सरगुजा:आज के दौर में हस्तशिल्प कला लुप्त होती जा रही है. हालांकि कुछ लोग आज भी उसे जीवित रखने की कोशिश कर रहे हैं. सरगुजा के मैनपाट में इकलौते नेपाली कलाकार है, जो कि नेपाल की कलाकारी को यहां सोना-चांदी, पीतल और तांबे पर उकेर रहे हैं. ये पिछले तीस सालों से मैनपाट में रहकर सोने की चेन, माला, अंगूठी, मूर्ति सहित कई तरह की चीजें धातुओं से तैयार कर रहे हैं. इनकी बनाई चीजें लोगों के बेहद पसंद आती है. लोग इनके बनाए गए सामानों की डिमांड अधिक करते हैं.
नेपाल का कारीगर मैनपाट में कर रहा कलाकारी:दरअसल, हम बात कर रहे हैं नेपाल से मैनपाट में बसे दिल कुमार सोनर की. यह कारीगर नेपाल से छत्तीसगढ़ की शिमला यानी कि मैनपाट में अपनी कारीगरी का लोहा मनवाते नजर आ रहे हैं. यह कारीगर अपने आप में एक मिसाल है. यह कारिगर नेपाल से मैनपाट आकर हस्तशिल्प में लोहा, सोना-चांदी, तांबा-पीतल की वस्तुएं तैयार करता है. इससे वो अपना जीवन बसर करता है. अपने हाथों की कला के माध्यम से वो सोने की चेन, माला, तिब्बती संस्कृति से जुड़ी मूर्ति, चेन और अंगूठी तैयार करता है.