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सहरसा लॉज में रहकर छात्रा करती थी पीजी की पढ़ाई, कमरा बंद कर उठाया खौफनाक कदम - STUDENT KILLED HERSELF

सहरसा में छात्रा ने आत्महत्या कर ली है. छात्रा तीन महीने से किराये का कमरा लेकर पीजी की करती थी पढ़ाई. पढ़ें पूरी खबर.

सहरसा में छात्रा ने की आत्महत्या
सहरसा में छात्रा ने की आत्महत्या (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Feb 13, 2025, 4:23 PM IST

सहरसा: बिहार के सहरसा में सदर थाना क्षेत्र के एक लॉज में छात्रा ने आत्महत्या कर ली है. सूचना पर पहुंची सदर थाना की पुलिस ने एफएसएल की टीम के साथ कमरे का दरवाजा तोड़ कर शव बरामद किया. घटना के बाद से इलाके में सनसनी फैल गई. पुलिस हरेक पहलू पर जांच कर रही है. वहीं मौत की खबर सुनकर परिजन परेशान हो गए.

सहरसा में आत्महत्या: बताया जा रहा है कि, बनगांव थाना क्षेत्र की रहने वाली 20 वर्षीय युवती तीन महीने से किराये मकान में रहती थी, लेकिन आज सुबह उसके बगल के किरायेदार ने बताया कि युवती के कमरे में कोई चहलकदमी नहीं है. उसका कमरा भीतर से बंद है. ऐसे में मकान मालिक ने सदर थाने की पुलिस को फोन पर जानकारी दी. जहां सदर थाने की पुलिस पहुंची और मामले की कार्रवाई में जुट गयी.

पुलिन ने परिजनों को बुलाया: मृतका की भाभी ने कहा कि वह किराये के मकान में रहकर पीजी की पढ़ाई किया करती थी, लेकिन उसने आत्महत्या क्यों कर ली, उन्हें भी पता नहीं है. सदर थानाध्यक्ष सुबोध कुमार ने कहा कि घटना की सूचना पर मृतक के परिजनों को बुलाया गया. जिनके समक्ष बंद कमरे को तोड़ा गया और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

"घटना की सूचना पर मृतका के परिजनों को बुलावाया गया. जिनके समक्ष बंद कमरे को तोड़ा गया और शव को कब्जे में लिया गया है. एफएसएल की टीम मौके पहुंच कर मामले की तहकीकत में जुट गई है."- सुबोध कुमार, सदर थानाध्यक्ष, सहरसा

युवाओं में बढ़े आत्महत्या के मामले: छात्रों में आत्महत्या जैसी घटनाओं में इन दिनों काफी इजाफा हुआ है. युवाओं के बीच डिप्रेशन की समस्या बढ़ती जा रही है. ऐसा बताया जाता है कि भारत में किशोरावस्था के (15-19 वर्ष) के बीच आत्महत्या मृत्यु का चौथा प्रमुख कारण है. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के अनुसार, आत्महत्या के सभी मामलों में से 40 प्रतिशत से अधिक मामले 30 वर्ष से कम आयु के युवाओं में होते हैं.

नोट: मानसिक परेशानी और तनाव से जूझ रहे लोगों के लिए यह जरूरी है कि वे किसी से बात करें. सही समय पर मदद लेने से स्थिति बेहतर हो सकती है और आत्महत्या जैसी दुखद घटनाओं को रोका जा सकता है. इन हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क कर सकते हैं.

आसरा हेल्पलाइन- 080-25497777

स्नेहा फाउंडेशन हेल्पलाइन नंबर- 04424640050 (24x7 उपलब्ध)

जीवनआस्था हेल्पलाइन - 18002333330

टेलिमानस हेल्पलाइन नंबर- 1800914416

iCall, TISS (टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज)- 9152987821

ईमेल- icall@tiss.edu

फेसबुक- iCALL Psychosocial Helpline

एक्स- @iCALLhelpline

NIMH हेल्पलाइन : 988

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सहरसा में आत्महत्या: बताया जा रहा है कि, बनगांव थाना क्षेत्र की रहने वाली 20 वर्षीय युवती तीन महीने से किराये मकान में रहती थी, लेकिन आज सुबह उसके बगल के किरायेदार ने बताया कि युवती के कमरे में कोई चहलकदमी नहीं है. उसका कमरा भीतर से बंद है. ऐसे में मकान मालिक ने सदर थाने की पुलिस को फोन पर जानकारी दी. जहां सदर थाने की पुलिस पहुंची और मामले की कार्रवाई में जुट गयी.

पुलिन ने परिजनों को बुलाया: मृतका की भाभी ने कहा कि वह किराये के मकान में रहकर पीजी की पढ़ाई किया करती थी, लेकिन उसने आत्महत्या क्यों कर ली, उन्हें भी पता नहीं है. सदर थानाध्यक्ष सुबोध कुमार ने कहा कि घटना की सूचना पर मृतक के परिजनों को बुलाया गया. जिनके समक्ष बंद कमरे को तोड़ा गया और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

"घटना की सूचना पर मृतका के परिजनों को बुलावाया गया. जिनके समक्ष बंद कमरे को तोड़ा गया और शव को कब्जे में लिया गया है. एफएसएल की टीम मौके पहुंच कर मामले की तहकीकत में जुट गई है."- सुबोध कुमार, सदर थानाध्यक्ष, सहरसा

युवाओं में बढ़े आत्महत्या के मामले: छात्रों में आत्महत्या जैसी घटनाओं में इन दिनों काफी इजाफा हुआ है. युवाओं के बीच डिप्रेशन की समस्या बढ़ती जा रही है. ऐसा बताया जाता है कि भारत में किशोरावस्था के (15-19 वर्ष) के बीच आत्महत्या मृत्यु का चौथा प्रमुख कारण है. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के अनुसार, आत्महत्या के सभी मामलों में से 40 प्रतिशत से अधिक मामले 30 वर्ष से कम आयु के युवाओं में होते हैं.

नोट: मानसिक परेशानी और तनाव से जूझ रहे लोगों के लिए यह जरूरी है कि वे किसी से बात करें. सही समय पर मदद लेने से स्थिति बेहतर हो सकती है और आत्महत्या जैसी दुखद घटनाओं को रोका जा सकता है. इन हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क कर सकते हैं.

आसरा हेल्पलाइन- 080-25497777

स्नेहा फाउंडेशन हेल्पलाइन नंबर- 04424640050 (24x7 उपलब्ध)

जीवनआस्था हेल्पलाइन - 18002333330

टेलिमानस हेल्पलाइन नंबर- 1800914416

iCall, TISS (टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज)- 9152987821

ईमेल- icall@tiss.edu

फेसबुक- iCALL Psychosocial Helpline

एक्स- @iCALLhelpline

NIMH हेल्पलाइन : 988

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