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सड़क सुरक्षा और यातायात नियमों का पालन बच्चों के सिलेबस में हो शामिल- परिवहन मंत्री - ROAD SAFETY MEETING IN RANCHI

रांची में सड़क सुरक्षा को लेकर झारखंड सरकार और परिवहन विभाग के बीच शुक्रवार को सेमिनार का आयोजन किया गया.

ROAD SAFETY MEETING IN RANCHI
सड़क सुरक्षा को लेकर परिवहन विभाग की सेमिनार (ईटीवी भारत)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jan 31, 2025, 8:38 PM IST

रांची: राज्य में वर्तमान समय पर सड़क सुरक्षा एक बड़ी चुनौती है. गाड़ियों की बढ़ रही संख्या और अनियंत्रित रूप से चलाने की वजह से दुर्घटना आम हो गई हैं. ऐसे में समय रहते यदि राहत बचाव ना हो तो यह जानलेवा साबित हो जाता है. झारखंड सरकार के परिवहन विभाग के द्वारा बढ़ रहे सड़क दुर्घटना की रोकथाम और राहत बचाव को लेकर शुक्रवार को राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया.

सड़क सुरक्षा को लेकर जानकारी देते हुए मंत्री और अधिकारी (ईटीवी भारत)

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप मे परिवहन मंत्री दीपक बिरूआ मौजूद रहे. इसके अलावा सचिव कृपानंद झा, एडीजी संजय ए लाटेकर, संयुक्त सचिव प्रदीप कुमार समेत बड़ी संख्या में परिवहन विभाग के पदाधिकारी और विभिन्न राज्यों से आए एमवीआई, पुलिस के आलाधिकारी समेत अन्य लोग शामिल हुए. इस मौके पर परिवहन मंत्री दीपक बिरुआ ने कहा कि सड़क सुरक्षा और यातायात नियमों के पालन करने संबंधित बातों को बच्चों के सिलेबस में शामिल किया जाएगा. साथ ही एमवीआई जल्दबाजी में किसी को लाइसेंस न दें.

मंत्री दीपक बिरुआ ने कहा कि गाड़ियों के फिटनेस देने में भी लापरवाही बढ़ती जाती है. जिसके पीछे भलें ही कई कारण हो, मगर सुरक्षा के दृष्टिकोण से हमें इसका ध्यान रखना होगा. उन्होंने कहा कि सेमिनार में आनेवाले महत्वपूर्ण सुझावों को सरकार धरातल में उतारने की दिशा में काम करेगी.

दुर्घटना के बाद राहत बचाव और मुआवजा बड़ी चुनौती- सचिव

राष्ट्रीय सेमिनार को संबोधित करते हुए परिवहन विभाग के सचिव कृपानंद झा ने कहा कि सड़क दुर्घटना के बाद राहत बचाव महत्वपूर्ण है. क्योंकि जितनी जल्दी घायल लोगों को नजदीकी अस्पताल तक पहुंचाने की व्यवस्था होगी, उनके लिए उतना ही महत्वपूर्ण होगा. गाड़ियों के दुर्घटना होने पर क्षतिपूर्ति का मामला आता है. जिसे जल्द से जल्द निपटाने की जरूरत है.

सचिव कृपानंद झा ने कहा कि आम तौर पर इसमें प्रक्रिया पूरी करने में काफी वक्त लगता है, यहां तक की अधिवक्ताओं के फीस अधिक होने की वजह से लोग परेशान होते हैं. इस मामले में झालसा और डालसा का सहयोग लेकर अधिवक्ताओं के फीस किस रूप से दिए जाएं, इस पर भी विचार किया जा सकता है. उन्होंने हाल के वर्षों में झारखंड में होनेवाले सड़क दुघर्टना में कमी होने की बात पर जोर दिया है.

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