प्रयागराज: महाकुंभ 2025 के पहले शाही स्नान में आज आस्था का जनसमुद्र देखने को मिला. इसमें साधु-संतों के साथ देशी और विदेशी श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाकर अमृत स्नान किया. अमृत स्नान के महापर्व में आस्था और अध्यात्म का एक ऐसा विशाल सागर नजर आया, जिसमें हर कोई अपनी आत्मा को शांति और पवित्रता से भरने के लिए खिंचा चला आया.
माना जाता है कि मकर संक्रांति के दिन त्रिवेणी संगम में स्नान अमृतपान के समान है. माघ पूर्णिमा पर पहले और मकर संक्रांति पर दूसरे अमृत स्नान के बाद गंगा, यमुना और सरस्वती के पावन संगम पर लाखों श्रद्धालु भक्ति के रंग में रंगे नजर आ रहे हैं. यहां हर तरफ एक अलौकिक ऊर्जा का संचार है. देश ही नहीं, बल्कि विदेश से भी लोग इस अद्भुत आध्यात्मिक अनुभव के साक्षी बनने के लिए पहुंच रहे हैं.
महाकुंभ के अमृत स्नान पर विदेशी श्रद्धालुओं ने रखी अपनी बात. (Video Credit; ETV Bharat) रूस की जेरेमी सात साल से कर रहीं सनातन धर्म का पालन: रूस की जेरेमी सात साल से सनातन धर्म का पालन कर रही हैं. उन्होंने गंगा-यमुना के दर्शन कर, अमृत स्नान कर अपनी खुशी व्यक्त की. उनका कहना है कि सनातन धर्म में तर्क है, इसमें विश्वास है, अंधविश्वास नहीं. यह बहुत ही सुंदर है.
महाकुंभ के अमृत स्नान का आनंद लेती युवती. (Photo Credit; ETV Bharat) पहली बार किया अमृत स्नान: विदेशी श्रद्धालु जोनाथन पहली बार कुंभ में आए हैं. कहते हैं कि उनका अनुभव बहुत ज्यादा अच्छा रहा. यहां के लोग बहुत प्यारे हैं, भोजन अद्भुत है और तीर्थस्थलों और मंदिरों को देखकर मैं अभिभूत हूं. मैंने पहली बार अमृत स्नान किया है. यह बहुत रोमांचक है.
महाकुंभ 2025 के अलग-अलग रंग. (Photo Credit; ETV Bharat) पोलैंड की क्लाउडिया को मिला जीवन का अद्भुत आनंद: पौलेंड से आईं क्लाउडिया ने अमृत स्नान को जीवन का सबसे अद्भुत आनंद बताया. कहा कि मुझे यहां आकर अत्यधिक प्रसन्नता हो रही है. मैंने कभी भी ऐसा महसूस नहीं किया था. कभी नहीं सोचा था कि मुझे कभी जीवन में इस तरह का अनुभव मिलेगा.
महाकुंभ 2025 के पहले बड़े स्नान पर्व पर गंगा मैया और सूर्य देव को नमन करते श्रद्धालु. (Photo Credit; ETV Bharat) ऑस्ट्रेलिया की मंजरिका बोलीं, ये अद्भुत है: ऑस्ट्रेलिया से आईं श्रद्धालु मंजरिका ने बताया कि वह एक टीचर हैं और भारत में 40 दिन से हैं. जब वह भारत आई थीं, तभी सोच लिया था कि महाकुंभ मेले में जरूर जाएंगी. क्योंकि यह अपने आप में अद्भुत है. यहां आकर वैसा ही अनुभव हो रहा है. इस तरह का अनुभव हमेशा नहीं मिलता है.
महाकुंभ 2025 के पहले बड़े स्नान पर्व पर गंगा मैया और सूर्य देव को नमन करती महिला श्रद्धालु. (Photo Credit; ETV Bharat) जापान के मसादी कुंभ में दूसरी बार आए:जापान से आए मसाजी ने बताया कि वह दूसरी बार कुंभ मेले में आए हैं. यहां आकर अत्यधिक प्रसन्नता हो रही है, जिसे शब्दों में बयां नहीं कर सकता. यहां पर मंत्रमुग्ध करने वाला वातावरण है. महाकुंभ मेला बहुत ही अनुपम है. मैं हिंदू नहीं हूं, इसके बावजूद यह मेरे लिए बहुत अहम है. मुझे यहां आकर खुशी की अनुभूति हो रही है. जापान से आई अन्य श्रद्धालु मिसाकी ने भी माना कि उन्हें यहां शांति का एहसास हो रहा है.
महाकुंभ 2025 के पहले बड़े स्नान पर्व का विह्ंगम दृष्य. (Photo Credit; ETV Bharat) अमृत स्नान से मिलती अद्भुत शक्ति:साउथ अफ्रीका के केपटाउन से आईं निक्की महाकुंभ की महिमा देखकर अभिभूत हैं. उन्होंने बताया कि यह जगह बहुत ही शक्तिशाली है. अमृत स्नान से अद्भुत शक्ति मिलती है. हम गंगा नदी के किनारे आकर धन्य महसूस कर रहे हैं. यह बहुत सुंदर है. सड़कें साफ हैं, लोग बहुत मिलनसार और खुश हैं.
महाकुंभ 2025 के पहले शाही स्नान में अखाड़ों के साधु-संतों ने अमृत स्नान किया. (Photo Credit; ETV Bharat) स्पेन से जोस अपने दोस्तों के साथ आया:स्पेन के जोस अपने दोस्तों के साथ आध्यात्मिक यात्रा पर निकले हैं. जोस ने बताया, स्पेन, ब्राजील, पुर्तगाल से, हम एक आध्यात्मिक यात्रा पर निकले हैं. मैंने पवित्र डुबकी लगाई और मुझे बहुत आनंद आया, मैं बहुत भाग्यशाली हूं कि मुझे अमृत स्नान करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ. इससे उन्हें एक नई ऊर्जा और शांति मिल रही है.
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