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विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर महाठगी, 225 बेरोजगारों से वसूले करोड़ों, फर्जी वीजा और टिकट थमाया - Maharajganj News - MAHARAJGANJ NEWS

कुशीनगर पुलिस ने विदेश भेजने के नाम पर ठगी करने वाले 8 कबूतरबाजों को गिरफ्तार जेल भेज दिया है. इनके पास से 225 पासपोर्ट, 3 लाख कैश व फर्जी दस्तावेज बनाने वाले उपकरण बरामद किए हैं.

विदेश भेजने के नाम पर ठगने वाले गिरोह का पर्दाफाश.
विदेश भेजने के नाम पर ठगने वाले गिरोह का पर्दाफाश. (Etv Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 2, 2024, 10:25 PM IST

कुशीनगर: पुलिस ने विदेश भेजने के नाम पर उत्तर प्रदेश सहित बिहार के सैकड़ों बेरोजगार युवकों को ठगने वाले गिरोह का पुलिस ने पर्दाफाश किया है. पुलिस ने गिरोह के आठ सदस्यों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. पुलिस ने इस गिरोह से युवकों के 225 पासपोर्ट, 3 लाख कैश, मोबाइल, लैपटाप, कूटरचित दस्तावेज, मुहर, स्कार्पियो और हीरो स्पेलन्डर बाइक बरामद किया है.

पुलिस अधीक्षक संतोष मिश्र ने ठग गिरोह का किया खुलासा. (Video Credit; ETV Bharat)



दरअसल बिहार का रहने वाला यह गिरोह पहले पटना में ऑफिस खोलकर सैकड़ों युवकों को ठग चुका है. पटना में पोल खुलता देख यह वहां से भागकर सीमावर्ती कुशीनगर में जिलामुख्यालय के समीप जय अम्बे इंटरप्राइजेज के नाम से ऑफिस खोलकर विदेश जाने के इच्छुक युवकों को अपने जाल में फांसने लगा. इस गिरोह कारनामे का पता कुशीनगर पुलिस को तब चला, जब कुछ युवकों को मुंबई एयरपोर्ट से फर्जी वीजा की बात बताकर उन्हें लौटा दिया. मुंबई से लौटे युवकों ने इस रविंद्र नगर थाने पर की. जिस पर सक्रिय हुई पुलिस ने साइबर सेल की सहायता से जब जांच की तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए. इसके बाद बाद पुलिस ने गिरोह सभी 8 सदस्यों को गिरफ्तार करते हुए, उनके कब्जे से विदेश भेजने में प्रयुक्त सभी समाग्रियों को बरामद कर लिया.

पुलिस अधीक्षक संतोष मिश्र ने बताया कि सिवान निवासी मनोज कुमार यादव उर्फ राहुल राय, राजेश कुमार उर्फ संतोष गुप्ता, विकास कुमार यादव उर्फ अमित कुमार, नितीश कुमार, संजय कुमार यादव, मिथिलेश कुमार यादव, विनय कुमार यादव और रांची झारंखड निवासी पीताम्बर उर्फ अभिजीत राव को गिरफ्तार किया गया है. एसपी ने बताया कि गिरोह के लोग फेसबुक और इंस्टाग्राम पर विज्ञापन देकर लोगों को अफ्रीका के एक देश में नौकरी देने का झांसा देते थे. गिरोह के लोग एक व्यक्ति से 55 हजार रुपये विदेश भेजने के नाम पर लेते थे. इतना ही नहीं मेडिकल के नाम पर 4 से 8 हजार रुपये ले लेते थे. वहीं, पासपोर्ट अपने पास रख लेते थे. आरोपी कंप्यूटर से एडिट कर फर्जी वीजा भी लोगों को देते थे. यह गिरोह अन्य राज्यों में भी पहले सक्रिय था.

इनके कब्जे से 225 पीड़ित लोगों के पासपोर्ट, 3 लाख रुपये, 1 स्कार्पियो, 1 मोटरसाइकिल, 3 लैपटाप, 1 सीपीयू, 1 प्रिंटर, 13 मोबाइल फोन, फर्जी आफर लेटर और रिज्यूम क्यूआर कोड, 20 फर्जी मोहर, 22 अफर्जी सिम कार्ड, चेकबुक, एटीएम कार्ड आदि बरामद हुआ है.

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