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गोपालगंज में क्यों नाराज हो गए मतदाता? वोट बहिष्कार से अधिकारी के हाथ-पांव फूले - Voters Boycott Voting In Gopalganj - VOTERS BOYCOTT VOTING IN GOPALGANJ

Voting In Gopalganj: बिहार के गोपालगंज लोकसभा क्षेत्र में दो बूथों पर मतदाताओं ने मतदान नहीं किया है. अपनी मांग को लेकर लोगों ने वोट का बहिष्कार कर दिया है. लोगों का कहना है कि गांव की एक छोटी सी समस्या को दूर नहीं किया गया इसलिए वे लोग वोट नहीं करेंगे. पढ़ें पूरी खबर.

गोपालगंज में वोट का बहिष्कार
गोपालगंज में वोट का बहिष्कार (ETV Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : May 25, 2024, 3:02 PM IST

गोपालगंज में वोट का बहिष्कार (ETV Bharat)

गोपालगंजःबिहार के गोपालगंज में मतदान का बहिष्कार का मामला सामने आया है. जिले मांझा प्रखंड के गांव के ग्रामीणों ने ढाला निर्माण की मांग को लेकर वोट का बहिष्कार किया है. जिला प्रशासन की टीम अक्रोशित ग्रामीणों को समझाने बुझाने की पूरी कोशिश कर रही है लेकिन ग्रामीण मानने के लिए तैयार नहीं है.

बूथों पर सन्नाटाः स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन लिखित आश्वासन दे कि रेलवेलाइन पर ढाला का निर्माण किया जाएगा. इसके बाद ही मतदान किया जाएगा. लोगों के बहिष्कार के कारण दो बूथों पर दोपहर 12 बजे तक सन्नाटा पसरा रहा. सिर्फ पुलिसकर्मी और मतदानकर्मी ही बूथ पर नजर आ रहे हैं. इससे प्रशासन के सामने गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है.

गोपालगंज में मतदाता का इंतजार करते कर्मी (ETV Bharat)

ढाला निर्माण की मांगः बता दें कि मांझा प्रखंड के भटवलिया गांव निवासी काफी दिनों से ढाला निर्माण कराने के लिए कई अधिकारियों को आवेदन दिया. मांग को लेकर कई बार विरोध प्रदर्शन भी किया गया. वोट बहिष्कार करने की चेतावनी भी दी गई थी. इसके बावजूद ढाला का निर्माण नहीं किया गया. इसी कारण लोगों ने मतदान करने से मना कर दिया है.

मात्र दस वोट पड़ेः भटवलिया गांव के उत्क्रमित मध्य विद्यालय में दो बूथ बनाए गए थे. बूथ संख्या 51 पर कुल मतदाता की संख्या 1031 है. महिला 512 और पुरुष मतदाता 519 हैं. बूथ संख्या 52 पर कुल 1103 मतदाता है, जिसमें पुरुष 561 और महिला मतदाताओं की संख्या 542 है. शुरुआत में बूथ संख्या 52 पर मात्र दस मत पड़े हैं.

गोपालगंज में मतदाता का इंतजार करते कर्मी (ETV Bharat)

बीच में रेलवे लाइन होने से समस्याः स्थानीय लोगों ने बताया कि बच्चे पढ़ने के लिए रेलवे लाइन के उसपर जाया करते हैं. खेत भी उसी पार है. गांव और सड़क की दूरी काफी कम थी लेकिन रेलवे द्वारा कराये जा रहे काम के दौरान सड़क का सम्पर्क टूट गया है. अब 9 से 10 किलोमीटर का सफर तय कर जाना पड़ता है.

"इस गांव की आबादी लगभग 6 हजार है. गांव के बीच में रेलवे लाइन है जिसपर एक ढाला हुआ करता था. उसी ढाला के माध्यम से हमलोग आसानी से आवागमन करते थे लेकिन रेलवे के काम के दौरान उसे तोड़ दिया गया. फिर से उसे नहीं बनाया गया. इस कारण लोगों को 9 से 10 किमी का सफर करना पड़ता है. जिला प्रशासन लिखित आश्वासन दें इसके बाद वोटिंग की जाएगी. "-स्थानीय मतदाता

गोपालगंज में अपने बच्चों के साथ मिलकर प्रदर्शन करते ग्रामीण (ETV Bharat)

समझाने में जुटी प्रशासन की टीमः लोगों ने बताया कि कई एकड़ खेती प्रभावित हो रही है. इन तमाम समस्याओं को लेकर ग्रामीण एकजुट होकर ढाला निर्माण को लेकर आवाज उठा रहे हैं. इस संदर्भ में जोनल मजिस्ट्रेट श्रीकृष्ण राम ने बताया कि लोगों को समझाने का प्रयास किया जा रहा है. आशा है कि लोग मान जाएंगे और वोट करने के लिए आएंगे.

"मामले की जानकारी मिलने के बाद लोगों को समझाने का प्रयास किया जा रहा है. उम्मीद है लोग मतदान करने के लिए आएंगे."-श्रीकृष्ण राम, जोनल मजिस्ट्रेट

गोपालगंज लोकसभा क्षेत्र में कुल 2 हजार 6 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. इस सीट पर वर्तमान सांसद आलोक कुमार सुमन (JDU) और महागठबंधन की ओर से वीआईपी प्रत्याशी प्रेमनाथ चंचल उर्फ चंचल पासवान के बीच मुकाबला है. 4 जून को रिजल्ट आने के बाद फैसला हो जाएगा कि गोपालगंज में किसकी जीत होगी.

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