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महाशिवरात्रि 2025; कोतवालेश्वर महादेव मंदिर में लगती है महादेव की 'अदालत', जानिए इतिहास? - MAHASHIVRATRI 2025

कानपुर में शिव मंदिर में कोर्ट, कचहरी और मुकदमे में जीत की मन्नत मांगने के लिये आते हैं लोग.

कोतवालेश्वर महादेव मंदिर
कोतवालेश्वर महादेव मंदिर (Photo credit: ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 26, 2025, 7:52 AM IST

कानपुर : देशभर में महाशिवरात्रि के पावन पर्व को लेकर तैयारियां काफी जोरों पर चल रहीं हैं. कानपुर में भी सभी शिवालय पूरी तरह से सज चुके हैं. हर तरफ 'हर हर महादेव' की गूंज सुनाई दे रही है. महाशिवरात्रि के इस पावन पर्व पर आज हम आपको कानपुर के एक ऐसे शिवालय के बारे में बताने जा रहे हैं जहां पर लोग कोर्ट कचहरी और मुकदमे में अपनी जीत की मन्नत मांगने के लिए पहुंचते हैं.

कोतवालेश्वर महादेव मंदिर (Video credit: ETV Bharat)

शहर के बीचो-बीच घनी आबादी में बना हुआ है मंदिर :महादेव का यह ऐतिहासिक तीर्थ स्थल शहर के बीचो-बीच घनी आबादी में बना हुआ है. इसे कोतवालेश्वर महादेव मंदिर के नाम से जाना जाता है. इस मंदिर की आस्था है कि कोर्ट कचहरी से जुड़ी मन्नत को मांगने के लिए कानपुर शहर ही नहीं बल्कि कई अन्य जनपदों से भी लोग महादेव के दर्शन करने के लिए आते हैं. शहर के कोतवाली थाना क्षेत्र के अंतर्गत स्थित महादेव का यह अनोखा मंदिर अपने आप में काफी ज्यादा खास इसलिए भी है, क्योंकि यहां पर बाबा भोलेनाथ को कोतवाल के रूप में पूजा जाता है.

कोतवालेश्वर महादेव मंदिर (Photo credit: ETV Bharat)

करीब 200 वर्ष पुराना है मंदिर :ईटीवी भारत संवाददाता से खास बातचीत के दौरान महंत नैतिक गिरी महाराज ने बताया कि, महादेव का यह मंदिर करीब 200 वर्ष पुराना है. यह मंदिर उनके पुरखों की धरोहर है. इस मंदिर की मान्यता है कि यहां पर मुकदमों और कोर्ट-कचहरी से जुड़ी मन्नत मांगने पर जरूर पूरी होती है. उन्होंने बताया कि, ब्रिटिश हुकूमत के समय यहां पर अंग्रेजों ने कोतवाली बना रखी थी. इसी स्थान पर भगवान शिव का छोटा सा मंदिर बना हुआ था. अंग्रेजों के जाने के बाद इस मंदिर को एक भव्य रूप में स्थापित किया गया.

ब्रिटिश शासन काल में थी कोतवाली :उन्होंने बताया कि ब्रिटिश शासन काल में इस जगह पर कोतवाली होने के चलते इस मंदिर का नाम कोतवालेश्वर महादेव मंदिर पड़ गया. उन्होंने बताया कि, कोतवाली में ही अंग्रेज अपने सभी मामलों का फैसला किया करते थे, इसलिए यहां पर आने वाले भक्त भगवान शिव के फैसले को आशीर्वाद के रूप में मानते हैं. इस मंदिर में जो भक्त आते हैं वह कोर्ट कचहरी से जुड़े हुए मामलों को लेकर आते हैं. ऐसी मान्यता है कि यहां पर आने के बाद महादेव उनकी मन्नत पूरी करते हैं.

महाशिवरात्रि पर विशेष आयोजन :मंदिर के महंत नैतिक गिरी महाराज ने बताया कि, इस मंदिर की खासियत है कि यहां पर महादेव हर समस्या का जल्द से जल्द निस्तारण कर देते हैं. बेहद सकरी गलियों में बना ये शिवालय काफी ज्यादा चर्चित है. इस बार महाशिवरात्रि के पावन पर्व को लेकर यहां पर कई विशेष आयोजन भी किए गए हैं. यहां पर दर्शन के लिए आने वाले भक्तों को किसी भी तरह की कोई समस्या न हो इसको लेकर मंदिर प्रशासन के द्वारा पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. महंत ने बताया कि, इस मंदिर में कानपुर शहर ही नहीं बल्कि दूर दराज के शहरों से भी भक्त दर्शन करने के लिए आते हैं.



बाबा की 'अदालत' में होती है सुनवाई :महंत नैतिक गिरी महाराज ने बताया कि, जैसा कि इस मंदिर की मान्यता है कि यहां आने वाले भक्त अगर कोर्ट कचहरी के फैसले से जुड़ी मन्नत मांगते हैं तो वह जरूर पूरी होती है. उन्होंने बताया कि यहां पर भक्त बाबा की अदालत में कानूनी समस्या से जुड़े मामलों को खत्म करने के लिए अर्जी लगाते हैं और बाबा भी अपने भक्तों को निराश न करते हुए उनकी उस समस्या को हल कर देते हैं. जिन भी भक्तों को कोर्ट कचहरी या फिर मुकदमों से जुड़ी समस्या होती है, वह यहां पर आकर बाबा की सच्चे मन से पूजा अर्चना करते हैं और अपनी मन्नत मांगते हैं.

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