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हजारीबाग में गांधी शिल्प बाजार मेला लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र, कलाकार दे रहे वोकल फॉर लोकल का संदेश - VOCAL FOR LOCAL

हजारीबाग के अर्बन हाट में गांधी शिल्प बाजार मेला का आयोजन किया गया है. यह मेला वोकल फॉर लोकल का संदेश दे रहा है.

Gandhi Shilp Bazaar Fair
हजारीबाग में गांधी शिल्प बाजार मेला. (फोटो-ईटीवी भारत)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Dec 22, 2024, 5:27 PM IST

हजारीबाग:वोकल फॉर लोकल पर आधारित हस्तशिल्प मेला का आयोजन हजारीबाग में किया गया है. गांधी शिल्प बाजार आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को भी सरकार कर रहा है. जहां महिलाएं बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही हैं और आत्मनिर्भर होने का संदेश दे रही हैं.

गांधी शिल्प बाजार मेला का आयोजन

होमगार्ड चौक के अर्बन हाट में गांधी शिल्प बाजार मेला का आयोजन किया गया है .यह मेला विकास आयुक्त कार्यालय (हस्तशिल्प) वस्त्र मंत्रालय, भारत सरकार के तत्वावधान में हस्तशिल्प विकास संस्थान हजारीबाग की ओर से आयोजित किया गया है. यह मेला वोकल फॉर लोकल पर आधारित है.

हजारीबाग में गांधी शिल्प बाजार मेला पर रिपोर्ट और जानकारी देते मैनेजर. (वीडियो-ईटीवी भारत)

आज मेले का आखिरी दिन

22 दिसंबर तक चलने वाले हस्तशिल्प प्रदर्शनी सह बिक्री मेला में झारखंड सहित विभिन्न राज्यों के कलाकारों द्वारा अपनी-अपनी कला कृतियों की प्रदर्शनी और बिक्री के लिए स्टॉल लगाए गए हैं. जिसमें झारखंड के सोहराय, कोहबर, डोकरा और बिहार की मधुबनी पेंटिंग मेला में विशेष आकर्षक का केंद्र बनी हुई है.

कलाकृतियों की लगाई गई प्रदर्शनी

इस प्रदर्शनी की एक खासियत है कि यहां भारत की विभिन्न क्षेत्रों की पारंपरिक कला जैसे मधुबनी, कलमकारी, सोहराय, पैठकर, कारपेट, जादुपतिया और सौरा जैसी हाथ से बनाई गई कलाकृतियों की प्रदर्शनी लगाई गयी है. साथ ही ब्लॉक प्रिंटिंग और बाटिक कला का बेहतरीन संग्रह उपलब्ध है.

हजारीबाग में गांधी शिल्प बाजार मेला के समापन पर नृत्य की प्रस्तुति करती कलाकारों की टोली. (फोटो-ईटीवी भारत)

चार राज्य से पहुंचे हैं कलाकार

चार राज्य के कलाकार इस मेले की सुंदरता को बढ़ा रहे हैं. जिसमें पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड और ओडिशा के कारीगर शामिल हैं .अधिकतर स्टॉल महिलाओं के द्वारा चलाए जा रहे हैं. जिसमें महिलाएं अपनी हुनर को दर्शाती नजर आ रही हैं. हजारीबाग की दीदियां लोगों को स्वादिष्ट व्यंजन परोस रही हैं.

मेले में हिस्सा लेने के लिए पहुंचीं महिलाएं भी कहती हैं कि यह एक बेहतर प्लेटफॉर्म साबित हो रहा है. जहां अपनी कलाकृति को दर्शाने का अवसर मिला है. साथ ही मेले में एक-दूसरे के साथ अपने राज्य की संस्कृति के बारे में जानकारी साझा करते हैं.

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