पटनाःराज्यसभा के पूर्व सांसद और आरजेडी के कद्दावर नेता अशफाक करीम ने आरजेडी से इस्तीफा दे दिया. अशफाक करीम कटिहार से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे लेकिन कटिहार सीट पर अब कांग्रेस के तारिक अनवर महागठबंधन के उम्मीदवार हैं. अशफाक को इस बात का मलाल है कि उन्हें पहले कटिहार से टिकट का भरोसा दिया गया और फिर उनके साथ पार्टी ने खेला कर दिया. ईटीवी भारत से बातचीत में उन्होंने आरजेडी पर कई गंभीर आरोप लगाए.
'अल्पसंख्यकों के साथ नाइंसाफी':अशफाक करीम ने कहा कि "वो व्यक्तिगत लाभ को लेकर आरजेडी से नाराज नहीं है, सच्चाई तो ये है कि आरजेडी में अल्पसंख्यकों के साथ नाइंसाफी हुई है.जो हक अल्पसंख्यकों को मिलना चाहिए था वह नहीं दिया जा रहा है.बिहार में 18 फीसदी आबादी वाले मुसलमानों को आरजेडी ने सिर्फ दो जगहों से ही टिकट देने लायक समझा."
'लालू ने नहीं सुनी कोई बात':अशफाक करीम का कहना है कि जब लालू प्रसाद से मिलकर उन्होंने इस विषय पर बात की तो लालूजी ने कहा कि क्या आपके कहने से मुसलमान मेरा साथ छोड़ देगा तो मैंनेलालू जी से साफ तौर पर कह दिया था कि साथ छोड़ने की बात नहीं है, मैं सिर्फ मुसलमान की हक की बात आपसे करने के लिए आया हूं. लेकिन लालू प्रसाद यादव ने उनकी बात नहीं सुनी."
'कटिहार से टिकट का वादा किया गया था':अशफाक करीम ने कहा कि खुद लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव ने उन्हें लोकसभा चुनाव की तैयारी के लिए कहा था, जिसके बाद वो कटिहार में चुनावी तैयारियों में जुट गये थे. लेकिन अंत में उनके साथ खेल हो गया और सीट कांग्रेस के खाते में चली गयी. उन्होंने खुलासा किया कि "पूर्णिया सीट आरजेडी के खाते में जाने के कारण ही कांग्रेस को कटिहार सीट देनी पड़ी."
'आरजेडी को सिर्फ मुसलमानों का वोट चाहिए':पूर्व राज्यसभा सांसद ने आरोप लगाया कि "आरजेडी सिर्फ मुसलमानों का वोट लेना जानती है. तभी आबादी के हिसाब से जहां मुसलमानों को 5 से 6 सीट मिलनी चाहिए थी वहां आरजेडी ने सिर्फ दो सीट ही दिए. उन्हें अपने टिकट कटने का दुःख नहीं है लेकिन जिस तरह से पहले तैयारी के लिए बोला गया और फिर टिकट काटा गया वो उचित नहीं था."