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दुमका की जनता का मिजाज समझना एनडीए और इंडिया ब्लॉक दोनों के लिए चुनौती! जानिए क्या कहते हैं आंकड़े

दुमका लोकसभा क्षेत्र में जनता के मिजाज को समझना NDA और I.N.D.I.A. दोनों के लिए चुनौती है. 2019 लोकसभा चुनाव में भाजपा ने छह में चार विधानसभा पर लीड बनाई थी, जबकि 2019 के ही विधानसभा चुनाव में छह में पांच पर झामुमो और कांग्रेस की जीत हुई हुई थी. ऐसे में ये जानना दिलचस्प होगा कि 2024 में क्या होगा.

mood of people of Dumka
mood of people of Dumka

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Mar 17, 2024, 7:24 PM IST

दुमका: 2024 के लोकसभा चुनाव में दुमका सीट पर अंतिम चरण में 1 जून को मतदान होगा. इसके लिए राजनीतिक दलों से लेकर प्रशासन सभी तैयारियों में लगे हैं. पूर्व के लोकसभा चुनाव में वोट देने के मामले में दुमका की जनता का मिजाज अजीबोगरीब नजर आया है. 2019 के मई माह में वोटिंग हुई थी तभी मोदी लहर में दुमका लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले छह विधानसभा क्षेत्र में चार को भाजपा ने जीत लिया था. सिर्फ पांच माह बाद जब झारखंड में विधानसभा चुनाव हुए तो स्थिति पलट गई और छह विधानसभा में पांच पर झामुमो-कांग्रेस ने जीत हासिल किया. ऐसे में भाजपा और महागठबंधन दोनों को जनता का मिजाज समझ में नहीं आया. अब जब फिर से लोकसभा चुनाव का बिगुल बज गया है तो दोनों को जनता का मत पाने के लिए एड़ी चोटी एक करना होगा.

2019 लोकसभा चुनाव में के विधानसभा वार आंकड़ों पर डालते हैं नजर

दुमका लोकसभा क्षेत्र में छह विधानसभा क्षेत्र हैं. इनमें दुमका, जामा, शिकारीपाड़ा, जामताड़ा, नाला और सारठ है. 2019 के लोकसभा चुनाव में सीधा मुकाबला भारतीय जनता पार्टी के सुनील सोरेन और झारखंड मुक्ति मोर्चा के शिबू सोरेन के बीच हुआ था. इसमें सुनील सोरेन ने लगभग 47 हजार मतों से गुरुजी को शिकस्त दी थी. इस चुनाव में दुमका, जामा, नाला और सारठ विधानसभा की जनता ने भाजपा को लीड दिलाई थी. जबकि शिकारीपाड़ा और जामताड़ा में झामुमो सुप्रीमो आगे थे. अगर विधानसभा वार मिले मतों के आंकड़े पर नजर डालें तो वह इस प्रकार था.

इस तरह स्पष्ट है कि मोदी लहर में भारतीय जनता पार्टी ने चार विधानसभा पर लीड की थी जबकि झारखंड मुक्ति मोर्चा सिर्फ दो पर आगे थी. ऐसे में आठ बार के सांसद शिबू सोरेन को पराजय मिली थी.

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2019 के विधानसभा चुनाव में स्थिति पलटी

लोकसभा चुनाव में जनता को नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाना था तो वे मोदी लहर के साथ थे. पर सिर्फ छह माह के बाद 2019 में ही जब झारखंड में विधानसभा चुनाव हुए तो भारतीय जनता पार्टी को इन छह विधानसभा सीट में सिर्फ एक (सारठ) पर जीत मिली. जबकि चार ( दुमका , जामा , शिकारीपाड़ा , नाला ) पर झारखंड मुक्ति मोर्चा और एक सीट (जामताड़ा) में कांग्रेस ने जीत हासिल की.

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जनता के नब्ज़ को पकड़ना चुनौती

इन आंकड़ों से यह स्पष्ट है कि 2024 के चुनाव में दुमका लोकसभा क्षेत्र की जनता का समझना एनडीए और I.N.D.I.A. दोनों गठबंधन के लिए एक बड़ी चुनौती होगी. दोनों गठबंधन को जनता को अपन पक्ष का वोटर मानना गलत साबित हो सकता है. अभी वर्तमान में भाजपा ने फिर से सुनील सोरेन को अपना प्रत्याशी बनाया है. जबकि झारखंड मुक्ति मोर्चा ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं. देखना दिलचस्प होगा कि इस बार मोदी लहर फिर से सर चढ़कर बोलता है या फिर 2019 के विधानसभा चुनाव की तरह वोटर झामुमो और कांग्रेस पर विश्वास जताती है.

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