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इकलौता शहर जहां स्वतंत्रता दिवस साल में दो बार धूमधाम से मनाते हैं शहरवासी, दिलचस्प किस्सा - Mandsaur Independence Day - MANDSAUR INDEPENDENCE DAY

मंदसौर में देश की आजादी का पर्व स्वतंत्रता दिवस साल में दो बार मनाया जाता है. 03 अगस्त को भी स्वतंत्रता दिवस मनाया गया. अब 15 अगस्त को भी यही पर्व मनाया जाएगा. मंदसौर के लोग भगवान पशुपतिनाथ की शरण में पहुंचे और एक-दूसरे को स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी.

Mandsaur Independence Day
दूर्वा से भगवान पशुपतिनाथ का अभिषक किया (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 3, 2024, 6:15 PM IST

Updated : Aug 3, 2024, 7:13 PM IST

मंदसौर।राजस्थान की सीमा से सटे मंदसौर जिले में आजादी का पर्व भी आध्यात्मिक तरीके से मनाया जाता है. यहां के लोग स्वतंत्रता दिवस को 15 अगस्त के साथ ही सनातन धर्म में प्रचलित पंचांग की तिथि के अनुसार भी मनाते हैं. 15 अगस्त 1947 को देश आजाद हुआ था. उस दिन श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी थी. लिहाजा, यहां के लोग अंग्रेजों की गुलामी से मुक्ति के पर्व को पंचांग की तिथि के मुताबिक भी मनाते चले आ रहे हैं.

मंदसौर में स्वतंत्रता दिवस साल में दो बार मनाया जाता है (ETV BHARAT)

भगवान पशुपतिनाथ की शरण में पहुंचे शहरवासी

3 अगस्त को शनिवार के दिन सावन माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी है. इसलिए हर साल की तरह इस बार भी शहरवासियों ने भगवान पशुपतिनाथ की प्रतिमा का दूर्वाभिषेक कर इस पर्व को धूमधाम से मनाया. आजादी की 76वीं वर्षगांठ पर मंदसौर वासियों ने हर साल की तरह इस बार भी भोलेनाथ की शरण में पहुंचकर इस पर्व को धूमधाम से मनाया. मंदसौर के लोग पिछले करीब 50 सालों से इस पर्व को दो बार मनाते चले आ रहे हैं. कैलेंडर के मान से भी शहरवासी आजादी के पर्व को 15 अगस्त को मनाते हैं.

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दूर्वा से भगवान पशुपतिनाथ का अभिषक किया

भगवान पशुपतिनाथ मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित कैलाश चंद्र भट्ट ने बताया "शहरवासी के साथ मिलकर यहां सुबह से ही भगवान पशुपतिनाथ महादेव की विशाल अष्टमुखी प्रतिमा का दूर्वा से अभिषेक करते हैं. आज भी करीब 3 घंटे तक हरी दूर्वा से अभिषेक के बाद भगवान की महाआरती हुई. इसके बाद शहरवासियों ने मंदिर परिसर में ही एक दूसरे को आजादी की बधाई दी." मंदिर के प्रधान पुजारी ने बताया कि सनातन धर्म में प्रथम पूज्य देव गणपति को दूर्वा चढ़ाने का महत्व मुक्ति के मार्ग में काफी शुभ माना जाता है. इस दूर्वा के अभिषेक के साथ यहां हर साल मनाया जाता है.

Last Updated : Aug 3, 2024, 7:13 PM IST

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