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मीट की दुकानों पर लिखना होगा हलाल और झटका, मेयर बोलीं- जन भावना के आधार पर लिया गया फैसला - Meat Shop Controversy - MEAT SHOP CONTROVERSY

Halal and Jhatka Meat, राजस्थान की राजधानी में संचालित होने वाली मीट की दुकानों पर हलाल और झटका लिखने का फैसला लिया गया, जिसे अब जल्द धरातल पर उतारने की प्लानिंग की जा रही है. इसके साथ ही मीट की दुकान अब सिर्फ व्यवसायिक जमीन पर ही संचालित हो सकेंगी. इस फैसले को महापौर ने किसी वर्ग को टारगेट नहीं, बल्कि जन भावना के आधार पर लिया गया फैसला बताया.

Meat Shop Controversy
मीट की दुकानों पर हलाल और झटका लिखने का फैसला (ETV Bharat Jaipur)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 19, 2024, 6:20 PM IST

हलाल और झटका मीट लिखने को लेकर बयान (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर. यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने निर्देश हैं दिए कि कावड़ यात्रा के दौरान रास्तों में लगने वाली दुकानों पर संचालक का नाम और पहचान लिखनी होगी. इस निर्देश को कावड़ यात्राओं की आस्था की शुचिता बनाए रखने के नजरिए से देखा जा रहा है. कुछ इसी तरह का फैसला बीते दिनों जयपुर ग्रेटर निगम की ओर से लिया गया, ताकि जनभावना आहत न हो.

दरअसल, हाल ही में ग्रेटर निगम में जो एग्जीक्यूटिव कमिटी की मीटिंग हुई, उसमें अवैध मीट की दुकानें संचालित होने का विषय आया. साथ ही जिन मीट शॉप के पास लाइसेंस हैं वहां नियमों का पालना नहीं हो रही है. इससे जनभावना आहत हो रही है. इसे लेकर महापौर ने बताया कि जन भावना को ध्यान में रखते हुए अब निगम प्रशासन उन्हीं मीट की दुकानों को लाइसेंस देगा, जहां कमर्शियल पट्टा होगा. इसके अलावा मीट की दुकान पर लिखना होगा कि वो झटका मीट शॉप है या हलाल मीट शॉप.

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उन्होंने बताया कि आवासीय कॉलोनी में जिस तरह से मीट की दुकान कहीं भी संचालित होने लगती हैं. क्षेत्र को भी गंदा करती हैं, कई लोगों की भावनाएं भी आहत होती हैं. दुर्गंध भी फैलती है. उसे ध्यान में रखते हुए कमर्शियल पट्टा होने पर ही मीट की दुकान का लाइसेंस दिया जाएगा. उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी वर्ग विशेष को टारगेट करते हुए ये फैसला नहीं लिया गया, बल्कि जन भावनाओं को ध्यान में रखते हुए ये फैसला लिया गया है. जहां तक आगामी दिनों में आने वाले सावन के महीने का सवाल है तो ये एक पवित्र महीना है, उसमें निगम प्रशासन सभी प्रमुख शिव मंदिरों के बाहर अच्छे से साफ सफाई, रंगोली और अस्थाई रोशनी की व्यवस्था करता है. निगम हर धर्म और त्योहार का सम्मान करता है. ऐसे में केवल पवित्र महीने से जोड़कर इस फैसले को ना देखा जाए. ये एक बड़ा फैसला है और लगातार चलने वाला है. जिस पर विस्तृत कार्य योजना तैयार हो रही है.

इससे पहले प्रदेश के यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने भी इस फैसले का स्वागत किया था. उन्होंने कहा था कि ये धार्मिक भावनाओं से जुड़ा हुआ प्रकरण है. किसे क्या चाहिए उसे उस हिसाब से जानकारी नहीं होगी, तो अनावश्यक विवाद हो सकते हैं. इसलिए हलाल और झटका अलग-अलग लिखना उचित फैसला है.

हालांकि, ग्रेटर निगम के उप महापौर ने मंदिरों के पास बड़ी संख्या में अवैध मांस की दुकान खुलने और बिना किसी लाइसेंस के इन दुकानों के नियमित संचालित होने का सवाल भी उठाया. जिस पर महापौर ने कहा कि इस संबंध में सभी पार्षदों को पत्र लिखकर सूचना मांगी गई है. अधिकारी भी लगातार फील्ड में जाकर अवैध मीट की दुकानों पर कार्रवाई कर रहे हैं. ये एक सतत प्रक्रिया है, जबकि निगम में एक समिति के चेयरमैन शंकरलाल शर्मा ने कहा कि ये एक स्वागत योग्य फैसला है, जो लोगों की जन भावनाओं को ध्यान में रखते हुए लिया गया है. इस फैसले से अवैध दुकानों के संचालक पर भी पाबंदी लगेगी.

इस संबंध में महापौर ने सभी 150 वार्ड पार्षदों को पत्र भेजकर उनके क्षेत्र में संचालित होने वाली उम्मीद की दुकानों की सूची मांगी है. साथ ही इस फैसले को महापौर ने किसी वर्ग को टारगेट नहीं, बल्कि जन भावना के आधार पर लिया गया फैसला बताया.

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