लखनऊ : केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर में मरीजों को बेहतर इलाज मुहैया कराने के लिए 5 नए सीएमओ (चीफ मेडिकल अफसर) की तैनाती की गई है. ये सीएमओ ट्रॉमा कैजुअल्टी समेत दूसरे विभागों में इलाज की व्यवस्था की निगरानी करेंगे. दिक्कतों को तत्काल दूर करने का प्रयास करेंगे. अब तक ट्रामा सेंटर दो सीएमओ के भरोसे ही संचालित हो रहा था.
ट्रॉमा सेंटर में 400 से अधिक बेड हैं. ज्यादातर बेड हमेशा भरे रहते हैं. बेड भरने की दशा में स्ट्रेचर पर मरीजों को इलाज उपलब्ध कराया जाता है. करीब 150 स्ट्रेचर हैं. ट्रामा की व्यवस्था की निगरानी के लिए अभी तक 2 सीएमओ तैनात थे. मरीजों का दबाव बढ़ने पर व्यवस्थाओं को बनाए रखने में अड़चन आ रही थी. मरीजों की सहूलियतों के लिए पांच और सीएमओ को तैनात किया गया है.
ये कैजुअल्टी समेत दूसरे विभाग में इलाज की व्यवस्था की निगरानी करेंगे. जरूरत पड़ने पर सहयोग प्रदान करेंगे. दवा, रूई-पट्टी, साफ-सफाई, रेजिडेंट डॉक्टर-कर्मचारी आदि की कमी की दशा में उसे दूर करने का प्रयास करेंगे. इसके अलावा 42 नॉन पीजी जूनियर रेजिडेंट कैजुअल्टी में हैं. अभी तक इनकी संख्या 32 थी. एक शिफ्ट में 10 सर्जिकल व 10 मेडिसिन के नॉन पीजी जेआर तैनात रहते हैं. इसके अलावा 18 जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर कैजुअल्टी में मरीजों के इलाज के लिए तैनात हैं.
डॉक्टर-कर्मचारी विवाद की होगी जांच :केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग में डॉक्टर-कर्मचारी के बीच हुआ विवाद फिर गर्मा गया है. भगवान की मूर्ति को फेंकने के मामले में बीजेपी कार्यकर्ता ने मुख्यमंत्री व डीजीपी को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की है. वहींं इस घटना में मामले की जांच के लिए केजीएमयू सीएमएस के नेतृत्व में 5 सदस्यीय जांच कमेटी बनी है. कमेटी कमरे में माैजूद दूसरे कर्मचारियों के बयान दर्ज करेगी. साक्ष्य के आधार पर आगे की कार्रवाई होगी.
केजीएमयू में क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग में एक डॉक्टर व कनिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी के बीच किसी बात को लेकर बीते दिनों विवाद हुआ था. आरोप है विवाद के बीच मेज पर रखी मूर्ति को डॉक्टर ने तोड़ दिया था. इसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर सामने आई थी. डॉक्टर की शिकायत पर कर्मचारी का दंत संकाय में तबादला कर दिया गया, जबकि आरोपी डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई तक नहीं हुई.
कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस पर नाराजगी जाहिर की. अंबेडकर नगर स्थित खत्री टोला निवासी व भाजपा कार्यकर्ता अनिल मिश्र ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर डॉक्टर पर कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने कहा कि यदि जल्द ही कार्रवाई नहीं हुई तो अमरण अनशन करेंगे. केजीएमयू प्रवक्ता डॉ. केके सिंह ने बताया मामले की जांच के लिए सीएमएस के नेतृत्व में पांच सदस्यीय कमेटी बनाई गई है. कमेटी सभी बिंदुओं की जांच करेगी. घटना के वक्त कमरे में मौजूद दूसरे कर्मचारियों के बयान दर्ज किए गए जाएंगे. आरोप सही मिले तो संबंधित डॉक्टर पर कार्रवाई की संस्तुति होगी.
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