जयपुर: राजस्थान के जयपुर विकास प्राधिकरण की ओर से निकाली जाने वाली पटेल नगर आवासीय योजना के लॉटरी आवंटन के दौरान आवेदकों ने लॉटरी प्रक्रिया पर सवाल उठाए. लॉटरी में गड़बड़ी की आशंका जताते हुए आवेदकों ने लॉटरी से पहले डेमो लॉटरी निकालने की मांग की. इस पर जेडीए सचिव समेत अन्य अधिकारियों ने समझाइश करते हुए पहले लॉटरी निकलवाई और फिर डेमो लॉटरी निकालते हुए आवेदकों को संतुष्ट किया.
आगरा रोड पर बगराना के पास प्रस्तावित पटेल नगर योजना के जेडीए ने 14 जनवरी से 13 फरवरी तक आवेदन मांगे गए थे. एक महीने में इस योजना में 270 भूखंडों के लिए कुल 52 हजार 305 लोगों ने आवेदन पत्र प्राप्त हुए. इसमें से तकनीकी और अन्य कारणों से 189 आवेदन पत्र निरस्त कर दिए गए. इसके बाद 52 हजार 116 आवेदन पत्रों की सोमवार को जेडीए मुख्यालय पर लॉटरी निकाली गई. हालांकि, लॉटरी में आए कुछ लोगों ने लॉटरी प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही विरोध जताया. उन्होंने लॉटरी से पहले डेमो लॉटरी निकालने की मांग की. आवेदकों ने आरोप लगाया कि लॉटरी में गड़बड़ी होती है और इससे अपने चहेतों काे फायदा देते हुए भूखंड आवंटित कर दिए जाते है.
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जेडीए सचिव ने समझाया: जेडीए सचिव निशांत जैन और अन्य अधिकारियों ने लोगों से समझाइश की और लॉटरी पारदर्शिता से निकाले का आश्वासन दिया. लॉटरी प्रक्रिया पूरी होने के बाद डेमो लॉटरी निकालने का आश्वासन दिया. विरोध थमने के बाद लॉटरी निकाली गई. विरोध कर रहे लोगों को संतुष्ट करने के लिए लॉटरी प्रक्रिया पूरी होने के बाद डेमो लॉटरी भी निकाली.
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सचिव निशांत जैन ने बताया कि जयपुर विकास प्राधिकरण की ओर से 2009 से इसी प्रक्रिया के जरिए लॉटरी निकाली जा रही है. ये प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी है और डीओआईटी से सिक्योरिटी चेक करने के बाद ही इस सॉफ्टवेयर को अपनाया गया है. उन्होंने बताया कि यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा के निर्देश पर जल्द जेडीए की कुछ नई स्कीम भी लॉन्च की जाएगी.