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गुइलेन बैरे सिंड्रोम की रोकथाम के लिए अलर्ड मोड पर झारखंड सरकार अलर्ट मोड, सीएम ने की समीक्षा - GUILLAIN BARRE SYNDROME GBS

गुइलेन बैरे सिंड्रोम जीबीएस को लेकर सीएम हेमंत सोरेन ने समीक्षा बैठक की. इसकी रोकथाम के लिए जरुरी दिशा-निर्देश दिए.

Guillain Barre Syndrome gbs in Jharkhand for prevention CM Hemant Soren held review meeting
अधिकारियों के साथ बैठक करते सीएम (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jan 31, 2025, 9:58 PM IST

रांची: गुइलेन-बैरे सिंड्रोम यानी जीबीएस की रोकथाम के लिए राज्य सरकार तैयारी में जुट गई है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस बीमारी से निपटने के लिए राज्य के स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों के साथ आज 31 जनवरी को अपने आवासीय कार्यालय में बैठक की.

इस दौरान जीबीएस बीमारी से ग्रस्त मरीजों की पहचान करने और उनके इलाज की विशेष व्यवस्था करने के निर्देश दिए. इस बैठक में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी जहां ऑनलाइन जुड़े. वहीं विभाग के वरीय अधिकारियों ने इस बीमारी के दुष्प्रभाव, लक्षण और बचाव से संबंधित जानकारी से सीएम को अवगत कराया.

मुख्यमंत्री आवास में हुई इस बैठक में मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार, विभागीय अपर सचिव अजय कुमार सिंह, रिम्स निदेशक डॉ. राजकुमार और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अभियान निदेशक अबू इमरान मौजूद रहे. इस बैठक में वर्चुअल माध्यम से सभी जिलों के उपायुक्त और सिविल सर्जन भी शामिल हुए.

जीबीएस को लेकर रहें अलर्ट, अस्पतालों में करें पुख्ता व्यवस्था- सीएम

गुइलेन-बैरे सिंड्रोम बीमारी से निपटने के लिए मुख्यमंत्री अधिकारियों को अलर्ट रहने का निर्देश देते हुए राज सरकार के सभी अस्पतालों में पुख्ता व्यवस्था करने का निर्देश दिया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि अस्पतालों में बेड और दवा सहित सभी जरूरी व्यवस्था सुनिश्चित हो जिससे संदिग्ध मरीजों को तत्काल चिकित्सा सुविधा महिया कराया जा सके.

इस बीमारी से संबंधित कोई भी केस मिलने पर तत्काल रिम्स रेफर करने का निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अस्पताल तक पहुंचाने के लिए ट्रांसपोर्ट सिस्टम को अलर्ट रखा जाए जिसे ससमय मरीज को चिकित्सा सुविधा मिल सके.

सीएम ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि गुइलेन-बैरे सिंड्रोम बीमारी से ग्रस्त मरीजों की पहचान करने एवं अस्पतालों में उनके समुचित इलाज की विशेष व्यवस्था के अलावा इसके संक्रमण से बचने के लिए राज्य में व्यापक प्रचार प्रसार करें. बता दें कि यह बीमारी दूषित जल और कच्चा भोजन करने से फैलता है. यह बीमारी कोरोना संक्रमण जैसा नहीं है और ना ही एक दूसरे से फैलता है इस बीमारी से घबराने की जरूरत नहीं है. लोगों के बीच जागरुकता फैलाने की आवश्यकता है.

इसे भी पढ़ें- रांची में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम ने दी दस्तक, वेंटिलेटर पर बच्ची, डॉक्टर बोले- लक्षण दिखते ही पहुंचें अस्पताल

इसे भी पढ़ें- तेलंगाना में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम ने दी दस्तक, हैदराबाद की एक महिला पाई गई संक्रमित

इसे भी पढ़ें- महाराष्‍ट्र में गुलिय-बैरे सिंड्रोम का आतंक, सतारा में चार बच्चे संक्रमित, पिंपरी चिंचवड़ में एक मौत

रांची: गुइलेन-बैरे सिंड्रोम यानी जीबीएस की रोकथाम के लिए राज्य सरकार तैयारी में जुट गई है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस बीमारी से निपटने के लिए राज्य के स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों के साथ आज 31 जनवरी को अपने आवासीय कार्यालय में बैठक की.

इस दौरान जीबीएस बीमारी से ग्रस्त मरीजों की पहचान करने और उनके इलाज की विशेष व्यवस्था करने के निर्देश दिए. इस बैठक में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी जहां ऑनलाइन जुड़े. वहीं विभाग के वरीय अधिकारियों ने इस बीमारी के दुष्प्रभाव, लक्षण और बचाव से संबंधित जानकारी से सीएम को अवगत कराया.

मुख्यमंत्री आवास में हुई इस बैठक में मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार, विभागीय अपर सचिव अजय कुमार सिंह, रिम्स निदेशक डॉ. राजकुमार और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अभियान निदेशक अबू इमरान मौजूद रहे. इस बैठक में वर्चुअल माध्यम से सभी जिलों के उपायुक्त और सिविल सर्जन भी शामिल हुए.

जीबीएस को लेकर रहें अलर्ट, अस्पतालों में करें पुख्ता व्यवस्था- सीएम

गुइलेन-बैरे सिंड्रोम बीमारी से निपटने के लिए मुख्यमंत्री अधिकारियों को अलर्ट रहने का निर्देश देते हुए राज सरकार के सभी अस्पतालों में पुख्ता व्यवस्था करने का निर्देश दिया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि अस्पतालों में बेड और दवा सहित सभी जरूरी व्यवस्था सुनिश्चित हो जिससे संदिग्ध मरीजों को तत्काल चिकित्सा सुविधा महिया कराया जा सके.

इस बीमारी से संबंधित कोई भी केस मिलने पर तत्काल रिम्स रेफर करने का निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अस्पताल तक पहुंचाने के लिए ट्रांसपोर्ट सिस्टम को अलर्ट रखा जाए जिसे ससमय मरीज को चिकित्सा सुविधा मिल सके.

सीएम ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि गुइलेन-बैरे सिंड्रोम बीमारी से ग्रस्त मरीजों की पहचान करने एवं अस्पतालों में उनके समुचित इलाज की विशेष व्यवस्था के अलावा इसके संक्रमण से बचने के लिए राज्य में व्यापक प्रचार प्रसार करें. बता दें कि यह बीमारी दूषित जल और कच्चा भोजन करने से फैलता है. यह बीमारी कोरोना संक्रमण जैसा नहीं है और ना ही एक दूसरे से फैलता है इस बीमारी से घबराने की जरूरत नहीं है. लोगों के बीच जागरुकता फैलाने की आवश्यकता है.

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