लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज में आयोजित हो रहे महाकुम्भ 2025 को सहकारिता का सबसे उत्कृष्ट उदाहरण बताया. कहा कि प्रयाग में 26 जनवरी को करीब ढाई से तीन करोड़ लोग पवित्र संगम में डुबकी लगाने पहुंचे हैं. यह पूरा कार्य ऑटो मोड और आपसी सहभागिता के आधार पर चल रहा है. ये सहकारिता का सबसे बड़ा उदाहरण है. भारत के जीन्स में ही सहकारिता की भावना रची-बसी है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को गणतंत्र दिवस के अवसर पर अपने सरकारी आवास से अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 का शुभारंभ किया. उत्तर प्रदेश अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 का शुभारंभ करने वाला देश का पहला राज्य है. उन्होंने सुल्तानपुर में पांच हजार और कौशाम्बी में 15 हजार मीट्रिक टन के गोदामों का उद्घाटन किया, साथ ही तिरंगे गुब्बारे छोड़कर अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 का शुभारंभ किया. सीएम योगी ने 'रन फॉर कॉर्पोरेशन' मैराथन का भी झंडी दिखाकर शुभारंभ किया, जिसमें बड़ी संख्या में युवाओं ने हिस्सा लिया.
कार्यक्रम के दौरान उन्होंने सभी को गणतंत्र दिवस की बधाई दी और स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल मां भारती के सभी ज्ञात-अज्ञात महान सपूतों को नमन किया. उन्होंने कहा कि सहकार का ही एक परिवर्तित रूप सहकारिता है. एक स्वावलंबी भारत का निर्माण करना है तो सहकारिता को अपने जीवन का हिस्सा बनाना होगा. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा से सहकारिता आंदोलन देश में नई ऊंचाई प्राप्त कर रहा है. पहली बार देश में सहकारिता मंत्रालय का गठन हुआ और उसका नेतृत्व गृहमंत्री अमित शाह को सौंपा गया. सहकारिता आंदोलन पूरे देश में हर किसान, महिला और युवा वर्ग को इस अभियान का हिस्सा बना रहा है.
डिजिटल पेमेंट की ओर बढ़ें सहकारी बैंक: मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले कुछ साल में यूपी में सहकारिता आंदोलन एक नई दिशा की ओर अग्रसर हुआ है. सीएम ने कहा कि सहकारी समितियों को पुनर्जीवित करते हुए उन्हें गांव के विकास और किसान के स्वावलंबन के साथ जोड़ने का कार्य हो, या जिला स्तर पर सहकारी बैंकों को पुनर्जीवित करते हुए उन्हें विकास के महत्वपूर्ण आयाम के साथ जोड़ने की कार्रवाई हो.