दुमका: झारखंड मुक्ति मोर्चा का 46वां स्थापना दिवस समारोह 02 फरवरी को दुमका के गांधी मैदान में झारखंड दिवस के तौर पर मनाया जाएगा. पार्टी की ओर से इसकी तैयारियां जोर-शोर से की जा रही है. पूरे शहर में पार्टी का झंडा, बैनर, होर्डिंग्स और पोस्टर लगाए गए हैं. साथ ही शहर में जगह-जगह तोरणद्वार बनाए गए हैं. झामुमो के स्थापना दिवस को लेकर गांधी मैदान को काफी भव्य तरीके से सजाया जा रहा है. इस समारोह में मुख्य तौर पर पार्टी सुप्रीमो शिबू सोरेन शिरकत करेंगे. साथ ही झामुमो के सभी सांसद, विधायक और पार्टी पदाधिकारी भी समारोह में मौजूद रहेंगे.
झामुमो के लिए 2 फरवरी का दिन महत्वपूर्णः बसंत
दुमका विधायक बसंत सोरेन ने तैयारियों को लेकर खजुरिया गांव स्थित अपने आवास पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी. उन्होंने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा स्थापना दिवस समारोह प्रति वर्ष 02 फरवरी के दिन मनाया जाता है. झारखंड मुक्ति मोर्चा के लिए 02 फरवरी का दिन काफी महत्वपूर्ण होता है. इस दिन दुमका के गांधी मैदान में आयोजित समारोह में मुख्य तौर पर पार्टी सुप्रीमो शिबू सोरेन अपना संदेश राज्य की जनता देते हैं. उनका संदेश को मार्गदर्शन के तौर पर प्राप्त कर पार्टी के सभी कार्यकर्ता जनता की सेवा में जुट जाते हैं.
उन्होंने कहा कि पिछले साल 2024 में पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस समारोह में भाग नहीं ले सके थे. इस कारण कार्यकर्ताओं में थोड़ी मायूसी थी, लेकिन इस बार काफी उत्साह के साथ पार्टी की स्थापना दिवस की तैयारी की जा रही है. जनता में भी स्थापना दिवस समारोह को लेकर काफी जोश दिख रहा है.
केंद्र के पास राज्य के बकाए पर होगा स्टैंड तय!
विधायक बसंत सोरेन ने कहा कि स्थापना दिवस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जनता को संबोधित करेंगे. उसमें राज्य के विकास से संबंधित बातें होगी. साथ ही मुख्य तौर पर झारखंड का जो केंद्र के पास 01 लाख 36 हजार करोड़ रुपये बकाया है उस संबंध में मुख्यमंत्री कोई ठोस निर्णय लेने की घोषणा कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा ने हमेशा अपने अधिकारों के लिए संघर्ष किया है. ऐसे में यह भी हो सकता है कि बकाया को पाने के लिए पार्टी संघर्ष का रास्ता अख्तियार करे.
सीता सोरेन के घर वापसी के अटकलों पर दिया बयान
बसंत सोरेन ने अपनी भाभी सीता सोरेन के झारखंड मुक्ति मोर्चा में वापसी को लेकर कहा कि ऐसा कुछ नहीं चल रहा है. बसंत ने कहा कि न तो सीता सोरेन ने वापसी को लेकर पार्टी को अप्रोच किया है और न ही हमारी पार्टी ने इस संबंध में उनसे कोई बात की है. कुल मिलाकर बसंत सोरेन ने इस मुद्दे को पूरी तरह से नकार दिया.
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