वाराणसी:हर नए साल की शुरुआत के साथ ही विवाह के मुहूर्त को लेकर भी चर्चा शुरू होती है, क्योंकि काम मुहूर्त एक तरफ जहां कुंवारों के लिए इंतजार की घड़ी को लंबा करता है. इसका बड़ा असर बाजार पर भी देखा जाता है, लेकिन इस बार सनातनी नव संवत्सर की शुरुआत के साथ ही विवाह के मुहूर्त हर किसी को खुश करने वाले दिखाई दे रहे हैं.
नवरात्र खत्म होने के बाद 18 अप्रैल 2024 से ही विवाह मुहूर्त की शुरुआत हो गई है और 18 अप्रैल को जबरदस्त शादियों के होने के बाद अब पूरे साल अलग-अलग महीनों में शादियों के जबरदस्त मुहूर्त देखने को मिलेंगे. नवसंवत्सर पिंगल 2081 में विवाह के लिए 73 दिन लग्न-मुहूर्त के होंगे. इस माह लगातार नौ दिन एक विवाह मुहुर्त मिलेंगे. अबकी विवाह के कारक ग्रह शुक्र और बृहस्पति के अस्त होने से मई-जून में सन्नाटा रहेगा.
जुलाई में सात दिन लग्न के बाद चातुमांस के कारण चार माह इंतजार करना होगा. जनवरी से मार्च तक दो माह में 40 दिन विवाह के लग्न मुहूर्त मिलेंगे. सूर्यदेव के 14 मार्च को दिन में 3.12 बजे कुंभ से मीन राशि में प्रवेश के साथ खरमास लग गया था. चैत्र शुक्ल प्रतिपदा नौ अप्रैल को नवसंवत्सर 2081 आरंभ हुआ और 13 अप्रैल को रात 11.17 अजे सूर्यदेष के मीन से मेष राशि में संचरण के साथ खरमास का समापन हो गया.
ज्योतिषाचार्य पंडित ऋषि द्विवेदी ने बताया कि शादी-विवाह के कारक ग्रह शुक्र की कमजोर स्थिति के कारण मांगलिक कार्यों के लिए लग्न मुहूर्त का इंतजार करना पड़ा. अब वैशाख कृष्ण षष्ठी सोमवार 29 अप्रैल को शुक्र पूर्व में तो वैशाख कृष्ण द्वादशी सोमवार पांच मई को देवगुरु बृहस्पति पश्चिम में अस्त हो जाएंगे. इससे इस वर्ष मई-जून में विवाहादि के मुहुर्त नहीं मिलेंगे.