Mohan Govt Suspend Builder License:मध्य प्रदेश में अब अवैध कॉलोनी बनाने वाले बिल्डरों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. लाइसेंस सस्पेंड के साथ एफआईआर जैसी कार्रवाई भी की जाएगी. कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि अवैध कॉलोनियों से संंबंधित जो नियम राज्य शासन ने बनाए हैं उन्हें सख्ती से लागू करवाया जाएगा. बता दें कि शुक्रवार को नगरीय विकास और आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने प्रदेश के सभी नगर निगम आयुक्तों और महापौर की बैठक ली थी और अवैध कॉलोनियों को लेकर सभी अधिकारियों को सख्त हिदायत दी है. बैठक में नगरी विकास और आवास के प्रमुख सचिव और आयुक्त भी मौजूद थे.
बिल्डर,कॉलोनाइजर का लाइसेंस होगा सस्पेंड
मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बैठक में स्पष्ट कर दिया है कि प्रदेश में कहीं भी कॉलोनी बन रही है तो बगैर नियम कायदे के इसे बनाने वाले बिल्डरों और कॉलोनाइजरों के लाइसेंस सस्पेंड किये जाएंगे और अवैध कॉलोनी के नियमानुसार कड़ी कार्रवाई करते हुए एफआईआर भी दर्ज करवाई जाएगी. उन्होंने कहा कि एक ऐसी मॉनिटरिंग टीम भी बनाई जाएगी जो ऐसी कॉलोनी पर निगरानी रखेगी.
'अवैध कॉलोनी में लोग क्यों बनाते हैं घर'
कैलाश विजयवर्गीय का लोगों से कहना है कि वे ऐसी कॉलोनियों में घर या प्लॉट खरीदने से बचें जहां बिल्डर ने कोई सुविधा नहीं दी है. लोगों को कॉलोनी की परमिशन के बारे में जानकारी लेना चाहिए. बगैर सुविधा वाली कॉलोनी में लोग घर क्यों बनाते हैं. ऐसी कॉलोनी में फिर लोग मूलभूत सुविधाओं के लिए परेशान होते हैं. बिल्डर सरकार के साथ लोगों को भी चूना लगाते हैं. अब ऐसे बिल्डरों के खिलाफ शासन सख्ती से निपटेगा वहीं लोग भी सतर्क रहें और अवैध कॉलोनियों में घर नहीं बनाएं. ऐसे कई बिल्डर टॉउन एंड कंट्री प्लानिंग समेत नगर निगम से बगैर परमिशन के कॉलोनी बना लेते हैं. ऐसे कॉलोनाइजरों के लिए एक मॉनिटरिंग टीम भी तैयार की जा रही है.
अवैध कॉलोनियों में समस्याओं का अंबार
राजधानी समेत हर जिले में एक-दो नहीं कई अवैध कॉलोनियां बनी हुईं हैं. बिल्डर ने कॉलोनी काटी और प्लॉट बेच दिए. कुछ समय बाद लोगों ने मकान बनाना शुरू कर दिए और धीरे-धीरे बगैर सुविधाओं के ही लोगों ने वहां रहना शुरू कर दिया. इसके बाद यही लोग कॉलोनी में बिजली,पानी,सड़क,स्ट्रीट लाइट,पार्क जैसी सभी सुविधाओं की मांग करने लगते हैं और शासन और प्रशासन के लिए परेशानी होती है. जबकि ये सभी सुविधाएं कॉलोनी बनाने के पहले बिल्डर या कॉलोनाइजर को उपलब्ध कराना है लेकिन वह अपना मुनाफा कमाकर ऐसी ही किसी दूसरी कॉलोनी बनाने में लग जाता है. जब लोगों को परेशानी होती है तो सरकार पर दबाव बनाते हैं. राजधानी के आसपास ऐसी कई अवैध कॉलोनियां हैं.