मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

पन्ना में बच्चों की सेहत का खुला राज, महिला बाल विकास के सर्वे में सामने आए चौंकाने वाले आंकड़े - MALNUTRITION CASE INCREASE IN PANNA - MALNUTRITION CASE INCREASE IN PANNA

कुपोषण का दंश झेल रहे पन्ना में एक बार फिर तेजी से आंकड़े बढ़ रहे हैं. हाल ही में महिला बाल विकास के सर्वे में सामने आए आंकड़ों से जमीनी स्तर पर हो रहे काम काज की पोल खुल गई है. वहीं एनआरसी में भर्ती हुए एक ग्राम हीमोग्लोबिन वाले बच्चे का उपचार किया जा रहा है.

MALNUTRITION CASE INCREASE IN PANNA
पन्ना में बढ़ रहे कुपोषण के मामले (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : May 28, 2024, 7:00 PM IST

पन्ना।जिले में कुपोषण हमेशा से ही एक गंभीर समस्या रही है. जिसकी श्रेणी में कई बच्चे जिंदगी और मौत से जंग लड़ रहे हैं. हाल ही में आए महिला और बाल विकास विभाग के आंकड़ों ने जमीनी स्तर पर कुपोषण को लेकर काम करने वाले कर्मचारियों की लापरवाही की पोल खोल कर रख दी है. जिले में कई सामाजिक संस्थाए काम कर रहीं हैं. इसके बावजूद कुपोषण कम नहीं हो रहा है.

पन्ना में अप्रैल माह में मिले 154 अति कुपोषित बच्चे (ETV Bharat)

अप्रैल माह में मिले 154 बच्चे अति कुपोषित

हर माह करीब एक लाख बच्चों को पोषक आहार मिलने के बाद भी कई बच्चे कम वजन के साथ-साथ स्वस्थ और तंदुरस्त नहीं है. जिले के बच्चों की सेहत कैसी है इसका खुलासा महिला बाल विकास विभाग की मासिक रिपोर्ट से हुआ है. रिपोर्ट के मुताबिक महिला बाल विकास विभाग के मैदानी अमले द्वारा अप्रैल 2024 में जिले में 0 से 5 साल के 1 लाख 2 हजार बच्चों का 10 दिवसीय शारीरिक माप लिया गया. जिसमें 0 से 5 साल तक के बच्चों का वजन से लेकर ऊंचाई नापी गई, जिसमें 154 बच्चे अति कुपोषित पाए गए तो 715 बच्चे माध्यम कुपोषित पाए गए.

जिंदगी की जंग लड़ रहा मनीष

अभी हाल ही में पोषण पुनर्वास केंद्र पन्ना में मनीष आदिवासी नाम का बच्चा भर्ती हुआ है. जिसके खून में मात्र एक ग्राम हीमोग्लोबिन बचा है और मांस हड्डियों से चिपक गया है. यही कारण है कि पोषण पुनर्वास केंद्र में मनीष जिंदगी की जंग लड़ रहा है. पूर्व में कई बच्चे ऐसे हैं जो कुपोषण की वजह से असमय ही काल के गाल में समा चुके हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता की कमी की वजह से भी बच्चे कुपोषण का शिकार हो रहे हैं और सही समय पर उपचार न मिल पाने की वजह से भी उनकी मौतें हो रही हैं.

ये भी पढ़ें:

कुपोषण का दंश झेल रहा ड़ेढ साल का मासूम, मांस हड्डियों से चिपका, शरीर में बचा मात्र एक ग्राम हीमोग्लोबिन

Malnourished Kids In MP: एमपी में 78 हजार बच्चे कुपोषण के शिकार, सरकार ने पेश किया साल के पहले 3 महीनें के आंकड़े

MP Sheopur Malnutrition : कुपोषण के मामले में बदनाम श्योपुर में 1000 से ज्यादा कुपोषित बच्चे, फिर भी NRC केंद्रों में बेड खाली

अब तक 88 बच्चे भर्ती

कुपोषण के बढ़ते मामलों को लेकर जिला अस्पताल में पदस्थ बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ पीके गुप्तासे बात की तो उन्होंने बताया कि "इस माह 88 बच्चों को बच्चा वार्ड में भर्ती किया गया है जिन्हें कुपोषण के साथ-साथ अन्य समस्याएं भी थी. गंभीर कुपोषित बच्चों को एनआरसी में भर्ती करवाया गया. इसके साथ जिन बच्चों में खून की कमी थी उन्हें खून भी चढ़वाया गया. उन्होंने कहा कि कुपोषण का सबसे बड़ा कारण आहार है,अगर बच्चों को सरकार द्वारा निर्धारित मेन्यू के अनुसार डे वाई डे पोषण आहार दिया जाए तो निश्चित ही उनके विकास में सुधार होगा. इसके साथ ही निरंतर उनकी देख-रेख कर उनके स्वस्थ में सुधार किया जा सकता है."

ABOUT THE AUTHOR

...view details