प्रयागराज/लखनऊ : महाकुंभ 2025 की शुरुआत जनवरी से होगी. दुनिया के सबसे बड़े इस मेले में सनातन धर्म को मानने वाले देश दुनिया से श्रद्धालुओं के अलावा साधु संत आते हैं. ऐसे में कुछ ढोंगी पाखंडी और फर्जी बाबा भगवा धारण करके श्रद्धालुओं ले ठगी करते हैं. इसके लिए अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने पहल की है. अखाड़ा परिषद ने ऐसे लोगों को मेले में जमीन व अन्य सुविधाएं न दिए जाने की मांग प्रयागराज मेला प्राधिकरण से की है.
फर्जी बाबाओं से जनता भी बनाए दूरी
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी का कहना है कि महाकुंभ में फर्जी, पाखंडी और ढोंगी बाबाओं की हरकतों से संत समाज की छवि खराब होती है. जिस पर नियंत्रण करने के लिए अखाड़ा परिषद ने तैयारी की है. जिसके तहत ऐसे साधु संतों को चिन्हित किया जाएगा और इसकी सूचना प्रयागराज मेला प्राधिकरण को दी जाएगी. महंत रविंद्र पुरी ने लोगों से अपील की है कि वे झूठे फरेबी पाखंडी और अंधविश्वास फैलाने वाले बाबाओं के पास जाने से परहेज करें. असाध्य रोगों का इलाज करने और चमत्कार दिखाने वालों से सावधान रहें. महंत रवींद्र पुरी ने कहा कि भगवा और साधु भेषधारी से सबसे सतर्क रहने की जरूरत बीवी बच्चे और परिवार वाले लोगों को है.
महाकुंभ से 45 हजार से अधिक परिवारों को मिलेगा रोजगार
उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने 'अतिथि देवो भव:' की संकल्पना पर श्रद्धालुओं और पर्यटकों को सुविधाएं और वातावरण प्रदान करने की तैयारी में जुटी है. प्रयागराज महाकुंभ के लिए विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. जिससे महाकुंभ के दौरान न सिर्फ वेंडर्स और सेवा प्रदाताओं की आय बढ़ेगी, बल्कि 45 हजार से अधिक परिवारों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार भी मिलेगा. इसके साथ ही समस्त धार्मिक पर्यटन स्थलों के आसपास भी रोजगार के नए स्रोत विकसित होंगे.
कौशल विकास और प्रबंधन से यूपी में बदली रही पर्यटन की तस्वीर
प्रयागराज की क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह का कहना है कि प्रयागराज महाकुंभ में पर्यटकों से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से संपर्क में आने वाले सभी सेवा प्रदाताओं को प्रशिक्षित करने का अभियान शुरू किया गया है. नाविकों, टूर गाइड, स्ट्रीट वेंडर्स और स्ट्रीट वेंडर्स जैसे सेवा प्रदाताओं को कौशल विकास और मैनेजमेंट की ट्रेनिंग दी जा रही है.
रिवर गाइड होंगे नाविक :महाकुंभ के दृष्टिगतपर्यटन विभाग 2000 नाविकों को प्रशिक्षण दे रहा है. क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह बताती हैं कि पर्यटन विभाग ने मान्यवर कांशीराम पर्यटन प्रबंधन संस्थान और एक अन्य संस्था के साथ एक एमओयू साइन किया है. जिसके अंतर्गत यह ट्रेनिंग चल रही हैं. जिसमें अभी तक 300 नाविकों को कौशल विकास की ट्रेनिंग दी जा चुकी है. इस प्रशिक्षण से नाविक अब नौकायन से आगे बढ़कर रिवर गाइड की भूमिका का निर्वहन कर सकेंगे. इससे नदियों में धार्मिक स्थलों के किनारे नाव चलाने वाले हजारों नाविकों को रोजगार मिलेगा और पर्यटन स्थलों का वातावरण भी बेहतर होगा. इसके अलावा 1000 टूर गाइड को स्किल डेवलेपमेंट और मैनेजमेंट की ट्रेनिंग प्रदान की जा रही है. टूर गाइड के 7 बैच की ट्रेनिंग पूरी हो चुकी है. जिसमें 420 टूर गाइड प्रशिक्षित होकर सेवाएं देने को तैयार हैं.
45 हजार से अधिक परिवारों को मिलेगा रोजगार