पाकुड़: जिला मुख्यालय के गोकुलपुर आम बगीचा में मांझी परगना एवं गांवता की बैठक हुई, जिसकी अध्यक्षता चंद्रमोहन हांसदा ने की. बैठक में आदिवासियों की घटती आबादी एवं जमीन की लूट, पारंपरिक प्रधानी व्यवस्था को बहाल रखने, ग्रामसभा को मजबूत करने, आदिवासियों की पारंपरिक व्यवस्था को संचालित करने वाले लोगों के सम्मान और अधिकार की रक्षा करने के लिए आदिवासियों में एकजुटता और एकता बनाए रखने पर विशेष रूप से चर्चा की गयी.
मांझी परगना महासम्मेलन
इस दौरान शासन और प्रशासन की नाकामियों की वजह से आदिवासियों के अधिकार का हो रहे हनन एवं आदिवासी समाज पर हो जुल्म के खिलाफ आदिवासी समाज को एकजुट करते हुए उनके अधिकार को याद दिलाने को लिए रचनात्मक और संगठनात्मक गतिविधियां संचालित करने का निर्णय लिया गया. बैठक में आगामी 3 अक्टूबर को पाकुड़ में आयोजित 'मांझी परगना महासम्मेलन' को सफल बनाने का निर्णय लिया गया.
बैठक को संबोधित करते हुए चंद्रमोहन हांसदा, विकास गौंड ने लोगों से आदिवासियों के अस्तित्व को बचाने के लिए एकजुटता बनाए रखने की अपील की. बैठक में आदिवासियों की पारंपरिक व्यवस्था को बनाए रखने के लिए आदिवासी समाज को जागरूक करने का भी निर्णय लिया गया. इस दौरान चंद्रमोहन हांसदा ने कहा कि सरकार ने आदिवासियों के साथ विश्वासघात किया है. उन्होंने कहा कि वोट बैंक के रूप में आदिवासियों का इस्तेमाल किया गया.