पटना:लोकसभा चुनाव के पहले चरण में 19 अप्रैल को मतदान हुआ था, लेकिन मतदान का प्रतिशत उम्मीद के मुताबिक काफी कम रहा. जिससे सभी राजनीतिक दलों की चिंताएं बढ़ गई हैं. बिहार में 26 अप्रैल को दूसरे चरण का चुनाव होना है. एनडीए और महागठबंधन दोनों खेमे में बेचैनी का आलम है और नेता वोट प्रतिशत बढ़ाने की जुगत में है. वैसे भी सीमांचल अधिक वोटिंग प्रतिशत के लिए जाना जाता है.
कम वोटिंग से बढ़ी टेंशन: तपतपाती गर्मी के चलते लोग मतदान करने के लिए बूथों पर नहीं पहुंचे. जहां पहले अच्छी खासी वोटिंग होती थी वहां पहले चरण में मतदान काफी कम हुआ. कम मतदान पार्टियों के लिए भी परेशानी का सबब बन गया है. बिहार में पहले चरण के दौरान लगभग 48% वोटिंग हुई जो कि पिछले लोकसभा चुनाव के मुकाबले 5% काम था. दूसरे चरण में सीमांचल से राजनीतिक दलों और नेताओं की वोट परसेंट को लेकर आस जरूर बंधी है.
वोटिंग में कटिहार अव्वल: पिछले कुछ लोकसभा चुनाव के आंकड़े या बताते हैं कि सीमांचल इलाके में वोटिंग के मामले में कटिहार अव्वल रहा है पूर्णिया और किशनगंज भी वोटिंग प्रतिशत को लेकर बेहतर प्रदर्शन के लिए जाना जाता है. 2009 के लोकसभा चुनाव में कटिहार मैं 56.95% वोटिंग हुए थे जबकि पूर्णिया में 53.99% वोटिंग दर्ज की गई थी किशनगंज में 52.54% वोटरों ने वोट किए थे. सबसे अधिक वोटिंग लगभग 57% कटिहार में हुए थे.
2014 चुनाव में किशनगंज दूसरे स्थान पर रहा:2014 के लोकसभा चुनाव में एक बार फिर कटिहार में अधिक वोटिंग ट्रेंड देखने को मिला 67.60% लोगों ने मत का इस्तेमाल किया. इस बार भी कटिहार अव्वल रहा. किशनगंज में 64.52 प्रतिशत मतदान हुए तो पूर्णिया में 64.31 प्रतिशत मतदान हुए. 2019 के लोकसभा चुनाव में भी मतदान के मामले में कटिहार सबसे ऊपर रहा और 67.64% वोटिंग हुई दूसरे स्थान पर किशनगंज रहा. जहां 66.38 प्रतिशत वोटरों ने अपने मत का इस्तेमाल किया. पूर्णिया में 65.37% मतदाताओं ने अपने मत का इस्तेमाल किया.
"यह लड़ाई संविधान बढ़ाने की है और सीमांचल के लोग संविधान बचाने में पीछे नहीं रहेंगे. भाजपा ने जिस तरीके से संविधान बदलने की बात कही है. वैसे में सीमांचल के लोग अधिक से अधिक संख्या में वोट करेंगे और महागठबंधन वहां मजबूत होकर उभरेगी."-कारी साहब, आरजेडी नेता
वोटिंग में इजाफा बदलाव का देता है संकेत:2019 में भागलपुर में 58.20% मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया था. 2009 में भागलपुर में 43.89% मतदाताओं ने वोट किया था जबकि 2014 में यह आंकड़ा बढ़कर 57. 80% हो गया था. भागलपुर में वोटिंग प्रतिशत में जब भी इजाफा होता है तब वहां बदलाव दिखता है.
"कम वोटिंग परसेंट को लेकर हम चिंतित हैं, लेकिन उम्मीद की जाती है कि दूसरे चरण में वोटिंग प्रतिशत में इजाफा होगा और अधिक से अधिक वोटर मतदान केंद्र तक पहुंचेंगे. वोटिंग अगर अधिक होगा तो फायदा एनडीए को मिलेगा."- पीयूष शर्मा, भाजपा प्रवक्ता