मध्यप्रदेश।मध्यप्रदेश में मानव अधिकारों के हनन की घटनाएं लगातार सामने आ रही है. इन घटनाओं को लेकर मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लिया है और इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों से जवाब तलब किया है. आयोग के अध्यक्ष मनोहर ममतानी ने 5 मामलों में जिम्मेदार अधिकारियों से तय समय सीमा के अंदर जवाब मांगा है. इसमें क्षिप्रा नदी में सीवेज का गंदा पानी मिलना, झाबुआ में मजदूरी मांगने पर आदिवासी युवक को सजा देने जैसे मामले शामिल हैं.
इन पांच मामलों में मानव अधिकार आयोग ने जवाब तलब किया है
- कटनी में एंबुलेंस नहीं मिलने पर रिक्शा से पति को लेकर अस्पताल पहुंची पत्नी
- उज्जैन में क्षिप्रा नदी में सीवेज का गंदा पानी मिलना
- झाबुआ में मजदूरी मांगने पर आदिवासी युवक को दी सजा
- मंदसौर हॉस्पिटल की ओपीडी में डॉ. लिख रहे है मरीजों को बाहरी दवाईयां
- भोपाल में सोशल मीडिया पर फर्जी आई.डी. बनाकर वायरल किए अश्लील फोटो
अब डीटेल में जानें इन मामलों को, जिनपर लिया गया संज्ञान
वृद्ध को एंबुलेंस नहीं मिलने का मामला
कटनी जिले के खिरहनी फाटक क्षेत्र में बीते मंगलवार एक मरीज को एंबुलेंस नहीं मिलने का मामला सामने आया है. एंबुलेंस नहीं मिलने पर मरीज की वृद्ध पत्नी को रिक्शा से अस्पताल लाना पड़ा. खिरहनी फाटक क्षेत्र में रहने वाले वृद्ध को चलने में दिक्कत होने और अचानक तबीयत बिगड़ने पर पत्नी ने एंबुलेंस बुलाने का प्रयास किया. एंबुलेंस नहीं मिलने पर पत्नी खुद हाथ रिक्शा से ढोकर पति को अस्पताल ले गई. इस मामले को संज्ञान में लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने सीएमएचओ, कटनी से घटना की जांच कर इसमें की गई कार्रवाई के सम्बन्ध में तीन सप्ताह में जवाब मांगा है.
क्षिप्रा में सीवेज का गंदा पानी मिलने का मामला
उज्जैन में क्षिप्रा नदी के रामघाट पर सीवेज का दूषित पानी मिलने का मामला सामने आया है. इससे नदी का पानी दूषित हो रहा है. चैत्र पूर्णिमा के अवसर पर नदी में स्नान करने आए श्रद्धालुओं को दूषित पानी के कारण बिना स्नान किए वापस लौटना पड़ा. मामले में संज्ञान लेते हुए मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने उज्जैन कलेक्टर और नगर निगम आयुक्त से मामले की जांच कराने के निर्देश दिए हैं. वहीं जल-प्रदूषण रोकने और इस संबंध में की गई कार्रवाई को लेकर तीन सप्ताह में जवाब मांगा है.
झाबुआ में मजदूरी मांगने पर आदिवासी युवक को सजा