मलखंभ प्रतियोगिता में दिव्यांग ने लिया हिस्सा (ETV Bharat)
बलौदाबाजार: बलौदाबाजार में स्वतंत्रता दिवस समारोह हर्षोल्लास से मनाया गया. जिला मुख्यालय स्थित पंडित चक्रपाणि हाई स्कूल मैदान में आयोजित जिला स्तरीय समारोह में मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल शामिल हुए. इस दौरान मंत्री श्या मबिहारी जायसवाल ने तिरंगा फहराया. जायसवाल ने मुख्यमंत्री का संदेश भी पढ़कर लोगों को सुनाया. इस दौरान दिव्यांग बच्चे ने मलखंब का प्रदर्शन किया. इस दौरान श्याम बिहारी जायसवाल ने बलौदाबाजार जिले को इंडोर स्टेडियम की सौगात दी.
बलौदाबाजार को मिला इंडोर स्टेडियम: जिले के स्कूली बच्चों की ओर से रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. साथ ही जिले में पहली बार मलखंभ का प्रदर्शन भी किया गया, जो प्रमुख आकर्षण का केंद्र रहा. ध्वजारोहण के बाद स्वास्थ्य मंत्री ने इंडोर स्टेडियम की सौगात जनता को दी. मंत्री ने कहा कि स्टेडियम बनने से जिले में खेलकूद को बढ़ावा मिलेगा.
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर मलखंभ प्रतियोगिता का आयोजन (ETV Bharat)
मलखंभ के खेल में दिव्यांग ने दिखाया दम: मलखंभ में हिस्सा लेने वाले दिव्यांग खिलाड़ी से ईटीवी भारत ने बातचीत की. दिव्यांग योगेश घृतलहरे ने बताया, ''मेरा गांव काफी दूर है. घर से दूर अनुसूचित जाति छात्रावास बलौदाबाजार में पढ़ाई कर रहा हूं. इस खेल के बारे में मैं नहीं जानता था. जब जाना तब खूब मेहनत किया और सीखा. जांजगीर चांपा से आए सर ने मुझे सिखाया. मुझे सीखने में 15 दिन लगे. मैंने चुनौतियों समझा और फेस किया. रोज सुबह उठ कर 3 घंटे प्रैक्टिस करता था. 20 तारीख को रायपुर में राज्य स्तरीय प्रतियोगिता है उसमें हम खेलने जाएंगे."
जानिए मलखंभ का इतिहास:मलखंभ लकड़ी के पोल पर किया जाता है. मलखंभ पहली बार राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी खेल के रूप में 1958 में दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय जिम्नास्टिक चैंपियनशिप में किया गया. पहली राष्ट्रीय मलखंभ चैंपियनशिप 1962 में ग्वालियर, मध्य प्रदेश में आयोजित की गई थी. मलखंभ का सबसे पहला प्रत्यक्ष साहित्यिक उल्लेख 12वीं शताब्दी के प्रारम्भिक ग्रन्थ मानसोल्लास में मिलता है, जिसे चालुक्य राजा सोमेश्वर तृतीय ने लिखा था, जो उस समय वर्तमान दक्षिण भारत में शासन करते थे.