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स्कूल खुलते ही बीमार पड़ने लगे बच्चे, चिकित्सकों ने वर्ग संचालन के रूटीन पर उठाए सवाल - heatwave in bihar - HEATWAVE IN BIHAR

Heatwave In Bihar: बिहार में हीटवेव के कारण स्कूली बच्चों की तबीयत बिगड़ रही है. सोमवार को भी कई बच्चों के बेहोश होने की खबरें विभिन्न जिलों से सामने आई. ऐसे में डॉक्टरों ने स्कूल के रूटीन और बच्चों को दिए जाने वाले मीड डे मील को लेकर सवाल उठाए हैं.

स्कूल खुलते ही बीमार पड़ने लगे बच्चे
स्कूल खुलते ही बीमार पड़ने लगे बच्चे (Etv Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jun 10, 2024, 8:02 PM IST

गर्मी में बच्चों की बिगड़ रही तबीयत (ETV Bharat)

पटना:प्रदेश में अभी के समयभीषण गर्मीपड़ रही है. गर्मी के कारण बीते दिनों बंद हुए स्कूल आज सोमवार से खुल गए, लेकिन स्कूल खुलते ही प्रदेश भर से गर्मी के कारण बीमार पड़ने वाले बच्चों की घटनाएं सामने आई. पटना, मुंगेर, बेगूसराय, औरंगाबाद, गया, छपरा, मुजफ्फरपुर जैसी जगहों से सबसे अधिक बच्चों के गर्मी के कारण स्कूल में बेहोश होने अथवा बीमार पड़ने की घटना सामने आई है.

गर्मी में बच्चों की बिगड़ रही तबीयत: मौसम विभाग ने अलर्ट कर दिया है कि अगले 4 दिनों तक गर्मी से राहत नहीं मिलेगी. बच्चों के बेहोश होने की घटना पर प्राथमिक शिक्षक संघ के कार्यकारी अध्यक्ष मनोज कुमार सिंह ने कहा कि सरकार अगर इस भीषण गर्मी में भी बच्चों को स्कूल में पढ़ाना चाहती है तो बच्चों के बीमार पड़ने की पूरी जिम्मेदारी सरकार की ही है. अभी मौसम को देखते हुए कक्षा एक से आठ तक के वर्ग का संचालन बंद रहना चाहिए.

'इलेक्ट्रोलाइट की कमी से बच्चे हो रहे बीमार'- डॉक्टर:वहीं बच्चों के बीमार पड़ने पर पटना के वरिष्ठ चिकित्सक डॉक्टर दिवाकर तेजस्वी ने कहा कि अभी जो सुबह 6:30 बजे से 11:30 बजे तक विद्यालय का संचालन हो रहा है, इसे परिवर्तित किया जा सकता है. अधिक पसीना होने पर इलेक्ट्रोलाइट की कमी से बच्चे बीमार पड़ रहे हैं. इसके अलावा उन्होंने विद्यालय में वर्ग के संचालन के रूटीन पर भी प्रश्न चिन्ह खड़े किए हैं.

"सरकारी विद्यालयों में जो कक्षाओं की टाइमिंग है वह हैरान करने वाली है. सुबह 6:30 बजे से विद्यालय शुरू रहा है और एक सिटिंग में सात पीरियड चल रहा है. कम से कम तीन से चार पीरियड के बाद 20 से 30 मिनट का गैप मिलना चाहिए. कक्षा में बैठे बच्चे ब्रेक में बाहर जाकर खुली हवा में सांस लेंगे और कक्षा से भी हीट स्ट्रेस कम होगा."-डॉक्टर दिवाकर तेजस्वी, वरिष्ठ चिकित्सक

'मिड डे मील में कुछ बदलाव जरूरी': डॉक्टर दिवाकर तेजस्वी ने कहा कि सुबह 6:30 बजे जब बच्चे विद्यालय पहुंचेंगे तो या तो खाली पेट पहुंचेंगे या हल्का-फुल्का कुछ खाकर पहुंचेंगे. ऐसे में 9:00 बजे तक लंच होना चाहिए और इसी दौरान बच्चों को मिड डे मील खिला देना चाहिए. मिड डे मील में अभी के समय अंडा इत्यादि के बजाय ओआरएस का घोल दिया जाए.

'ओआरएस बच्चों के लिए जरूरी': उन्होंने आगे कहा कि प्रत्येक बच्चों को एक शैचट (पैकेट) ओआरएस दिया जाए. शिक्षक यह तय करें कि स्कूल से छुट्टी से पहले उनकी कक्षा के सभी बच्चे पानी पीकर ही स्कूल से बाहर जाएं. ताकि शरीर हाइड्रेटेड रहे और बच्चों के घर लौटते समय हीट स्ट्रोक की चपेट में आने का खतरा कम रहे. इसके अलावा 10:00 बजे या 10:30 बजे तक विद्यालय की छुट्टी हो जानी चाहिए.

ये है स्कूलों का रूटीन: गौरतलब है कि अभी के समय सरकारी विद्यालय का रूटीन है, उसमें सुबह 6:30 बजे से 6:45 बजे तक प्रार्थना है. उसके बाद 7:20 तक पहली घंटी, 7:55 तक दूसरी घंटी, 8:30 तक तीसरी घंटी, 9:05 तक चौथी घंटी, 9:40 तक पांचवी घंटी, 10:15 तक छठी घंटी, 10:50 तक सातवीं घंटी, फिर 11:30 बजे तक खेलकूद और अन्य सृजनात्मक गतिविधि का पीरियड है. फिर 11:30 बजे मध्यान भोजन और उसके बाद छुट्टी.

चिकित्सक अभी के समय 10:00 के बाद शाम 5:00 तक बच्चों के लिए खेलकूद मना कर रहे हैं. वहीं मौसम विभाग की मानें तो 14 जून तक प्रदेश में गर्मी से राहत के आसार नहीं बन रहे हैं. पूरा प्रदेश हीट वेव की चपेट में है और दक्षिण बिहार के अधिकांश जिले सीवियर हीट वेव की चपेट में है और इसमें पटना जिला भी शामिल है.

14 जून तक का अलर्ट: मौसम विभाग ने इसको लेकर अलर्ट भी जारी कर दिया है. मौसम विभाग की मानें तो 14 जून तक दिन के समय में हीट वेव और रात में वार्म नाइट का अलर्ट है. इस मौसम में लोगों को विशेष सावधानी बरतने की मौसम विभाग ने अपील की है.

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