रांची: राजधानी के बड़गाईं स्थित 8.86 एकड़ जमीन के स्कैम मामले में प्रवर्तन निदेशालय की ओर से दायर चार्जशीट के तथ्य बता रहे हैं कि होटवार जेल में बंद पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मुश्किलें अभी और बढ़ने वाली हैं. पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के बेहद खास और उनके मीडिया सलाहकार रहे अभिषेक पिंटू के बयान का हवाला देते हुए कोर्ट को बताया गया है कि उन्होंने हेमंत सोरेन के कहने पर संबंधित जमीन का वेरिफिकेशन सीएमओ में सेवारत उदय शंकर नामक कर्मचारी से करवाया था.
पिंटू ने हेमंत सोरेन और उनके परिवार से जुड़ी दो और प्रॉपर्टी का वेरिफिकेशन उदय शंकर से करवाया था. इसको लेकर पिंटू और उदय शंकर के बीच 22 अक्टूबर 2022 को व्हाट्सएप पर चैटिंग भी हुई थी. पूर्व सीएम हेमंत सोरेन के मीडिया एडवाइजर रहे अभिषेक पिंटू के निजी सचिव उदय शंकर ने भी अपने बयान में इस बात की पुष्टि की है.
बड़गाईं के सीओ मनोज कुमार ने भी ईडी को दिए स्टेटमेंट में स्वीकार किया है कि उन्हें जानकारी थी कि 8.86 एकड़ जमीन हेमंत सोरेन की है. मनोज कुमार ने स्वीकार किया है कि सीएमओ से उदय शंकर का फोन आने के बाद ही उन्होंने राजस्व कर्मचारी भानु प्रताप को संबंधित प्लॉट का सर्वेक्षण कर रिपोर्ट देने को कहा था.
विवादित जमीन पर हेमंत सोरेन का बयान
प्रवर्तन निदेशालय का दावा है कि संबंधित जमीन को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन लगातार टाल मटोल वाला रवैया अपनाते रहे. वह एक ही बात कहते रहे कि इस जमीन उनका कोई लेना-देना नहीं है. गिरफ्तारी के दिन 31 जनवरी 2024 को जब राजस्व कर्मचारी भानु प्रताप के बयान और उसके घर से बरामद संबंधित प्लॉट से जुड़े कागजात की जानकारी से जुड़े सवाल पूछने पर भी हेमंत सोरेन ने कहा कि वह भानु प्रताप को नहीं जानते हैं. ईडी के मुताबिक हेमंत सोरेन का कहना है कि उन्हें नहीं मालूम कि दिल्ली स्थित आवास से किस तरह के कागजात मिले. उन्हें यह भी नहीं मालूम कि दिल्ली स्थित आवास पर रेड हुई थी.
किसकी थी बीएमडब्ल्यू कार