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एक ऐसा मंदिर जहां बिना मूर्ति के होती है पूजा, पूरी होती है हर मुराद, पीतल की घंटी चढ़ाते हैं भक्त, जानिए खासियत - LUCKNOW MARI MATA MANDIR

लखनऊ का एक ऐसा मंदिर जहां बिना मूर्ति के लोग पूजा करते है. मान्यता है कि इस मंदिर में मांगी गई हर मुराद पूरी होती है. मन्नत पूरी होने पर भक्त यहां पर पीतल की घंटी चढ़ाते हैं.

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इस मंदिर में बिना मूर्ति के होती है पूजा (Etv Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 21, 2024, 9:36 AM IST

Updated : Jul 21, 2024, 10:46 AM IST

मरी माता मंदिर की खासियत और मान्यताओं की जानकारी देते स्थानीय (Etv Bharat)

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की राजधानी में कई मंदिर हैं. इनमें कोई खूबसूरत मूर्ति के लिए तो कोई खास मान्यताओं के लिए पहचाना जाता है, लेकिन यहां एक ऐसा भी मंदिर है जहां कोई मूर्ति नहीं है. किसी पुरानी मान्यता का निर्वहन भी यहां नहीं होता है. इसके बावजूद रोजाना सैकड़ों लोगों की भीड़ यहां माथा टेकने और अपनी मुराद मांगने आते हैं. राजधानी के सुल्तानपुर रोड के किनारे अर्जुनगंज में मरी माता का मंदिर है. इस मंदिर में आने वाले लोगों की मुरादें पूरी होती है. मां से मांगी हुई मुराद पूरी करने पर यहां घंटियां लगाई जाती है. इनका संख्या अनगिनत है.आइए जानते हैं मरी माता के मंदिर की खासियत.

पुल किनारे एक पेड़ में बांधी चुनरी की होती है पूजा :ईटीवी भारत की टीम लखनऊ- सुल्तानपुर रोड पर अर्जुनगंज इलाके में सड़क किनारे बने मरी माता मंदिर की मान्यता, उसके चमत्कार और इतिहास को जानने के लिए पहुंची. मंदिर में एक पेड़ में बांधी चुनरी दिखी और उसी की पूजा करने वाली सोनम यादव मिलीं. सोनम बीते 10 वर्षों से इस मंदिर की पूजा पाठ कर रहीं हैं. उनसे पहले उनके पिता नंद किशोर यादव पूजा पाठ और देख रेख करते थे.

सोनम ने बताया कि, करीब 30 वर्ष पहले उनके पिता नंद किशोर ने इस मंदिर में पहली बार पूजा पाठ शुरू की थी. सोनम बताती हैं कि उनके पिता बताते हैं कि यह मंदिर करीब 150 वर्ष पुराना है. वहीं, मंदिर के सेवादार सौरभ बताते हैं कि करीब, 30 वर्ष पहले उनके पिता को सपने में मां ने दर्शन दिए और कहा कि पुल के पास एक ताखा बनवा दो. उन्होंने दूसरे ही दिन लखनऊ-सुल्तानपुर हाईवे पर आकर एक ताखा देवी मां के नाम की बनाई और पूजा करने लगे. देखते ही देखते यहां से गुजरने वाले भक्त यहां आने लगे और पूजा करने लगे.

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जिसने मुराद मांगी हुई पूरी :सोनम के मुताबिक, इस मंदिर में जो भी आता है, उसकी मुराद पूरी होती है. जिसे बच्चे का सुख चाहिए, नौकरी की तलाश हो या फिर अन्य कोई समस्या इस मंदिर में माथा टेकने पर उसकी मुराद पूरी हो जाती है. मुराद पूरी होने पर भक्त को यहां एक घंटी बांधनी होती है. सोनम बताती हैं कि, वैसे तो रोजाना यहां सैकड़ों लोग पूजा पाठ करने आते हैं. लेकिन, सोमवार और शुक्रवार को सबसे अधिक भीड़ रहती है. खास बात यह है, कि यह मंदिर कभी भी बंद नहीं होता है. रोजाना शाम 7 से 8 बजे के बीच आरती होती है.

मरी माता मंदिर में दर्शन करने आईं राम कली ने बताया, कि मरी माता के चमत्कार की कल्पना नहीं की जा सकती है. जो भी व्यक्ति यहां धन, सुख, बच्चा, नौकरी और बीमारी को लेकर यहां मुराद मांगने आया, उसकी मांग मां पूरी करती है. रामकली ने बताया, कि वो यहां बचपन से ही आ रही है. जब भी उन्होंने माता से कुछ मांगा है, वो पूरा हुआ है. वहीं, दिनेश मिश्रा कहते है, कि जब भी वो इस रस्ते से गुजरते हैं तो मां की दहलीज पर माथा जरूर टेकते हैं. सुल्तानपुर से वो पहली बार 20 वर्ष पहले लखनऊ इलाज करवाने आए थे. बहुत परेशान थे, लेकिन जब उन्होंने मरी माता से मुराद मांगी तो वो पूरी हो गई. तब से ही वो यहां आते रहते हैं.

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Last Updated : Jul 21, 2024, 10:46 AM IST

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