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बच्चों को देशी घी खिलाने से पहले ये पढ़ें: ब्रांडेंड कंपनियों से एक्सपायरी घी खरीद नई पैकिंग में बेचते थे, ऐसे हुआ खुलासा - Action by food safety department - ACTION BY FOOD SAFETY DEPARTMENT

लखनऊ खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम (Action by Food Safety Department) ने छापेमारी कर आलमबाग क्षेत्र में नकली घी बनाने वाली बालाजी ट्रेडिंग कंपनी का भंडाफोड़ किया है. कंपनी मालिक कृष्ण गोपाल अग्रवाल की फैक्ट्री से 60 लाख का नकली देशी घी बरामद किया है.

लखनऊ में पकड़ी गई नकली देशी घी बनाने वाली कंपनी.
लखनऊ में पकड़ी गई नकली देशी घी बनाने वाली कंपनी. (Photo Credit: ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 14, 2024, 7:42 AM IST

Updated : Sep 15, 2024, 11:53 AM IST

लखनऊ : कहीं आप नकली देशी घी तो नही खा रहे है वो भी हाइड्रोजेनेटेड तेल और घटिया वनस्पति मिला हुआ. ये सवाल इसलिए पूछा जा रहा है क्योंकि फूड सेफ्टी विभाग की टीम ने लखनऊ से 60 लाख का नकली देशी घी बरामद किया है. नकली घी खराब क्वालिटी के तेल जैसे वेजिटेबल तेल, पिघला हुआ बटर, डालडा, हाइड्रोजेनेटेड तेल और आलू को मिलाकर बनाया जा रहा था. यह नकली घी पूरे प्रदेश में सप्लाई किया जा रहा था.

ऐसे करें नकली घी की पहचान. (Photo Credit: ETV Bharat)


फूड सेफ्टी विभाग के सहायक आयुक्त विजय प्रताप सिंह ने बताया कि आलमबाग की बालाजी ट्रेडिंग कंपनी में छापेमारी की गई थी. जहां 10 क्विंटल से ज्यादा नकली घी जब्त कर किया गया. जिसकी कीमत 60 लाख 26 हजार रुपये है. 1905 लीटर पुराना देशी घी भी जब्त किया गया. उन्होंने बताया कि कृष्ण गोपाल अग्रवाल की फैक्ट्री से 11 ब्रांडेड कंपनियों के देशी घी भी बरामद किए गए हैं. अग्रवाल अपने ही घर के निचले हिस्से में स्थित कारखाने में यह गोरखधंधा चला रहे थे.


सहायक आयुक्त फूड सेफ्टी ने बताया कि फैक्ट्री मालिक नकली घी बना कर अलग अलग ब्रांड जैसे अमूल, माधव, संस्कार, पारस और मधुसूदन ब्रांड के एक किलो व आधा किलो पैकिंग में तैयार करते थे. फिर उन्हें बाजार में बेचने के लिए सप्लाई किया जाता था. इनके खुद के ब्रांड का नाम मारुति नंदन, गोमती नंदन और अवंतिका है.




ब्रांडेड कंपनियों के एक्सपायरी घी खरीदते थे

सहायक आयुक्त विजय प्रताप सिंह ने बताया कि बालाजी ट्रेडिंग कंपनी बाजार से कई ब्रांडेड कंपनियों के एक्सपायरी देशी घी खरीदती थी. उसी घी को अपने कारखाने में नए सिरे से तैयार करने के बाद कंपनी का ब्रांड लगाकर बेच दिया जाता था. कंपनी का यह गोरखधंधा बीते 6 वर्षों से चल रहा था. इस नकली घी की सप्लाई पूरे प्रदेश में होती थी.

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Last Updated : Sep 15, 2024, 11:53 AM IST

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