नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) की मेयर शेली ओबेरॉय ने शुक्रवार को हुए एमसीडी स्टैंडिंग कमेटी के छठे सदस्य के चुनाव को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी सुंदर सिंह तंवर ने जीत हासिल की है. आम आदमी पार्टी ने चुनाव का बहिष्कार करते हुए आरोप लगाया था कि यह प्रक्रिया दिल्ली नगर निगम अधिनियम के विपरीत है. मेयर की ओर से याचिका में यह तर्क दिया गया कि स्टैंडिंग कमेटी का चुनाव उपराज्यपाल के निर्देशों के आधार पर हुआ.
दिल्ली नगर निगम प्रक्रिया और व्यवसाय संचालन विनियमन 1958 के विनियमन 51 का संदर्भ देते हुए कहा गया है कि स्थायी समिति के लिए चुनाव महापौर की अध्यक्षता में निगम की बैठक में होना चाहिए. इसके अलावा, विनियमन 3 (2) निर्दिष्ट करता है कि ऐसी बैठकों के लिए तिथि, समय और स्थान केवल महापौर द्वारा तय किया जा सकता है.
याचिका में यह भी कहा गया है कि डीएमसी अधिनियम की धारा 76 निर्दिष्ट करती है कि इन बैठकों के लिए पीठासीन अधिकारी महापौर या उनकी अनुपस्थिति में उप-महापौर होना चाहिए. हालांकि, निर्वाचित मेयर की जगह आईएएस अधिकारी को बैठक का पीठासीन अधिकारी बनाया गया, जो याचिकाकर्ता का तर्क है कि पूरी तरह से अवैध और असंवैधानिक है.