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सरगुजा में भूमाफिया का गजब का खेला, फर्जी आदेश जारी कर सरकारी जमीन पर कब्जा - MAFIAS CAPTURED GOVERNMENT LAND

राजस्व मंडल का फर्जी आदेश जारी कर जमीन माफिया ने सरकार की बेशकीमती जमीन पर कब्जा जमा लिया.

mafias captured government land
फर्जी आदेश जारी कर सरकारी जमीन पर कब्जा (ETV Bharat)

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Nov 15, 2024, 8:44 PM IST

सरगुजा: जमीन पर कब्जा किए जाने की खबरें आपने पढ़ी और सुनी होगी. लेकिन ऐसा पहली बार आपने सुना होगा जब मफिया ने फर्जी आदेश ही जारी करवा दिया. आरोपी है कि भूमिया ने राजस्व मंडल का फर्जी आदेश जारी कर सरकार की बेशकीमती जमीन पर कब्जा कर लिया. जमीन माफिया ने न सिर्फ सरकार जमीन पर कब्जा किया बल्कि फर्जी आदेश के दम पर आदिवासी और सरकारी जमीनों को दूसरे के नाम ट्रांसफर भी कर दिया. शिकायत तब पकड़ में आई जब अंबिकापुर के तहसीलदार उमेश्वर सिंह को एक फर्जी आदेश पर शक हुआ. जांच में आदेश फर्जी निकला जिसके बाद पूरा मामला खुला.

फर्जी आदेश पर सरकारी और आदिवासी जमीन पर कब्जा: अम्बिकापुर तहसीलदार उमेश्वर सिंह बाज ने बताया कि सिर्फ अम्बिकापुर तहसील क्षेत्र में 17 प्रकरण सामने आए हैं. जो प्रकरण सामने आए हैं उसमें 12 मामलों में भूमि को वापस शासकीय मद में दर्ज कर संबंधित 12 मामलो में एफआईआर दर्ज कराई जा रही है. इतना ही नहीं ये मामला संभाग में अन्य तहसीलों में भी है. धीरे धीरे अब राजस्व मंडल के फर्जी आदेश के मामलो की जांच हो रही है. जांच के दौरान अब तक संभाग में 42 मामले इस तरह के सामने आ चुके हैं.

फर्जी आदेश जारी कर सरकारी जमीन पर कब्जा (ETV Bharat)

लगातार तीन मामले इस तरह के सामने आए जिसके बाद मुझे शक हुआ कि कुछ गड़बड़ी है. जांच हुई तो पूरे मामले का खुलासा हो गया. :उमेश्वर सिंह बाज, तहसीलदार, अम्बिकापुर

प्रशासन अगर पूरे घटनाक्रम की जांच नहीं कराता और संबंधित लोगों पर केस दर्ज नहीं होता है तो मैं अपराध दर्ज कराउंगा.:दिनेश सोनी, आरटीआई कार्यकर्ता

तहसीलदार को हुआ शक तब खुला खेल: अम्बिकापुर तहसीलदार उमेश्वर सिंह बाज ने बताया कि हमारे तहसील क्षेत्र में राजस्व मंडल के आदेश आ रहे थे. जो आदेश आ रहे थे उसमेंं शासकीय भूमि को निजी मद में दर्ज करने का आदेश था. जब 3 मामले आये तो शक हुआ की राजस्व मंडल इस तरह के आदेश कैसे कर सकता है. कलेक्टर साहब को जानकारी दी गई और जांच की गई. जांच में पता चला की ये आदेश फर्जी हैं. राजस्व मंडल के वो प्रकरण जिनमें किसी अन्य व्यक्ति का आदेश है उस क्रमांक का इस्तेमाल कर ये आदेश भेजे गये थे. शक तब हुआ जब आदिवासी की जमीन को गैर आदिवासी के नाम पर स्थानन्तरित करने का आदेश मिला. ऐसा कोई भी आदेश बिना कलेक्टर की मंजूरी के नहीं आगे बढ़ाया जाता है. 17 मामले ऐसे आये जिनमें 12 में एफआईआर दर्ज किया गया है.

आरटीआई कार्यकर्ता ने जताया शक: आरटीआई कार्यकर्ता दिनेश सोनी का कहना है कि पहले भू माफिया जमीन में फर्जीवाड़ा करते थे अब वो न्यायालय के दस्तावेजों में भी कूटरचित छेड़छाड़ कर फर्जीवाड़ा कर रहे हैं. संभाग भर में इस तरह के मामले सामने आए हैं. मैंने आरटीआई के तहत जानकारी निकाली है, जिनमें करीब 42 मामले अब तक सामने आ चुके हैं. इनमे पूरी जानकारी मिलने के बाद अगर प्रशासन ने संबंधित लोगों पर कार्रवाई नही की तो मैं अपराध दर्ज कराऊंगा.

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