जयपुर. हाथ की कलाई पर बांधी जाने वाली घड़ी समय देखने के साथ-साथ अब स्टाइल और स्टेटस सिंबल भी बनती जा रही हैं. लोग महंगे-महंगे विदेशी ब्रांड की घड़ी खरीदने में रुचि दिखाते हैं, लेकिन जयपुर में माइक्रो लग्जरी वॉच का एक ऐसा ब्रांड है, जो भारत की विरासत और इतिहास को वॉच के जरिए लोगों की कलाई पर सजाता है. जयपुर वॉच कंपनी पुराने सिक्के और स्टांप से घड़ियां तैयार करती है. भारत के पहले सिक्के से लेकर ब्रिटिश इंडिया के आखिरी सिक्के और विश्व के पहले स्टांप तक से यहां घड़ियां तैयार की गई हैं. यही नहीं अब तो मशहूर चित्रकार राजा रवि वर्मा की पेंटिंग्स के डायल के साथ भी घड़ियां तैयार की जा रही हैं. वहीं, सुपरमॉडल और बॉलीवुड की अदाकारा मलाइका अरोड़ा भी जयपुर वॉच की मुरीद हैं. उन्होंने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर पोस्ट करते हुए दिखाया 'मैं जयपुर वॉच कंपनी की 'ब्राइड्स ऑफ जयपुर' कलेक्शन की भावना को पूरी तरह से फॉलो करती हूं'.
जयपुर की अनमोल घड़ियां :जयपुर का अपना ब्रांड और भारत का पहला माइक्रो लग्जरी वॉच ब्रांड जयपुर वॉच कंपनी है. इस कंपनी की वॉच देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर बॉलीवुड सुपरस्टार अमिताभ बच्चन तक की कलाई पर सज चुकी है. इस कंपनी के फाउंडर गौरव मेहता ने बताया कि इस बिजनेस में उन्हें 10 साल हो चुके हैं और करीब 11 से 12 हजार कस्टमर तक पहुंचे हैं. इनमें देश-विदेश की कई बड़ी हस्तियां भी शामिल हैं. हाल ही में हिंदुस्तान आए मशहूर सिंगर एड शीरन ने भी उनकी घड़ी को अपनी कलाई पर बांधा था. यह उनके लिए गर्व की बात है कि हिंदुस्तान से जयपुर वॉच कंपनी एक लग्जरी ब्रांड के रूप में उभर रहा है.
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ऐसे हुई शुरुआत :अपनी जर्नी को ईटीवी भारत के साथ साझा करते हुए गौरव मेहता ने बताया कि वो पहले लंदन में एक प्राइवेट कंपनी में थे और उसके बाद जयपुर में ही अपना गेम जोन शुरू किए. यही एक दिन अपनी किसी पुरानी घड़ी को खोलकर उसमें उनके कलेक्शन में रखे ब्रिटिश कॉइन को डायल की जगह लगाते हुए घड़ी तैयार कर दी. जब इस घड़ी को सराहा गया तो उन्होंने घड़ी बनाने की ओर रुख किया. उन्होंने बताया कि उन्हें शुरुआत से ही पुराने सिक्के और पुराने स्टांप जमा करने में रुचि थी और शुरुआत में उन्हें सिक्कों और स्टांप को इस्तेमाल करते हुए घड़ियां बनाई. हालांकि, बाद में कई सिक्के और स्टांप इंपोर्ट कर उनकी घड़ियां तैयार की.
भारत में बने पहले सिक्के से तैयार की घड़ी : गौरव मेहता ने बताया कि हाल ही में उन्होंने आजादी के बाद भारत में बने पहले सिक्के की घड़ी तैयार की है. ये सिक्का एक पैसे का है और इसमें बीच में घोड़े का साइन बना हुआ है. 1950 में गणतंत्र दिवस के दौरान ये पहला सिक्का जारी किया गया था. 1950 से 1955 तक ये सिक्के प्रचलन में रहे. इससे पहले तक भारत ब्रिटिश इंडिया कॉइन ही इस्तेमाल कर रहा था. इसके अलावा कई डाक टिकट का इस्तेमाल करते हुए वॉच तैयार की गई. इसमें 1840 में बने दुनिया के पहले डाक टिकट से लेकर के भारत की आजादी से पहले तक के डाक टिकट इन घड़ियों में इस्तेमाल किए गए हैं.
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बेस्ट सेलिंग कलेक्शन :वहीं, उन्होंने बताया कि भारत की आजादी से पहले के ब्रिटिश इंडिया का आखिरी सिक्के को इस्तेमाल करते हुए कई वॉच तैयार की, जो आज तक का सबसे बेस्ट सेलिंग कलेक्शन भी रहा है. एक रुपए का ये सिक्का 1947 में तैयार किया गया था. जिसमें बीच में शेर का साइन बना हुआ है. इसी में क्वार्टर रुपया और हाफ रुपया के भी सिक्के से घड़ियां तैयार की गई. वहीं ब्रिटिश इंडिया के जमाने का एक पैसे का सिक्का एक मात्र ऐसा सिक्का है. जिसमें बीच में होल बना हुआ है. एक दौर था जब 1942 से 1947 के बीच द्वितीय विश्व युद्ध चल रहा था. तब मेटल की लागत ज्यादा बढ़ गई थी. इसी वजह से होल वाले सिक्के तैयार किए गए थे. भारत में इसके बाद कभी होल वाले सिक्के तैयार नहीं किए गए. ऐसे में लोग इन सिक्कों से तैयार घड़ियों को लेना भी पसंद करते हैं.
राजा रवि वर्मा की पेंटिंग से तैयार किए गए घड़ी के डायल :उन्होंने बताया कि हाल ही में एक कलेक्शन लॉन्च किया गया है, जिसमें राजा रवि वर्मा की पेंटिंग्स के साथ घड़ी के डायल तैयार किए गए हैं. राजा रवि वर्मा ने ही हिंदू महाकाव्य और धर्म ग्रंथों के आधार पर हिंदू देवी देवताओं के चित्र बनाने शुरू किए थे. घड़ियों में राजा रवि वर्मा की पेंटिंग्स पूरी तरह उकेरी जा सके और चूंकि देवी देवताओं के चित्रों में कोई छेद आता है, तो उससे कुछ लोगों की भावनाएं आहत हो सकती हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए घड़ियों का अलग तरह का डिजाइन तैयार किया गया. इनमें टाइम नीचे की तरफ दिखाई देता है.
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जापान और स्विट्जरलैंड से इंपोर्ट करते हैं मशीन :उन्होंने बताया कि हमारे देश की यह विडंबना है कि आज भी यहां घड़ियों की मशीन तैयार नहीं हो रही है. पहले एचएमटी ने घड़ियों की मशीन बनानी शुरू की थी, लेकिन वो भी बंद हो चुकी है. ऐसे में अब वो अपनी घड़ियों के लिए जापान और स्विट्जरलैंड से मशीन इंपोर्ट करते हैं. इन खूबियों को एक घड़ी में शामिल करने के चलते इनकी रेंज 18 हजार से शुरू होकर 4 लाख तक की है. इनमें भी तीन-चार लाख की जो घड़ियां वो है जो 18 कैरेट गोल्ड से तैयार की जाती है. हालांकि ये घड़ियां ऑर्डर मिलने पर ही तैयार की जाती हैं.
ये है फ्यूचर प्लान :उन्होंने अपने फ्यूचर प्लान को शेयर करते हुए बताया कि वो विभिन्न ट्रेडीशनल आर्ट फॉर्म कलेक्शन पर काम कर रहे हैं. इसके अलावा जल्द ही जयपुर की ज्वेलरी फॉर्म को इस्तेमाल करते हुए एक बड़ा कलेक्शन भी लॉन्च करेंगे. ताकि यहां जयपुर वॉच कंपनी के स्टोर्स पर पहुंचने वाले शहरवासी, देशवासी यहां तक की विदेशी पर्यटकों को इतिहास, विरासत, पेंटिंग और ज्वेलरी से जुड़ी घड़ियां एक ही छत के नीचे मिल जाए.
मलाइका अरोड़ा भी हुई मुरीदःसुपरमॉडल और बॉलीवुड की अदाकारा मलाइका अरोड़ा भी जयपुर वॉच की मुरीद हैं. उन्होंने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर पोस्ट करते हुए दिखाया 'मैं जयपुर वॉच कंपनी की 'ब्राइड्स ऑफ जयपुर' कलेक्शन की भावना को पूरी तरह से फॉलो करती हूं'. मलाइका ने जयपुर वॉच को लेकर कहा कि यह शान, सुंदरता और परिष्कार का प्रतीक है. यह घड़ी भारतीय कला को दर्शाती है, जिसमें जयपुर के ऐतिहासिक महलों की जटिल नक्काशी की झलक मिलती है. यह घड़ी कलाई पर बिल्कुल सटीक बैठती है. इसकी मेटल स्ट्रेप खूबसूरती से कलाई को घेरे हुए होती है, जबकि इसका डायल बेहतरीन तरीके से चमकता है. उन्होंने इस घड़ी को प्रमोट करते हुए लिखा कि यह घड़ी आपके कलेक्शन में अलग ही पहचान बनाएगी.