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पुष्कर में भी है भगवान बैधनाथ धाम, जगतपिता ब्रह्मा ने की थी स्थापना - MAHASHIVARATRI 2025

महाशिवरात्रि के मौके पर जानिए अजमेर के पुष्कर में स्थित बाबा बैद्यनाथ धाम की महिमा के बारे में....

महादेव का बैधनाथ शिवालय
महादेव का बैधनाथ शिवालय (ETV Bharat Ajmer)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 24, 2025, 12:43 PM IST

अजमेर : झारखंड राज्य के देवघर नामक स्थान पर भगवान शिव के ज्योतिर्लिंग के बारे में सभी जानते हैं, लेकिन आज हम आपको पुष्कर के नजदीक देवनगर गांव की पहाड़ी की तलहटी में स्थित बैद्यनाथ धाम के बारे में बताने जा रहे हैं. स्थानीय लोगों में बाबा बैद्यनाथ धाम की आस्था ज्योतिर्लिंग से कम नहीं है. मान्यता है कि इस पावन धाम पर बाबा बैद्यनाथ का शिवलिंग जगतपिता ब्रह्मा ने विधिवत रूप से स्थापित किया था. महादेव का यह बैधनाथ शिवालय अति प्राचीन है, जिसका उल्लेख पुराणों और अन्य धार्मिक शास्त्रों में भी मिलता है.

पूरा शिव परिवार है विराजित : अजमेर से 26 और पुष्कर से 15 किलोमीटर दूर देवनगर से आगे पहाड़ी की तलहटी में बाबा बैद्यनाथ धाम है. यह पावन स्थान होकरा ग्राम पंचायत में आती है. तीनों ओर पहाड़ी और कलकल बहता झरना इस पावन धाम की सुंदरता को और भी बढ़ा देता है. झरने का पानी सात अलग-अलग कुंडों से होते हुए आगे चला जाता है. श्रद्धालु झरने के जल को पवित्र मानते हैं और इस जल से ही भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं. मंदिर के भीतर प्रवेश करने पर नीचे की ओर एक गुफा में सीढ़ियां जाती हैं. यहीं भगवान बैधनाथ का शिवलिंग स्थापित है. भक्तों ने यहां भगवान गणेश, कार्तिकेय, माता पार्वती और नंदी की प्रतिमा भी स्थापित कर शिव परिवार को पूर्ण किया है. गुफा में स्थान काफी कम है. एक बार में 3 से 4 लोग ही शिवलिंग की पूजा कर सकते हैं. इस दौरान शेष श्रद्धालुओं को अपनी बारी का इंतजार करना होता है.

पुष्कर में भी है भगवान बैधनाथ धाम (ETV Bharat Ajmer)

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4 शिवलिंग की स्थापना :मंदिर के पुजारी पुनाराम ने बताया कि पुष्कर के अति प्राचीन धार्मिक स्थलों में से एक बाबा बैद्यनाथ धाम है. पद्म पुराण के अनुसार जगतपिता ब्रह्मा ने सृष्टि यज्ञ करने से पहले पुष्कर अरण्य क्षेत्र में 4 शिवलिंग की स्थापना की थी, ताकि महादेव की उपस्थिति से कोई नकारात्मक शक्ति सृष्टि यज्ञ में विघ्न नहीं डाले. भगवान बैद्यनाथ महादेव का शिवलिंग अति प्राचीन है. पुष्कर में जगतपिता ब्रह्मा ने सृष्टि यज्ञ से पहले यज्ञ की सुरक्षा के लिए पुष्कर के चारों ओर चार शिवलिंग की स्थापना की थी. इनमें से एक अजयसर गांव में स्थित अजगंधेश्वर महादेव, वैद्यनाथ महादेव, कपालेश्वर महादेव और अटमटेश्वर महादेव हैं. इनमें से बैद्यनाथ महादेव धाम सदियों से जन आस्था का केंद्र रहा है. श्रद्धालुओं की बैधनाथ धाम से गहरी आस्था जुड़ी हुई है. यहां शिवरात्रि पर मेला लगता है. आसपास क्षेत्र से ही नहीं बल्कि जिले और अन्य राज्य से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां आते हैं और भगवान बैधनाथ धाम पर आने वाले हर श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.

महादेव की पूजा करता भक्त (ETV Bharat Ajmer)

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शिवरात्रि पर लगता है मेला :पुष्कर तीर्थ दर्शन के लिए आए श्रद्धालु रुद्राक्ष पाराशर बताते हैं कि बचपन से ही वे बैधनाथ धाम आ रहे हैं. इससे पहले उनके दादा और पिता भी यहां पूजा अर्चना के लिए आया करते थे. दुनिया में जितने भी वैद्य और चिकित्सक हैं, उन सबके ईश्वर भगवान बैद्यनाथ हैं. पाराशर बताते हैं कि माता-पिता से बैद्यनाथ धाम के बारे में सुना था. जगत पिता ब्रह्मा ने स्वयं बाबा बैद्यनाथ का शिवलिंग स्थापित किया था, इसलिए यह पवन धाम ज्योतिर्लिंग के समान है. यहां पर सावन के पूरे महीने श्रद्धालुओं का मेला सा लगा रहता है. वहीं, महाशिवरात्रि पर चौदस की रात्रि को जागरण और शिवरात्रि को बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं. मान्यता है कि यहां बाबा बैद्यनाथ एक लोटे श्रद्धा के जल से ही श्रद्धालु को वो सब दे देते हैं, जिसकी मनोकामना लेकर वह आया है.

भगवान गणेश, कार्तिकेय की भी प्रतिमा है धाम में (ETV Bharat Ajmer)

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सृष्टि से पहले पुष्कर की हुई थी उत्पत्ति :जगतपिता ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना से पहले पुष्कर की उत्पत्ति की थी. ऐसे में पुष्कर सबसे प्राचीन और पवित्र धार्मिक स्थल है. पुष्कर तीर्थ दर्शन करने आने वाले श्रद्धालु पुष्कर में जगतपिता ब्रह्मा मंदिर के दर्शन और सरोवर की पूजा अर्चना घर लौट जाते हैं, लेकिन पुष्कर में ऐसे कई बड़े धार्मिक स्थल हैं, जो अति प्राचीन हैं. इनका महत्व पुराणों में भी उल्लेखित है, लेकिन इन स्थानों पर कुछ श्रद्धालु ही जा पाते हैं. दरअसल, तीर्थ यात्रियों को इन अति प्राचीन स्थानों के बारे में पता नहीं चल पाता है. इन पवित्र और अति प्राचीन धार्मिक स्थलों में से एक बाबा बैद्यनाथ धाम भी शामिल है.

पुष्कर के नजदीक देवनगर गांव की पहाड़ी की तलहटी में स्थित बैद्यनाथ धाम (ETV Bharat Ajmer)

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पवन धाम में आकर मिलती है मन को अद्भुत शांति :श्रद्धालु भरत मनवानी ने बताया कि बैद्यनाथ धाम पर 15 वर्ष पहले आया था. लंबे अंतराल के बाद यहां आना हुआ है. भगवान बैद्यनाथ धाम के बारे में काफी सुना था कि पुष्कर में स्वयं जगतपिता ब्रह्मा ने 4 शिवलिंग स्थापित किए थे, उनमें से एक बाबा बैद्यनाथ धाम है. यहां आकर मन को बहुत शांति मिली है. मंदिर के आसपास का प्राकृतिक नजारा भी बहुत सुंदर है. यहां आकर भगवान शिव की पूजा करने का अवसर मिला यह सौभाग्य है.

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