसमें निकासी की व्यवस्था भी होनी चाहिए, ताकि भीड़ का दबाव बढ़ने पर लोगों को निकाल कर सुरक्षित क्षेत्र में भेजा जा सके. सख्त बैरिकेडिंग से भीड़ को निकालने में दिक्कत होती है और दबाव बढ़ता है.
  • संगम क्षेत्र पर पहले काम कर चुके अधिकारियों को तैनात किया जाए अनुभव भी अधिकारियों के साथ नए लोगों को भी ड्यूटी दी जाए ताकि संगम क्षेत्र की व्यवस्था को सुचारू बनाया जा सके.

    मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दिए ये निर्देश

    1. प्रयागराज के सभी रेलवे स्टेशनों पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की उपस्थिति है. यह वो श्रद्धालु हैं जो अब स्नान करके अपने घर लौट रहे हैं. एडीजी और जिलाधिकारी प्रयागराज यह सुनिश्चित कराएं कि एक-एक श्रद्धालु सुरक्षित अपने गंतव्य तक पहुंच जाए. यह हमारी जिम्मेदारी है. इसके लिए रेलवे से संपर्क-समन्वय बनाकर ट्रेनों का लगातार संचालन सुनिश्चित कराया जाए. परिवहन निगम की अतिरिक्त बसें भी लगाई जाएं.

    2. मेला क्षेत्र में भीड़ का दबाव न बने इसके लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में होल्डिंग एरिया बनाये गए हैं. स्थिति को देखते इन्हें आगे बढ़ने दें. जहां कहीं भी लोगों को रोका गया है, वहां सभी के भोजन/पेयजल का प्रबंध किया जाए. एक भी श्रद्धालु को भोजन-पानी की समस्या न हो. किसी भी होल्डिंग एरिया में बिजली आपूर्ति बाधित नहीं होनी चाहिए.

    3. प्रयागराज के सीमावर्ती जनपद, प्रयागराज से मिल रहे निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित कराएं। पेट्रोलिंग बढाएं. अयोध्या-प्रयागराज, कानपुर-प्रयागराज, फतेहपुर-प्रयागराज, लखनऊ-प्रतापगढ़-प्रयागराज, वाराणसी-प्रयागराज जैसे सभी मार्गों पर कहीं भी यातायात अवरुद्ध नहीं होना चाहिए. प्रयागराज से वापसी के सभी मार्गों को लगातार खुला रखा जाना चाहिए.

    4. महाकुंभ मेला क्षेत्र में आवागमन लगातार चलता रहे. अनावश्यक लोगों को न रोकें. कहीं भी भीड़ का दबाव न बनने पाए. मार्गों पर जाम नहीं होना चाहिए. यदि कहीं स्ट्रीट वेंडर आदि मार्गों पर हों, तो उन्हें खाली एरिया में व्यवस्थपित करें. आवागमन लगातार जारी रहना चाहिए. कहीं भी जाम की स्थिति नहीं बननी चाहिए.
  • अयोध्या, चित्रकूट, मिर्जापुर के लिए भी निर्देशः महाकुंभ आने वाले लाखों श्रद्धालु वाराणसी और अयोध्या में भी दर्शन-पूजन के लिए पहुंच रहे हैं. चित्रकूट और मीरजापुर में भी बड़ी संख्या में लोगों का आगमन हो रहा है. अगले दो दिनों में और अधिक लोगों के आगमन की संभावना है. इसके दृष्टिगत तीनों प्रमुख ही नगरों में विशेष सतर्कता की आवश्यकता है. सतत सतर्कता-सावधानी बनाये रखें. होल्डिंग एरिया बनाकर लोगों को रोकें और परिस्थितियों के अनुसार आगे बढ़ने दे. बैरिकेडिंग का उपयोग करें. ट्रैफिक का बेहतर प्रबंधन हो. पार्किंग की उचित व्यवस्था है. लगातार मॉनीटरिंग करते रहें.


    ये भी पढ़ेंः महाकुंभ भगदड़; सीएम योगी ने खुद संभाला मोर्चा, लखनऊ में हाईलेवल मीटिंग, बोले- प्रयागराज में 10 करोड़ श्रद्धालुओं का दबाव, संयम बरतें

ये भी पढ़ेंः मौनी अमावस्या के बाद महाकुंभ में VVIP पास निरस्त, मेला क्षेत्र नो व्हीकल जोन, प्रयागराज में वाहनों की नो एंट्री

ये भी पढ़ेंः CM योगी एक्शन: प्रयागराज महाकुंभ समेत यूपी के धार्मिक स्थलों में VIP एंट्री पर रोक, डिप्टी CM का कार्यक्रम रद

प्रयागराजः महाकुंभ 2025 में मौनी अमावस्या के दिन हुई भगदड़ से सीख लेते हुए और व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए योगी सरकार ने 2019 में कुंभ आयोजित कर चुके अफसरों को लगाया है. कुंभ 2019 के समय प्रयागराज में बतौर मंडलायुक्त सेवा दे चुके आशीष गोयल, तत्कालीन एडीए के वीसी भानु चंद गोस्वामी की तैनाती की गई है. इसके अतिरिक्त विशेष सचिव स्तर के 5 अधिकारियों को भी भेजा गया है. इसके अलावा अतिरिक्त, पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारियों को भी तैनाती गई है.

मुख्य सचिव मनोज सिंह और डीजीपी प्रशांत कुमार इसी सिलसिले में गुरुवार को प्रयागराज पहुंचे हैं. वे इन अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करेंगे. आईएएस आशीष गोयल और प्रयागराज के डीएम रह चुके भानु चंद गोस्वामी तेज तर्रार अधिकारी माने जाते हैं. कड़े फैसले लेना और उन फैसलों पर अडिग रहना इनकी पहचान हैं.


2013 महाकुंभ में डीआईजी रहे केपी सिंह ने दिए ये सुझाव

  • बड़े स्नान पर संगम को पूरी तरह से खाली रखने की कोशिश की जाए, जो लोग स्नान करने आए वे स्नान के बाद कपड़े बदलें और उन्हें वहां से तुरंत जाने के लिए कहा जाए. श्रद्धालु संगम पर बैठे या सोए नहीं.
  • पांटून पुलों का बेहतर मैनेजमेंट किया जाए. अमृत स्नान के पहले या अखाड़े के आने के 1 घंटे पहले ही उन्हें बंद किया जाए. लंबे समय तक पुल बंद करने से श्रद्धालुओं को दिक्कत होती है. भीड़ जमा होती है, ऐसे में लोगों को निकालने में दिक्कत आती है.
  • कुंभ क्षेत्र में सड़क के किनारे गाड़ियां ना खड़ी हों. आगमन और निकासी के मार्गों पर कोई भी गाड़ी ना खड़ी हो. उसे पूरी तरह से खाली कराया जाए. अखाड़े के पास भी सीमित संख्या में जारी किए जाएं. पुलिस और दूसरी गाड़ियां भी व्यवस्थित तरीके से ऐसी जगह खड़ी करे जहां से लोगों को दिक्कत ना हो.
  • श्रद्धालुओं को बताया जाए की संगम क्षेत्र का महत्व 5 कोस के क्षेत्र में होता है. ऐसे में सभी घाटों पर संगम के स्नान जैसा ही महत्व प्राप्त होता है. इसके शास्त्रीय प्रमाण आदि दिए जाएं और जनता को समझाया जाए.
  • अखाड़ा मार्ग पर बैरीकेडिंग करते समय उसमें निकासी की व्यवस्था भी होनी चाहिए, ताकि भीड़ का दबाव बढ़ने पर लोगों को निकाल कर सुरक्षित क्षेत्र में भेजा जा सके. सख्त बैरिकेडिंग से भीड़ को निकालने में दिक्कत होती है और दबाव बढ़ता है.
  • संगम क्षेत्र पर पहले काम कर चुके अधिकारियों को तैनात किया जाए अनुभव भी अधिकारियों के साथ नए लोगों को भी ड्यूटी दी जाए ताकि संगम क्षेत्र की व्यवस्था को सुचारू बनाया जा सके.

    मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दिए ये निर्देश

    1. प्रयागराज के सभी रेलवे स्टेशनों पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की उपस्थिति है. यह वो श्रद्धालु हैं जो अब स्नान करके अपने घर लौट रहे हैं. एडीजी और जिलाधिकारी प्रयागराज यह सुनिश्चित कराएं कि एक-एक श्रद्धालु सुरक्षित अपने गंतव्य तक पहुंच जाए. यह हमारी जिम्मेदारी है. इसके लिए रेलवे से संपर्क-समन्वय बनाकर ट्रेनों का लगातार संचालन सुनिश्चित कराया जाए. परिवहन निगम की अतिरिक्त बसें भी लगाई जाएं.

    2. मेला क्षेत्र में भीड़ का दबाव न बने इसके लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में होल्डिंग एरिया बनाये गए हैं. स्थिति को देखते इन्हें आगे बढ़ने दें. जहां कहीं भी लोगों को रोका गया है, वहां सभी के भोजन/पेयजल का प्रबंध किया जाए. एक भी श्रद्धालु को भोजन-पानी की समस्या न हो. किसी भी होल्डिंग एरिया में बिजली आपूर्ति बाधित नहीं होनी चाहिए.

    3. प्रयागराज के सीमावर्ती जनपद, प्रयागराज से मिल रहे निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित कराएं। पेट्रोलिंग बढाएं. अयोध्या-प्रयागराज, कानपुर-प्रयागराज, फतेहपुर-प्रयागराज, लखनऊ-प्रतापगढ़-प्रयागराज, वाराणसी-प्रयागराज जैसे सभी मार्गों पर कहीं भी यातायात अवरुद्ध नहीं होना चाहिए. प्रयागराज से वापसी के सभी मार्गों को लगातार खुला रखा जाना चाहिए.

    4. महाकुंभ मेला क्षेत्र में आवागमन लगातार चलता रहे. अनावश्यक लोगों को न रोकें. कहीं भी भीड़ का दबाव न बनने पाए. मार्गों पर जाम नहीं होना चाहिए. यदि कहीं स्ट्रीट वेंडर आदि मार्गों पर हों, तो उन्हें खाली एरिया में व्यवस्थपित करें. आवागमन लगातार जारी रहना चाहिए. कहीं भी जाम की स्थिति नहीं बननी चाहिए.
  • अयोध्या, चित्रकूट, मिर्जापुर के लिए भी निर्देशः महाकुंभ आने वाले लाखों श्रद्धालु वाराणसी और अयोध्या में भी दर्शन-पूजन के लिए पहुंच रहे हैं. चित्रकूट और मीरजापुर में भी बड़ी संख्या में लोगों का आगमन हो रहा है. अगले दो दिनों में और अधिक लोगों के आगमन की संभावना है. इसके दृष्टिगत तीनों प्रमुख ही नगरों में विशेष सतर्कता की आवश्यकता है. सतत सतर्कता-सावधानी बनाये रखें. होल्डिंग एरिया बनाकर लोगों को रोकें और परिस्थितियों के अनुसार आगे बढ़ने दे. बैरिकेडिंग का उपयोग करें. ट्रैफिक का बेहतर प्रबंधन हो. पार्किंग की उचित व्यवस्था है. लगातार मॉनीटरिंग करते रहें.


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