मथुरा: कान्हा की नगरी मथुरा में दक्षिण भारत शैली के प्रमुख मंदिर रंगनाथ रंगजी मंदिर में शुक्रवार को लाखों भक्तों की भीड़ उमड़ी. मौका था साल में एक बार खुलने वाला बैकुंठ द्वार जो सिर्फ बैकुंठ एकादशी पर ही खुलता है. बैकुंठ द्वार पर विराजमान होकर मां लक्ष्मी जी और विष्णु जी ने भक्तों को दर्शन दिए. बैकुंठ एकादशी पर लाखों श्रद्धालुओं ने दर्शन पूजा अर्चना और वृंदावन की परिक्रमा की. साथ ही रंगनाथ भगवान को पालकी में विराजमान कर मंदिर परिसर में भ्रमण कराया गया.
पौराणिक मान्यता है कि बैकुंठ द्वार से जो भक्त भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के दर्शन करता है उसे बैकुंठ लोक की प्राप्ति होती है. दक्षिण भारत शैली के प्रमुख मन्दिर में शुक्रवार को बैकुंठ एकादशी हर्षोल्लास के साथ मनाई गई. वृंदावन रंगनाथ मंदिर में शुक्रवार को बैकुंठ द्वार भी खोला गया. जो कि साल में एक बार ही दर्शन के लिए खोला जाता है. शुक्रवार सुबह ब्रह्म मुहूर्त में भगवान रंगनाथ माता गोदा जी पालकी में विराजमान हो कर बैकुंठ द्वार पहुंचे. यहां भगवान रंगनाथ की पालकी करीब आधा घंटे तक द्वार पर खड़ी रही ताकि बैकुंठ द्वार खुलने का समय होने के बाद ही भगवान ने उनको दर्शन दिए