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महंत कमल नयन दास ने कांग्रेस पर बोला तीखा हमला, कहा- सोनिया व राहुल गांधी राष्ट्र द्रोही हैं

फर्रुखाबाद में बुधवार को महंत कमल नयन दास महाराज (Mahant Kamal Nayan Das Statement) पांचाल घाट स्थित दुर्वासा ऋषि आश्रम पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कहा कि शरीयत और संविधान का भेद खत्म किए बिना हम देश को हिंदू राष्ट्र नहीं बना सकते.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 15, 2024, 1:37 PM IST

Updated : Feb 15, 2024, 2:11 PM IST

महंत कमल नयन दास ने कांग्रेस पर बोला तीखा हमला

फर्रुखाबाद :यूपी के फर्रुखाबाद जिले में रामनगरिया मेले में अयोध्या के प्रमुख संत महंत कमल नयन दास ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा कि शरीयत और संविधान का भेद खत्म किए बिना हम देश को हिंदू राष्ट्र की नहीं बना सकते. गोवध नहीं रोक सकते. हमारे प्रधानमंत्री ने तैयारी पूरी कर ली है, लेकिन यह तभी होगा जब इस बार भी ना चूकें.

दुर्वासा ऋषि आश्रम पहुंचे महंत कमलनयन दास महाराज :अयोध्या राम मंदिर आंदोलन के अगुआकार रहे महंत नृत्य गोपाल दास के उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास महाराज पांचाल घाट स्थित दुर्वासा ऋषि आश्रम पर आए. इस दौरान उन्होंने कहा कि आजादी के बाद देश का दुर्भाग्य था जो बिना एक भी वोट पाए व्यक्ति देश का प्रधानमंत्री बना. बाबा साहब अंबेडकर के विरोध के बावजूद शरीयत और संविधान को अलग-अलग रखा गया. आज हिंदुओं पर संविधान और मुस्लिमों पर शरियत कानून लागू है. उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी सनातन धर्म के विरोधी हैं. उन्होंने कहा कि राम मंदिर का कुछ काम अभी बाकी है. अब राष्ट्र के ऊपर जो संकट है, उसे खत्म करने के लिए काम करना होगा. लगातार बढ़ रही जनसंख्या में विषमता चिंता का विषय है. कांग्रेस पर भड़ास निकालते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने आजादी के समय धारा-30 ए लगाकर हिंदुओं को बेड़ियों में जकड़ने का काम किया.

दक्षिण भारत के मंदिरों पर राज्य सरकारों का होल्ड :उन्होंने कहा कि दक्षिण भारत के मंदिरों में वहां की राज्य सरकारों का होल्ड है. मंदिरों का पैसा ईसाई मिशनरियों और वक्फ बोर्ड के विकास में खर्च हो रहा है. सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि इन दोनों को सनातन धर्म से कोई मतलब नहीं है. इन्होंने मिशनरियों को बढ़ावा देने का काम किया है. यह लोग राष्ट्र के हितैषी नहीं हैं. आजादी के समय कांग्रेस ने बाइबिल व कुरान को पढ़कर सरकारी परीक्षाओं में प्रतिभाग करने का नियम बनाया था. वहीं, गीता पढ़ने वालों को प्रतियोगी परीक्षाओं से दूर रखा. जो कांग्रेस कार्यकर्ता सनातन धर्म पर बात करता है, उसको पार्टी से बाहर निकाल दिया जाता है.

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Last Updated : Feb 15, 2024, 2:11 PM IST

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