मध्यप्रदेश से राज्यसभा प्रत्याशी एल मुरुगन के नाम पर बीजेपी की दोबारा क्यों लगी मुहर
MP BJP Rajya Sabha candidates : मध्यप्रदेश से राज्यसभा प्रत्याशी के रूप में बीजेपी ने 4 नाम घोषित किए हैं. एक नाम केंद्रीय मंत्री मुरुगन का भी है. तमिलनाडु से आने वाले मुरुगन के नाम पर बीजेपी ने दोबारा मोहर क्यों लगाई, क्या है इसके पीछे का गणित. समझते हैं.
भोपाल।बीजेपी ने केन्द्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान समेत कई निवर्तमान सांसदों को दोबारा राज्यसभा भेजने में हाथ खींच लिये हैं. फिर क्या वजह है कि केन्द्रीय मंत्री एल मुरुगन को दोबारा एमपी से ही राज्यसभा में भेजा जा रहा है. तमिलनाडु से आने वाले मुरुगन के नाम पर पार्टी की पॉजीटिव मार्किंग की वजह क्या है. क्या दक्षिण में पैर मजबूत कर रही बीजेपी की कोशिश का हिस्सा है ये. दूसरी तरफ SC वर्ग को आगे बढ़ाने का संदेश भी है. वहीं, जिस तरह से बीजेपी ने चौंकाने वाले नाम दिए हैं, उन्हें देखकर लग रहा है कि सब बदल डालने के मोड में है बीजेपी.
तमिलनाडु में बीजेपी का आधार बढ़ाने की कोशिश
बीजेपी की रणनीति भी ये रही है कि इस बार हर वर्ग को साधते हुए ज्यादा से ज्यादा नए चेहरों को मौका दिया जाए. जिस तरह का प्रयोग पार्टी ने एमपी, छत्तीसगढ और राजस्थान में मुख्यमंत्री के चुनाव में किया, कमोबेश वही प्रयोग राज्यसभा में भी दिखाई दे रहा है. लेकिन जब एमपी से माया नारोलिया, बंशीलाल गुर्जर और उमेश नाथ महाराज जैसे चौंकाने वाले नाम थे, तब केन्द्रीय मंत्री एल मुरुगन को दोबारा मौका पार्टी ने क्यों दिया.
एल मुरुगन के नाम पर बीजेपी की दोबारा लगी मुहर
राजनीतिक विश्लेषक क्यों मानते हैं तुरुप का पत्ता
वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक ऋषि पाण्डे कहते हैं "दक्षिण का ही हिस्सा है कि जहां अब बीजेपी को अपना विजय अभियान छेड़ना बाकी है. इस लिहाज से देखिए तो तमिलनाडु से आने वाले मुरुगन का नाम दोबारा राज्यसभा उम्मीदवारों की सूची में चौकाता नहीं है. फिर दूसरी दिक्कत ये भी थी कि वे जिस राज्य तमिलनाडु से आते हैं, वहां संख्या बल के हिसाब से उनकी राज्यसभा में जाने की स्थिति मजबूत नहीं थी. इसी वजह से भी उन्हें एमपी से दोबारा मौका दिया गया."
केन्द्रीय मंत्री एल मुरुगन को एमपी से राज्यसभा में भेजे जाने के साथ पार्टी ने ये संदेश भी दिया है कि जमीन से उठकर लंबे संघर्ष के बाद सत्ता तक पहुंचे नेताओं के लिए पार्टी में मौके की कमी नहीं. जिस समय एल मुरुगन केन्द्रीय मंत्री बने थे. तब उनके खेत मे काम करने वाले माता-पिता की तस्वीर और कहानी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई थी. बेटे के केन्द्रीय मंत्री बन जाने के बावजूद किस तरह से मुरुगन के माता-पिता अब भी खेत में मजदूरों की तरह काम करके अपना गुजर बसर करते हैं. तब भी बीजेपी ने ये बताने की कोशिश की थी किस वर्ग के लोगों को सत्ता मे भागीदारी दी गई है.