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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 4 hours ago

Updated : 2 hours ago

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ब्लड प्रेसर और डायबिटीज की दवाई लेकर चंबा पहुंचा ड्रोन, आधे घंटे में तय की दूरी - AIIMS Rishikesh

World Heart Day 2024 29 सितंबर को पूरी दुनिया में विश्व हृदय दिवस मनाया जाता है. इसी बीच एम्स ऋषिकेश ने टिहरी जिले के दूरदराज के गांवों में ड्रोन डिलीवरी द्वारा ब्लड प्रेसर और डायबिटीज की दवा पहुंचाकर एक अनोखी पहल की है.

world heart day 2024
मधुमेह की दवा लेकर ऋषिकेश से चंबा पहुंचा ड्रोन (photo- ETV Bharat)

ऋषिकेश:एम्स ऋषिकेश ने जनपद टिहरी के चंबा ब्लॉक में ब्लड प्रेसर और डायबिटीज की दवा पहुंचाकर ड्रोन डिलीवरी प्रणाली को और अधिक विकसित किया है. यह उपलब्धि हेल्थकेयर लॉजिस्टिक्स के लिए सीमित पहुंच वाले क्षेत्रों में दवा वितरण की चुनौतियों से निपटने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रगति का प्रतीक है.

क्यों मनाया जाता है विश्व हृदय दिवस:बता दें कि 29 सितंबर को विश्व हृदय दिवस मनाया जा है. विश्व हृदय दिवस मनाने का उद्देश्य हृदय रोग और इससे संबंधिच बीमारियों के बारे में लोगों को जागरूक करना और इसके रोकथाम को लेकर लोगों को शिक्षित करना है. हर साल की तरह इस साल भी विश्व हृदय दिवस 2024 की थीम ’यूज हार्ट फाॅर एक्शन’ रखी गई है.

दूरदराज के गांवों में दवाओं की ड्रोन डिलीवरी (photo-ETV Bharat)

ड्रोन ने 33 किलोमीटर की हवाई दूरी की तय:ड्रोन मेडिकल सेवा के माध्यम से शुक्रवार को एम्स के हेलीपैड से 10 किलोग्राम का पेलोड टिहरी के चंबा ब्लॉक भेजा गया. इसमें ब्लड प्रेसर और डायबिटीज की दवाएं शामिल थीं. 33 किलोमीटर की हवाई दूरी और 5,600 फीट से अधिक की ऊंचाई पर स्थित चंबा ब्लॉक तक पहुंचने में ड्रोन को 30 मिनट का समय लगा. ड्रोन संचालन टीम ने चंबा ब्लाॅक स्थिति स्कूल के प्रांगण में मौजूद स्वास्थ्य विभाग के स्टाफ को दवाओं की डिलीवरी उपलब्ध करवाई.

प्रो. मीनू सिंह ने कहा कि खराब मौसम और विपरीत भौगोलिक परिस्थितियों की वजह से ऐसे इलाकों में दवा पहुंचाना स्वयं में चुनौतीपूर्ण है. एम्स का प्रयास है कि अत्याधुनिक मेडिकल तकनीक के माध्यम से राज्य के दूर-दराज के इलाकों तक ड्रोन सेवा द्वारा जरूरतमंदों को दवा उपलब्ध कराई जाए. उन्होंने कहा कि दिल के दौरे, स्ट्रोक और क्रोनिक किडनी रोग के शीर्ष जोखिमों में ब्लड प्रेसरको विशेष कारक माना जाता है.

एम्स ऋषिकेश के सीएफएम विभाग के एडिशनल प्रोफेसर डॉ. प्रदीप अग्रवाल ने बताया कि पहाड़ी क्षेत्रों से कई लोग बीपी और शुगर की दवा लेने के लिए नियमित तौर से इसलिए नहीं आ पा रहे हैं, क्योंकि उनके पास आवागमन के संसाधनों का अभाव है और मार्ग बाधित है. वहीं, अगर अस्पताल किसी तरह पहुंच गए तो दवा का पर्याप्त स्टाक उपलब्ध न होने से उनका पूरा दिन खराब हो जाता है. ऐसे में एम्स के सीएफएम विभाग द्वारा ड्रोन मेडिकल सेवा के माध्यम से सरल लॉजिस्टिक तंत्र को विकसित कर समस्या हल करने का निर्णय लिया गया. उन्होंने कहा कि उन्नत पैथोलॉजी परीक्षण करने के लिए ड्रोन सुविधा का भी उपयोग किया जा रहा है.

संस्थान के चिकित्सा अधीक्षक प्रो. संजीव कुमार मित्तल ने कहा कि ज्यादा ऊंचाई में ब्लड प्रेसरकी प्रसार दर को देखते हुए अत्याधुनिक ड्रोन डिलीवरी प्रणाली सुनिश्चित करेगी कि पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले व्यक्तियों को बिना किसी देरी के ड्रोन मेडिकल सेवा के माध्यम से ब्लड प्रेसर की दवाएं समय रहते मिल जाए.

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