छिंदवाड़ा।छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर बीजेपी व कांग्रेस दोनों ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. कांग्रेस ने अपने वर्तमान सांसद नकुल नाथ पर फिर भरोसा जताया है तो भाजपा ने दो बार विधानसभा चुनाव हार चुके विवेक बंटी साहू पर फिर दांव खेला है. दोनों दलों ने लोकसभा चुनाव के लिए अपने चेहरे तो जाहिर कर दिए लेकिन दोनों को अपनों की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. बीजेपी में गुटबाजी चरम पर तो कांग्रेस से नेताओं का पलायन शुरू हो गया है.
छिंदवाड़ा में कांग्रेस व बीजेपी में समस्याएं कम नहीं
भाजपा को कांग्रेस से मुकाबला करने के साथ ही पार्टी में जारी गुटबाजी से भी जूझना पड़ रहा है. वहीं कांग्रेस को पार्टी से अपनों नेताओं द्वारा पार्टी छोड़ने के झटके झेलने पड़ रहे हैं. लोकसभा चुनाव जीतने का दम भर रहे दोनों दलों ने अब तक गुटबाजी और पलायन रोकने की दिशा में कोई कारगर कदम नहीं उठाए. बीजेपी में टिकट पाने की कतार में एक दर्जन से अधिक दावेदार थे. ऐसे में माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में टिकट से वंचितों का भी एकगुट दिखाई पड़ सकता है. भाजपा में गुटबाजी सड़क पर आ चुकी है.
बीजेपी में बीते 4 साल से गुटबाजी, अब हालात और बिगड़े
छिंदवाड़ा में भाजपा में बीते चार साल से गुटबाजी है. एक गुट जिला संगठन से जुड़ा हुआ है तो दूसरा गुट वरिष्ठ नेताओं की सरपरस्ती में अडिग है. नगर निगम चुनाव में दोनों गुटों ने एक-दूसरे को नीचा दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. विधानसभा चुनाव के दौरान भी भाजपा में गुटबाजी चरम पर रही. टिकट कटवाने से लेकर हरवाने तक में दोनों गुटों ने खुलेआम अपनी भूमिका निभाई. परिणामों के बाद फिर शिकवा शिकायतों का दौर चला. आरोप-प्रत्यारोप के साथ नेता सड़क पर आ गए थे.