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'काराकाट सीट से कोई समझौता नहीं', महाबली सिंह बोले-'इसमें किंतु-परंतु की कोई गुंजाइश ही नहीं'

JDU MP Mahabali Singh: बेगूसराय और आरा की तरह काराकाट लोकसभा सीट पर भी 2024 चुनाव की घोषणा से पहले ही एक बार फिर से चर्चा में आ गया है. काराकाट सीट उपेंद्र कुशवाहा की चाहत है, जबकि यहां से जेडीयू सांसद महाबली सिंह फिर से यहां चुनाव लड़ने की पूरी तैयारी में हैं. महाबली सिंह ने कहा की दावेदारी तो कई लोग करते हैं, लेकिन यह सीटिंग सीट है इस पर कोई समझौता नहीं होगा. इसको लेकर ईटीवी भारत से खास बातचीत में जिले में उपलब्धि को गिनाया. पढ़ें पूरी खबर.

JDU MP Mahabali Singh
JDU MP Mahabali Singh

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Mar 18, 2024, 6:03 AM IST

JDU MP Mahabali Singh

पटना: लोकसभा चुनाव की घोषणा हो गई है. बिहार में 7 चरणों में चुनाव होंगे. एनडीए में अब तक सीटों की घोषणा नहीं हुई है. महाबली सिंहकाराकाट से दबंग नेता के तौर पर जाने जाते हैं, लेकिन यह सीट उपेंद्र कुशवाहा के कारण चर्चा में है. इस सीट पर लड़ाई भी जबरदस्त होने वाली है. उपेंद्र कुशवाहा के दावेदारी पर काराकाट के वर्तमान जेडीयू सांसद महाबली सिंह ने कहा कि दावेदारी तो कई लोग करते हैं, लेकिन यह सीटिंग सीट है इस सीट पर कोई समझौता नहीं होगा.

2009 में भी महाबली सिंह सांसद थे: महाबली सिंह जदयू के सांसद हैं. 2009 में भी महाबली सिंह जदयू के सांसद बने थे, लेकिन 2014 के चुनाव में यहां से उपेंद्र कुशवाहा सांसद बने थे, जब नीतीश कुमार एनडीए से बाहर हो गए थे. अब महाबली सिंह को उम्मीद है कि यह सीटिंग सीट है इसलिए जदयू की ओर से उन्हें फिर से मौका मिलेगा. जब उनसे ईटीवी भारत के संवाददाता ने सीधे सवाल किए तो उन्होंने क्या कहा? नीचे पढ़ें पूरा सवाल जवाब-

रिपोर्टरः पांच साल के कार्यकाल में उपलब्धि क्या रही?
महाबली सिंह:5 साल के दौरान जनता के बीच ही हम रहे हैं. जनता की समस्याओं का समाधान करते रहें. चुनाव के समय जनता की मांग थी कि रोहतास में हवाई अड्डा बने और डालमिया नगर में रेल बैगन फैक्ट्री बने. इन सबको हमने संसद में उठाया सरकार की तरफ से आश्वासन भी मिला. बिहटा से औरंगाबाद रेलवे लाइन के लिए इस साल बजट में राशि भी दी गई है. डेहरी में डालमिया नगर फैक्ट्री को लेकर भी आश्वासन मिला था लेकिन उस पर काम नहीं हुआ.

5 साल के फंड से क्या-क्या काम आपने किया?
महाबली सिंह:हर साल 5 करोड़ का फंड मिलता है. जनता की जो भी मांग होती है उसके हिसाब से हम लोग काम करते हैं. 2 साल तो कोरोना के कारण कुछ काम नहीं हुआ, लेकिन जितने भी अस्पताल, प्रखंड कार्यालय और 1 हजार स्कूल में आरओ प्लांट लगाया. कई स्थानों पर हाईमास्क भी हमने लगाया है. कई विद्यालयों में हमने बेंच और टेबल देने का काम किया है. हर प्रखंड में टाउन हॉल और सामुदायिक भवन सहित शवदाहगृह और अन्य निर्माण भी किए हैं.

संसदीय फंड में से कितना प्रतिशत राशि बचा हुआ है ?
महाबली सिंह:जहां तक मेरे फंड का एक भी पैसा बचा हुआ नहीं है. हमने सब राशि खर्च कर दिया है.

5 साल में कौन सा ऐसा काम है जो अधूरा रह गया?
महाबली सिंह:डेहरी डालमियानगर में जो रेलवे की फैक्ट्री बनाने की घोषणा की गई थी शिलान्यास भी हुआ, लेकिन उसे पर कोई काम नहीं हुआ तो इसको लेकर हमने संसद में कई बार उठाया.

महागठबंधन में जाने से क्या नुकसान हुआ?
महाबली सिंह:मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जो भी फैसला लेते हैं बिहार की जनता के हित में फैसला लेते हैं, इसलिए उनके फैसले से कभी नुकसान नहीं बल्कि फायदा हुआ है.

2019 में एनडीए ने 39 सीट पर जीत हासिल की थी इस बार क्या होगा?
महाबली सिंह:हम लोग 40 में से 40 सीट जीतेंगे.

काराकाट सीट पर उपेंद्र कुशवाहा की दावेदारी
महाबली सिंह:पुनः एनडीए का अंग बनने के साथ ही जेडीयू और भाजपा में जीती हुई सीटों को लेकर सबकुछ फाइनल है. इसमें किंतु-परंतु की कोई गुंजाइश नहीं है. दावेदारी तो एक सीट पर कई लोग करते हैं लेकिन यह सीटिंग सीट है. इस पर कोई समझौता नहीं.

तेजस्वी के नेतृत्व में महागठबंधन से क्या कोई चुनौती मिलेगी?
महाबली सिंह:बिहार में महागठबंधन से कोई चुनौती नहीं है. ऐसे तो चुनाव होगा तो लड़ाई तो होगी ही. इसके लिए हमलोग पूरी तरह से तैयार हैं.

कभी कांग्रेस का गढ़ था: काराकाट लोकसभा क्षेत्र 2008 के परिसीमन के बाद अस्तित्व में आया था. 2009 में पहली बार रोहतास जिले के नोखा काराकाट और डेहरी विधानसभा क्षेत्र और औरंगाबाद की ओबरा और नवीनगर सीट को मिलाकर इस लोकसभा क्षेत्र बना पूर्व के बिक्रमगंज लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत भोजपुरी की पीरो, रोहतास का काराकाट बिक्रमगंज नोखा दिनारा और डेहरी विधानसभा सीट शामिल थी कभी कांग्रेस का गढ़ था.

2014 में उपेंद्र कुशवाहा से हार गये थे महाबली सिंह:2014 में उपेंद्र कुशवाहा जब एनडीए में थे तो यहां से सांसद बने थे. उसे समय महाबली सिंह को उन्होंने हराया था. अब उपेंद्र कुशवाहा फिर से एनडीए में आ चुके हैं और इस सीट पर उनकी दावेदारी है, लेकिन पिछले 5 सालों में महाबली सिंह का दावा है कि काराकाट के लोगों की समस्याओं का समाधान किया है कुछ चीज अधूरी रह गई है इसके लिए लगातार प्रयास करते रहे हैं.

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