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एक राज्य 5 रिकॉर्ड, लोकसभा चुनाव में बजा ऐसा डंका कि कांग्रेस बीजेपी दे रहे शाबाशी - Five Records Made In MP

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jun 4, 2024, 10:09 PM IST

Updated : Jun 5, 2024, 8:14 AM IST

लोकसभा चुनाव 2024 में मध्य प्रदेश ने पांच रिकॉर्ड बनाए है. जो किसी भी राज्य से अलग है. इन पांच रिकॉर्ड के साथ मध्य प्रदेश देश में चर्चा का विषय बन गया है. आइए जानते हैं वे पांच रिकॉर्ड कौन से हैं.

NOTA RECORD IN INDORE
एक राज्य 5 पांच रिकॉर्ड (ETV Bharat)

भोपाल। मध्य प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों के परिणाम आ चुके हैं. प्रदेश की पूरी 29 सीटों पर कांग्रेस का सूपड़ा हो गया है. मतलब बीजेपी ने क्लीन स्वीप करते हुए पूरी सीटों पर जीत हासिल की है. इस लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश की यह जीत आम जीत नहीं है. इस जीत के साथ पांच रिकॉर्ड भी बने हैं. जी हां देश में मध्य प्रदेश एक ऐसा राज्य है, जिसने जीत के साथ पांच रिकॉर्ड अपने नाम किया है. जिसमें सबसे पहला रिकॉर्ड क्लीन स्वीप किया है. इसके साथ ही प्रत्याशियों की बड़े अंतर की जीत ने भी सभी चौंकाया है. पढ़िए क्या हैं वो पांच रिकॉर्ड...

पहला रिकॉर्ड, बीजेपी ने किया क्लीन स्वीप

इस बार चुनाव में देश में मध्य प्रदेश इकलौता ऐसा राज्य है, जहां बीजेपी ने क्लीन स्वीप किया है. या कहें कि बीजेपी ने कांग्रेस को चारों खाने चित कर दिए हैं. मध्य प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों पर बीजेपी ने जीत हासिल की है. इस जीत में विपक्षी पार्टी के कई दिग्गजों को बुरी हार का सामना भी करना पड़ा है. दिग्विजय सिंह, कांतिलाल भूरिया, नकुलनाथ जैसे नेताओं को करारी हार मिली है.

साल 2019 में बीजेपी ने 29 में से 28 सीटों पर जीत हासिल की थी. एक सीट पर कांग्रेस को जीत मिली थी. वह सीट कमलनाथ का गढ़ कही जाने वाली छिंदवाड़ा सीट थी, लेकिन इस बार बीजेपी ने एड़ी चोटी का जोर लगाकर छिंदवाड़ा में भी कमल खिला ही दिया है. 44 साल की राजनीति में पहली बार छिंदवाड़ा में बीजेपी को जीत का मुंह देखने मिला है. लिहाजा 29 सीटों पर क्लीन स्वीप के साथ बीजेपी ने रिकॉर्ड बनाया है.

नोटा ने बनाया देश में रिकॉर्ड

इस बार के चुनाव एक सबसे मजेदार रिकॉर्ड नोटा ने बनाया है. प्रदेश की इंदौर लोकसभा सीट पर नोटा ने 2 लाख से ज्यादा वोट लेकर देश में रिकॉर्ड बना दिया है. वैसे तो इंदौर स्वच्छता और खान पान में नंबर वन पहले से ही है. अब वोट के मामले में नंबर-1 बन गया है. दरअसल, देश में नोटा के पक्ष में सबसे ज्यादा वोट डालने का रिकॉर्ड इंदौर ने अपने नाम किया है. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बिहार के गोपालगंज में मतदाताओं ने नोटा के पक्ष में 51607 वोट दिए थे. इस बार इंदौर में भाजपा उम्मीदवार शंकर लालवानी और नोटा के बीच हुई टक्कर में नोटा के पक्ष में 2 लाख से ज्यादा वोट पड़े हैं. जो अब तक के मतदान रिकॉर्ड में सर्वाधिक बताए गए हैं.

देश में सबसे ज्यादा वोटों से जीते शंकर लालवानी
शंकर लालवानी बीजेपी प्रत्याशी (ETV Bhara)

तीसरा रिकॉर्ड भी इंदौर लोकसभा सीट से जुड़ा हुआ है. इंदौर लोकसभा सीट पर जहां नोटा ने 2 लाख वोट लेकर रिकॉर्ड बनाया, तो वहीं बीजेपी प्रत्याशी शंकर लालवनी ने सबसे ज्यादा वोटों से जीतने का भी रिकॉर्ड बनाया है. यहां भाजपा प्रत्याशी शंकर लालवानी को सबसे बड़ी जीत मिली है. लालवानी 11 लाख 75 हजार 92 वोट से जीते हैं. इस बार के जीत के अंतर का यह आंकड़ा सबसे ज्यादा है. बता दें इस सीट से बीजेपी के शंकर लालवानी के खिलाफ कांग्रेस ने अक्षय कांति बम को उतारा था, लेकिन नामांकन वापसी के आखिरी दिन कांति बम ने अपना नामांकन वापस ले लिया था. जिसके बाद कांग्रेस से यहां कोई प्रत्याशी नहीं था और कांग्रेस ने नोटा को समर्थन दिया. इतना ही नहीं कांग्रेस ने नोटा पर वोट डालने के लिए प्रचार भी किया था.

शिवराज ने बनाया जीत का रिकॉर्ड
बीजेपी प्रत्याशी शिवराज सिंह चौहान (ETV Bharat)

बीजेपी का गढ़ मानी जाने वाली विदिशा लोकसभा सीट शिवराज सिंह ने जीत की लय बरकरार रखी. यहां बीजेपी ने अपने कद्दावर नेता शिवराज सिंह को उम्मीदवार बनाया था. जहां शिवराज सिंह ने अपना ही रिकॉर्ड तोड़ते हुए प्रचंड वोटों से जीत हासिल की है. चुनाव में शिवराज सिंह को 11 लाख 16 हजार 460 वोट मिले हैं. जबकि कांग्रेस प्रत्याशी भानू प्रताप को 2 लाख 95 हजार 52 वोटों से ही संतोष करना पड़ा. लिहाजा शिवराज ने 8 लाख 21 हजार 408 वोटों से जीत हासिल की है. विधानसभा चुनाव में भी शिवराज ने 1 लाख 4 हजार 974 वोटों से जीत पाई थी.

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प्रंचड वोटों के साथ जीते 'महाराज'
बीजेपी प्रत्याशी ज्योतिरादित्य सिंधिया (ETV Bharat)

इसके बाद चौथा व आखिरी रिकॉर्ड केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के नाम रहा है. इस चुनाव में सिंधिया ने अपनी हार का बदला लिया और गुना-शिवपुरी सीट से जीत हासिल की. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 5 लाख 40 हजार 929 वोटों से रिकॉर्ड जीत हासिल की है. सिंधिया को 9 लाख 23 हजार 302 मत मिला. जबकि कांग्रेस प्रत्याशी यादवेंद्र सिंह को 3 लाख 82 हजार 373 वोट मिले. सिंधिया का यह रिकॉर्ड इसलिए हैं, क्योंकि पिछले लोकसभा चुनाव में इसी सीट से सिंधिया को हार का सामना करना पड़ा था. तब सिंधिया कांग्रेस से प्रत्याशी थे और उन्हें बीजेपी के केपी यादव ने हरा दिया था. इसके बाद बीजेपी में शामिल होकर कांग्रेस की सरकार गिराने तक सिंधिया चर्चाओं में रहे. इस बार बीजेपी ने सिंधिया को प्रत्याशी बनाया था, तो वहीं कांग्रेस इतिहास दोहराते हुए यादव कार्ड खेला और राव यादवेंद्र यादव को टिकट दिया था, लेकिन गुना-शिवपुरी की जनता ने प्रचंड वोटों के साथ सिंधिया को जीत दिलाई.

सिंधिया ने दिया धन्यवाद

वहीं बड़ी जीत के बाद सिंधिया ने अपने कार्यकर्ताओं का आभार माना है. उन्होंने कहा कि 'इस युद्ध में आपने और हमने बीजेपी का जो परचम लहराया है. हृदय की गहराइयों से अपने सेनापतियों धन्यवाद करता हूं. हमने सबने साथ मिलकर ये युद्ध लड़ा. में जीवन के अंतिम क्षण में आपका ही रहूंगा. उन्होंने कहा कि विकास के रास्ते पर आगे ले जाने के लिए आज देश में सशक्त और मजबूत सरकार मोदी के नेतृत्व में तीसरी बार बनने जा रही है. उसके लिए भी सभी लोगों को शुभकामनाएं."

Last Updated : Jun 5, 2024, 8:14 AM IST

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