लखनऊ :बलरामपुर अस्पताल में जल्द ब्रेन स्टेम इवोक्ड रिस्पॉन्स ऑडियोमेट्री (BERA) जांच शुरू हो सकेगी. इसके लिए मुख्य चिकित्साधिकारी स्तर से बलरामपुर अस्पताल को मशीन दी जा रही है. मशीन को स्थापित कराने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है. बेरा मशीन से मरीजों के साथ ही मेडिकल या दिव्यांग बोर्ड में आने वालों की जांच कराई जा सकेगी. अभी तक किसी भी सरकारी अस्पताल में बेरा जांच की सुविधा नहीं है. केजीएमयू, लोहिया और पीजीआई में इसकी सुविधा होने से लंबी वेटिंग रहती है. इन संस्थानों पर जांच के लिए पूरे प्रदेश से लोग आते हैं. एक व्यक्ति की जांच करने में करीब एक घंटे का समय लगता है. रिपोर्ट भी देरी से आती है. कुछ सरकारी नौकरियों में भी यह जांच अनिवार्य की गई है. इससे लोगों को जांच के लिए इंतजार करना पड़ता है. कई जगह पर वेटिंग एक साल से भी अधिक की है. इस जांच के लिए निजी केंद्रों पर तीन हजार रुपये तक लिए जाते हैं.
डॉक्टरों के मुताबिक जांच से अनुमानित औसत श्रवण सीमा स्तर की जानकारी मिलती है. इस मशीन से मरीज के कान में ध्वनि दी जाती है. आमतौर पर बच्चों में यह जांच अधिक की जाती है. बेरा जांच करने से पहले बच्चे को बेहोश कर दिया जाना चाहिए. सोने के बाद ऑडियोलॉजिस्ट जेल के माध्यम से इलेक्ट्रोड लगाते हैं. बेरा परीक्षण सोने के बाद 30 मिनट का समय लेगा, लेकिन पूरी जांच में एक घंटे लगता है. इस जांच से यह पता चलता है कि बच्चे के तंत्रिका तंत्र के कौन से हिस्से उसकी सुनने की क्षमता को प्रभावित करते हैं. ध्वनियों के प्रति श्रवण तंत्रिका की प्रतिक्रिया को एबीआर परीक्षण से मापा जाता है. यह तब किया जाता है जब शिशु या बच्चा जन्म के तुरंत बाद सुनने की स्क्रीनिंग में फेल हो जाता है.
सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल के मुताबिक फिलहाल बलरामपुर अस्पताल में एक नई बेरा मशीन लगवाई जाएगी. अस्पताल में आने वाले ईएनटी के मरीजों के साथ ही मशीन से मेडिकल या दिव्यांग बोर्ड में आने वाले मरीजों की भी जांच कराई जा सकेगी.