देहरादून: चारधाम यात्रा प्राधिकरण को लेकर अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन की अध्यक्षता में आज सचिवालय में एक बैठक का आयोजन किया गया. बैठक में उत्तराखंड चारधाम तीर्थ महापंचायत, गंगोत्री मंदिर समिति, यमुनोत्री मंदिर समिति और तीर्थ पुरोहित महासभा के पदाधिकारियों के साथ प्रस्ताव पर चर्चा की गई. बैठक में शासन की ओर से पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे ने प्रस्तावित उत्तराखंड चारधाम यात्रा प्राधिकरण से संबंधित विषय को रखा और बताया कि प्राधिकरण तीन स्तरों पर कार्य करेगा. उत्तराखंड चारधाम यात्रा प्राधिकरण के फाइनल ड्राफ्ट को तैयार करने की डेडलाइन 30 जनवरी रखी गई है.
अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने कहा कि तीर्थ पुरोहितों को प्राधिकरण को लेकर किसी तरह की शंका नहीं होनी चाहिए. बिना उनके सुझाव और सहमति के कोई भी अंतिम निर्णय नहीं लिया जाएगा. वहीं, उत्तराखंड चारधाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत के महासचिव डॉक्टर बृजेश सती ने बताया कि चारधामों के तीर्थ पुरोहितों ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि अनादि काल से चली आ रही परंपराओं के साथ किसी भी तरह की छेड़खानी नहीं होनी चाहिए. परंपराएं अक्षुण रहनी चाहिए.
30 जनवरी तक फाइनल होगा यात्रा प्राधिकरण का ड्राफ्ट (videO-ETV Bharat) चारधाम तीर्थ पुरोहित धाम पंचायत के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल ने कहा कि सरकार ने प्रस्तावित प्राधिकरण से संबंधित जो भी होमवर्क किया है, उसको तीर्थ पुरोहितों के सामने रखना चाहिए. इसके अध्ययन के बाद ही तीर्थ पुरोहित महापंचायत अपना निर्णय लेगी. उन्होंने बताया कि जिस तरह से शासन ने 30 जनवरी तक यात्रा प्राधिकरण के फाइनल ड्राफ्ट को तैयार करने का समय निर्धारित किया है, उससे पहले उन्हें शासन द्वारा फाइनल ड्राफ्ट मिल जाना चाहिए, तभी महापंचायत पूरी तरह से प्राधिकरण के ड्राफ्ट का अध्ययन करके अपने महत्वपूर्ण सुझाव दे पाएगी.
केदार सभा के उपाध्यक्ष विष्णु कांत कुर्मांचली ने धामों में यात्रियों की संख्या सीमित किए जाने का विरोध किया. उन्होंने कहा कि सरकार मंदिरों से संबंधित धार्मिक गतिविधियों में किसी भी तरह का कोई हस्तक्षेप न करे. यमुनोत्री मंदिर समिति के सचिव सुनील उनियाल ने यमुनोत्री धाम की व्यवस्थाओं की ओर ध्यान आकर्षित कराते हुए कहा कि धाम में आने वाले श्रद्धालुओं को अधिक से अधिक सुविधा मिले, इस पर ध्यान दिया जाना जरूरी है.
ये भी पढ़ें-