पौड़ी: रोजगार की तलाश में जिन युवाओं ने पलायन किया, उनमें से कई युवाओं ने रिवर्स माइग्रेशन की राह को चुनकर अपनी तकदीर को बदला है. इन युवाओं ने सरकार की योजनाओं का लाभ लेते हुए स्वरोजगार की राह को चुना और सरकार की योजनाओं का फायदा उठाते हुए स्वरोजगार शुरू किया. ये युवा आज अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं और गांव के आसपास के अन्य युवाओं को भी रोजगार देने में जुटे हुए हैं.
वीरान गांव हुए आबाद:बता दें कि जिले में पलायन के कारण कई घरों में ताले लग गए थे, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिन्होंने रिवर्स पलायन कर अपनी और अपने गांव की दशा बदली है. ग्राम्य विकास एवं पलायन निवारण आयोग की आंकड़ों के मुताबिक साल 2018 के बाद पौड़ी जिले में केवल 3 गांव ही पूरी तरह वीरान हुए हैं. इनमें दो गांव रिखणीखाल और एक गांव पोखड़ा क्षेत्र में है. रिवर्स माइग्रेशन के कारण पौड़ी जिले के 5 ऐसे वीरान गांव दोबारा से उत्तराखंड प्रवासी लौटने के कारण आबाद हुए हैं.